श्रावण-भादौ मास निकलने वाली सवारी और दर्शन व्यवस्था के लिए मंदिर समिति ने की बैठक, सुझावों के आधार पर होग अंतिम निर्णय
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की सवारी पालकी में होने के कारण नीचे रहती है जिससे श्रद्धालु ठीक से दर्शन नहीं कर पाते हैं। इस कारण सांसद सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिये हैं कि सवारी को ट्रैक्टर-ट्रॉली सजाकर या परंपरागत रूप से ऊंची बैलगाड़ी पर निकाली जाये।
श्रावण-भादौ मास में भगवान श्री महाकाल की 7 सवारियां निकाली जायेंगी। प्रथम सवारी 22 जुलाई को निकाली जायेगी। अंतिम शाही सवारी भादौ मास में 2 सितम्बर को निकाली जायेगी। इस बार श्रावण मास में पांच सवारी एवं भादौ मास में दो सवारी निकलेगी। यह निर्णय शनिवार को कलेक्टर एवं श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह की अध्यक्षता में सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन के द्वितीय तल के सभाकक्ष में बैठक में लिये गये हैं।
बैठक में सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा कि ट्रैक्टर को सजाधजा कर उस पर सवारी निकाली जाये, ताकि ऊंचाई पर्याप्त होने से सवारी मार्ग के दोनों ओर खड़े श्रद्धालुओं को आसानी से भगवान महाकाल के दर्शन हो सके। इसी तरह उन्होंने कोविड के दौरान उपयोग में लिये गये परिवर्तित रूट से सवारी निकालने पर विचार करने की सलाह दी।
राज्यसभा सांसद संत बालयोगी उमेशनाथ महाराज ने अपना सुझाव देते हुए कहा कि रामघाट पर भगवान महाकाल की आरती स्थल पर भीड़ को नियंत्रण करने के लिये पास देने की व्यवस्था की जाना चाहिये। पास जनप्रतिनिधियों, सन्त-महात्मा, पुजारी और अत्यन्त महत्वपूर्ण नागरिकों को ही जारी किये जायें।
विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने सुझाव देते हुए कहा कि किसी भी व्यवस्था को बदलने के लिये आमजन एवं प्रबुद्धजनों से सुझाव लेकर उचित निर्णय लिया जाना चाहिये। सबकी आम सहमति से किसी भी प्रकार की व्यवस्था को सुचारू रूप से सम्पन्न कराया जा सकता है। भजन मण्डली को निरन्तर आगे बढ़ाते रहे। उन्हें रूकने न दें।
महापौर मुकेश टटवाल एवं निगम सभापति श्रीमती कलावती यादव ने सुझाव देते हुए कहा कि भजन मण्डलियों को परमिशन देते वक्त उन्हें आवश्यक उचित दिशा-निर्देश दिया जाना चाहिये। बैलगाड़ी पर भगवान महाकाल की पालकी रखी जाये, ताकि आम श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के दर्शन ठीक ढंग से हो सकें।
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरु ने सुझाव देते हुए कहा कि सवारियों के दौरान व्यवस्थाओं के पालकी को व्यवस्थित ढंग से निकलवाया जाये। पालकी में बदलाव हो ताकि पालकी ठीक ढंग से चल सके। सवारी मार्ग में पालकी की सुरक्षा भी बढऩा चाहिये।
सदस्य राजेन्द्र शर्मा ने सुझाव दिया कि पालकी के आसपास भीड़ को नियंत्रित करना अनिवार्य है। सदस्य श्रीराम गुरु ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये। पं.आशीष पुजारी ने सवारियों के बारे में सुझाव देते हुए कहा कि सवारी में भजन मण्डलियों को सवारी के आगे निरन्तर चलाते रहना चाहिये। पालकी और भजन मण्डलियों के बीच लगभग 40 फीट की दूरी होना चाहिए।
उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि प्रथम सवारी में पालकी में विराजित मनमहेश रहते हैं और दूसरी सवारी में मनमहेश हाथी पर विराजमान होते हैं और पालकी में चंद्रमौलेश्वर विराजित होते हैं। इसलिये दर्शनार्थी हाथी पर विराजित मनमहेश के दर्शन का लाभ लेकर अपने आपको धन्य महसूस करें।
दर्शन व्यवस्था और बेहतर बनाने के प्रयास
बैठक में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा महत्वपूर्ण सुझावों के आधार पर उचित निर्णय लिया जायेगा। आम श्रद्धालुओं को बेहतर और सुव्यवस्थित ढंग से भगवान महाकाल की सवारी के दर्शन हो सकें, ऐसा प्रयास किया जायेगा। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी को निर्देश दिये कि बेरिकेटिंग की व्यवस्था बेहतर ढंग से की जाये। बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा, एडीएम अनुकूल जैन, एसडीएम एलएन गर्ग, प्रशासक मृणाल मीणा, सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, यूडीए सीईओ संदीप सोनी सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती का समय बदलेगा
श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा। भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। इसी तरह 3 सितम्बर से पट खुलने का समय पूर्ववत होगा। श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम की जाकर कार्तिकेय मण्डपम की अतिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिये चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी।
सात सवारी निकलेगी इस बार
श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में प्रथम सवारी सोमवार 22 जुलाई, द्वितीय सवारी सोमवार 29 जुलाई, तृतीय सवारी सोमवार 5 अगस्त, चतुर्थ सवारी सोमवार 12 अगस्त, पंचम सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जायेगी। इसी तरह भादौ मास में षष्टम सवारी सोमवार 26 अगस्त तथा शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जायेगी।
इस तरह रहेगी दर्शन व्यवस्था
सामान्य दर्शन व्यवस्था: श्रावण-भादौ मास में त्रिवेणी संग्रहालय के समीप से नंदी द्वार, श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेन्टर-1, टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन दर्शनार्थी करेंगे। साथ ही भारत माता मन्दिर की ओर से प्रशासनिक कार्यालय के संमुख से आने वाले श्रद्धालु शंख द्वार से मानसरोवर भवन में प्रवेश कर फेसिलिटी सेन्टर-1 एवं टनल मन्दिर परिसर, कार्तिक मण्डपम, गणेश मण्डपम से दर्शन उपरांत (निर्माल्य द्वार) अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर के लिये प्रस्थान करेंगे।
शीघ्र दर्शन व्यवस्था (250/- रु.) : द्वार नम्बर-4 एवं 5 के रास्ते विश्रामधाम रेम्प, सभा मण्डपम होते हुए गणेश मण्डपम से भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन करने के उपरांत निर्गम द्वार अथवा नवीन आपातकालीन निर्गम द्वार से सीधे बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।
वीवीआईपी दर्शन व्यवस्था: अतिविशिष्ट श्रद्धालु निर्माल्य द्वार से श्री महाकालेश्वर मन्दिर में प्रवेश कर सूर्यमुखी द्वार से सभा मण्डपम होते हुए नन्दी हॉल व गणेश मण्डपम से भगवान महाकाल के दर्शन कर इसी मार्ग से पुन: बाहर की ओर प्रस्थान करेंगे।