ट्रकों से भरकर भेजा जा रहा सामान, अब भी जारी है शिफ्टिंग का कार्य
उज्जैन, अग्निपथ। जिला परिवहन विभाग (आरटीओ)दाऊदखेड़ी स्थित नए आरटीओ भवन में लगेगा। विभाग द्वारा इसकी शिफ्टिंग का कार्य चल रहा हैं। अभी तक करीब कई ट्रकों से सामान भेजा गया हैं। 1 जुलाई से लोगों को लायसेंस, वाहन फिटनेस और अन्य दस्तावेज बनवाने के लिए दाउदखेड़ी जाना पड़ सकता है।
भरतपुरी प्रशासनिक क्षेत्र में वर्षों से किराए की बिल्डिंग में पुराना क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में संचालित हो रहा है। जिसका हर महीने का किराया लगभग 90 हजार से 1 लाख रुपये है। आरटीओ के अधिकारियों की मेहनत के कारण लगभग 10 साल पूर्व इस विभाग को किराए के भवन से मुक्ति मिल गई थी। वर्ष 2014 में 6 करोड़ रुपए क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय का निर्माण करने और टेस्टिंग ट्रैक तैयार करने की स्वीकृति मिल गई थी, जिसकी निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग की पीआईयू विंग से कराया गया था।
इसके बाद से ही नए परिवहन कार्यालय के लिए जिला प्रशासन के साथ विभाग द्वारा करीब 8 से 10 बीघा आवश्यक जमीन की तलाश शुरू कर दी गई थी लेकिन नए भवन के लिए आवश्यक 8 से 10 बीघा जमीन देरी से मिली।
इस कारण प्रोजेक्ट की लागत में लगभग 1.31 करोड़ का इजाफा हो गया और निर्माण करीब 5 साल अटका रहा। बावजूद इसके क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने प्रयास जारी रखे और नतीजा यह हुआ कि अब उज्जैन में नया आरटीओ भवन बनकर तैयार है। 1 जुलाई से इसके शुरू होने की संभावना है। यानि की अब लोगों को आरटीओ विभाग से सम्बन्धित सभी कार्यों के लिए दाऊदखेड़ी स्थित नए आरटीओ भवन में जाना पड़ेगा। विभाग द्वारा इसकी शिफ्टिंग का कार्य चल रहा है।
अभी तक करीब कई ट्रक भरकर सामान भेजा जा चुका हैं। शेष सामान व कम्प्यूटर आदि भी जल्द भेजे जाएंगे। विभाग के अधिकारियों की मानें तो 1 जुलाई से आरटीओ कार्यालय नए भवन में ही लगेगा। बता दें कि वर्तमान में भरतपुरी स्थित परिवहन कार्यालय छोटी-सी जगह में संचालित हो रहा था, यहाँ एक ही कक्ष में दो से तीन कर्मचारी बैठकर काम कर रहे थे। वहीं लाइसेंस बनाने, रिन्यु कराने, टैक्स जमा कराने आने वाले लोगों के लिए बैठने तक की पर्याप्त जगह नहीं मिल रही थी। कार्यालय में रोजाना ही भीड़ के कारण अस्त-व्यस्त स्थिति रहती थी। यहाँ आने वाले लोगों को भी इससे परेशानी आती थी।
टेस्टिंग ट्रेक भी बना है नए कार्यालय परिसर में
नये भवन के भूतल पर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी का चेम्बर और उनके निजी सचिव का कक्ष, कॉन्फ्रेंस रूम, कैश काउंटर, अकाउंट्स रूम, स्टाफ लंच रूम, रिकॉर्ड रूम, टेस्ट हॉल, स्मार्ट कार्ड हॉल, परमानेंट लायसेंस वेटिंग एंड क्यू स्पेस, एचएसआरपी रूम, चेस्ट रूम, आफिस रूम 7, सेंटर हॉल तथा एक अन्य हॉल, दो टॉयलेट ब्लॉक, फिटनेस शेड एवं अंग्रेजी भाषा के अंक 8 के आकार का ड्राइविंग ट्रेक निर्मित किया गया है। इससे यहां ट्रक और ट्राले जैसे बड़े वाहन भी आसानी से टेस्ट ड्राइव किए जा सकेंगे।
6 करोड़ का प्रोजेक्ट हो गया था 7 करोड़ 31 लाख का
साल 2014 में प्रोजेक्ट के लिए 6 करोड़ रुपये मंजूर होने के बाद करीब 4 साल भवन निर्माण के लिए जमीन तलाशने में लग गए। 2017-18 में दाऊदरखेड़ी में लगभग तीन एकड़ जमीन उपलब्ध हो पाई। इस बीच प्रोजेक्ट की लागत 6 करोड़ से बढक़र 7 करोड़ 31 लाख के करीब पहुँच गई। दाउदखेड़ी में जमीन आवंटित होने के बाद बीते सालों में कीमतों में इजाफा और नए एसओआर आने के कारण लागत बढ़ गई और फिर से काम अटक गया।
विभाग ने 1.30 करोड़ का रिवाइज्ड ऐस्टिमेट परिवहन विभाग का भेजा, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इसके बाद विभाग और तत्कालीन कलेक्टर संकेत भोंडवे द्वारा लगातार शासन व विभाग से मांग पत्र भेजे गए। जिसके बाद विभाग की ओर से एस्टिमेट को स्वीकृत कर राशि भेजी गई। नतीजतन, दाऊदरखेड़ी में 7 करोड़, 30 लाख, 75 हजार रुपए की लागत से बनकर तैयार हैं।