मेन्यूअल प्रक्रिया अपनाये जाने से देर से मिल रहा प्रमाण पत्र
उज्जैन, अग्निपथ। एक ओर तो नगर निगम दावा कर रहा है कि जनसुविधा के विभिन्न कामों को किसी भी नागरिक को निगम कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है। भारत सरकार का आरईवीएएमपीईडी एप के बार बार बंद होने और करक्शन आने के कारण मेन्यूअली बनाने में समय लग रहा है, जिसके चलते लोग प्रमाण पत्र लेने के लिये निगम के चक्कर काट रहे हैं।
भारत सरकार ने विगत मई माह में जो आरईवीएएमपीईडी एप लांच किया है, उससे निगम कर्मियों को काम करने में परेशानी आ रही है। बार बार सर्वर डाऊन हो रहा है, साथ ही करेक्शन भी आ रहे हैं। जिसके चलते लोगों को प्रमाण पत्र बनवाने के लिये निगम के चक्कर काटना पड़ रहे हैं। वहीं बच्चे के जन्म की जानकारी अस्पतालों और मृत्यु की जानकारी चक्रतीर्थ के माध्यम से निगम कार्यालय के पास पहुंच जाती है, जिसका समस्त डाटा निगम में सुरक्षित रहता है। बावजूद अगर कोई नागरिक व्यस्तता अथवा भूलवश जन्म अथवा मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं बनवा पाया या उससे पास जन्म या मृत्यु होने का प्रमाण नहीं है तो संबंधित कार्यालय से उसे रिकॉर्ड लाने का कहकर बैरंग भी लौटाया जा रहा है। जबकि जन्म और मृत्यु की जानकारी निगम कार्यालय, जिला सांख्यिकी विभाग और भारत सरकार को भी भेजी जाती है। अगर किसी नागरिक के पास रिकॉर्ड नहीं है तो नगर निगम के पास रजिस्टर में दर्ज जानकारी से भी प्रमाण पत्र जारी कर सकता है।
जन्म के प्रतिदिन 80 से 100 फार्म आ रहे
नगरनिगम की जन्म मृत्यु शाखा में प्रतिदिन जन्म के 80 से 100 के लगभग फार्म आ रहे हैं। इसी तरह मृत्यु के 15-20 और विवाह पंजीयन के 7 से 8 आवेदन प्रतिदिन लोगों द्वारा जमा किये जा रहे हैं। निगम के कर्मचारियों ने बताया कि प्रतिदिन इसी संख्या में फार्म जमा करने के लिये लोग आते हैं।
सर्वर डाउन-करेक्शन नहीं हो रहा वेबसाइट में
आरईवीएएमपीईडी एप पर तो करेक्शन आने और सर्वर डाऊन होने की परेशानी लगातार चल रही है। जिस कक्ष में नागरिकों से फार्म लिये जाते हैं, उसके बाहर आरईवीएएमपीईडी एप की परेशानी से संबंधित पर्चा भी लगा रखा है। जिस पर लिखा है, दिनांक 27/05/2024 को भारत सरकार द्वारा नई वेबसाइट लॉन्च हुई हैं। जिसमें करेक्शन नहीं हो रहा है।
जिसकी हमने भारत सरकार को शिकायत कर दी गई है समस्या हल नही हो पा रही है एवं वेबसाइट में बहुत दिक्कते आ रही है जिससे जन्म – मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में बहुत समय लग रहा है एवं बीच में दिक्कत आने से पोर्टल काम करना बंद कर देता है। इसलिये सर्वर डाउन होने से मेन्यूअल प्रक्रिया की जा रही है, हालांकि जिनके पास रिकॉर्ड नहीं है, उन्हें निगम के पास उपलब्ध रिकॉर्ड से प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं।