इलेक्ट्रिक बसें चलाने की तैयारी, लेकिन बस स्टॉप की हालत नहीं सुधार पा रही स्मार्ट सिटी

दयनीय हालत..कुर्सियां टूटी, छत से पानी टपक रहा, यात्री परेशान

उज्जैन, अग्निपथ। शहर के अधिकांश सिटी बस स्टॉप की हालत अत्यंत दयनीय हो गई है। कई बस स्टॉप पर कुर्सियां टूट गई हैं, तो कई बस स्टॉप की छत से पानी टपक रहा है। ऐसे में यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जब सिटी बसों का संचालन शुरू किया था, तब शहर में विभिन्न स्थानों पर बस स्टापेज भी बनाए गए थे। शु

रू में जो सिटी बसों के स्टाप बनाए गए, ये नगर निगम ने बनाए थे। समय के साथ बसों की संख्या तो बढ़ती चली गई, लेकिन जर्जर हो चुके बस स्टाप के संबंध में नगर निगम कोई योजना ही नहीं बना पा रही है। अब जब बसों की संख्या सीमित हो गई है, लेकिन इनकी जगह इलेक्ट्रिक बस चलाये जाने की योजना बन रही है। लगता है कि इसके बाद ही इन सिटी बस स्टापों का उद्धार हो पायेगा।

जानकारी के अनुसार जो सिटी बस स्टाप बनाए थे, उनसे विज्ञापन के जरिए पैसा भी कमाया गया है। देखरेख नहीं होने की वजह से अधिकांश बस स्टैंड जर्जर और बदहाल हो चुके हैं। कहीं की रेलिंग गायब है तो कहीं पर यात्रियों के बैठने के लिए लगाई गई बेंचे टूट-फूट चुकी हैं। इसी प्रकार अधिकांश बस स्टाप की छतों से पानी टपक रहा है।

एक और सिटी बसों की संख्या में हर साल अच्छा खासा इजाफा हो रहा था लेकिन सिटी बसों की संख्या भी अब कम हो गई है। अब शहर में इलेक्ट्रिक बस चलाने की तैयारी की जा रही है । बावजूद इसके बस स्टाप के संबंध में कोई योजना न होने की वजह से अधिकारी इस मामले में लापरवाह बने हुए हैं। सिटी बसों के स्टॉप के मेंटेनेंस के लिए कोई प्लान नहीं बनाया है। ताकि इन बस स्टॉप की स्थिति सुधर सके स्थिति यह है कि जर्जर हालत कि वजह इन बस स्टॉप पर कोई यात्री खड़ा रहना भी पसंद नहीं करता है।

इधर शहर के अधिकांश बस स्टाप की दुर्दशा के चलते यात्री परेशान है, जब सिटी बस का शहर में संचालन शुरू हुआ था तभी इन बस स्टॉप की रंगाई पुताई की गई थी उसके बाद ना तो इनका मेंटेनेंस किया गया और ना ही इनकी जर्जर हालत में कोई सुधार हो पाया है।लेकिन इनकी सुनवाई करने वाला कोई नहीं। सवाल उठता है कि अधिकारियों को बस स्टापों की दुर्दशा क्यों नहीं दिखाई देती है।

इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी

केंद्र सरकार की पीएम ई-बस सेवा स्कीम के तहत उज्जैन ने 100 इलेक्ट्रिक बसों की डिमांड रखी है, वहीं सूत्र सेवा के रूप में 30 इलेक्ट्रिक बसें भी मिलेगी। सभी बसें इलेक्ट्रिक होगी, जिससे पर्यावरण को नुकसान भी नहीं होगा। वर्तमान में संचालित डीजल बसों की यह जगह लेगी। वर्तमान में शहर में 14 सिटी बसें संचालित हो रही हैं लेकिन कई रूटों पर नहीं होने या घंटों के अंतराल के बाद बसों के समय के चलते यात्री परेशान होते हैं।

इलेक्ट्रिक वीकल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पहली बार उज्जैन में ई-बसें शुरू होने जा रही है। यह आसपास के शहरों को भी कनेक्ट करेगी। प्रस्तावित शहरों में इंदौर, नलखेड़ा, ओंकारेश्वर, भोपाल, मंदसौर, नीमच और रतलाम को भी शामिल किया है। जहां से श्रद्धालुओं को उज्जैन पहुंचने में आसानी होगी।

8 रूट पर चलेगी 100 बसें चलेंगी

  • रूट 1- तराना रोड से देवास रोड- 14
  • रूट 2- जयसिंहपुरा से मेडिकल कॉलेज- 8
  • रूट 3- देवास गेट से मक्सी रोड- 18
  • रूट 4- पाइप फैक्टरी चौराहे से भैरवगढ़ पुलिस स्टेशन- 22
  • रूट 5- देवास गेट से तपोभूमि – 8
  • रूट 6- देवास गेट से तपोभूमि – 13
  • रूट 7- लाल गेट से दूसरी जगहों पर भी बसों का संचालन होगा।

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