महाकालेश्वर मंदिर में अग्नि सुरक्षा व विद्युत सुरक्षा हेतु मंदिर कर्मचारियों व सुरक्षाकर्मियों को ट्रैनिंग सम्पन्न
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम फायर ब्रिगेड के पूर्व अधिकारी को बुलाकर महाकाल मंदिर के कर्मचारी व सुरक्षाकर्मियों को आग से बचने की जानकारी दी गई।
नगर निगम के पूर्व फायर अधिकारी अजय सिंह राजपूत को भी विशेष प्रशिक्षण के लिये आमन्त्रित किया गया। उन्होंने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विस्तृत रूप से समझाया कि पहले आग का प्रकार समझिये फिर आग बुझाने के प्रयास शुरू करें। जैसे आग प्लास्टिक में लगी है, पेट्रोल डीजल में लगी है, विद्युत उपकरण या तारों में लगी है, इस तरह आग का अलग-अलग वर्गीकरण फायर सेफ्टी में किया गया है।
कोई आग पानी से बुझती है तो विद्युत उपकरण में लगी आग को पानी से बुझाने का प्रयास खतरनाक हो जाता है। उसी तरह पेट्रोल-डीजल या प्लास्टिक सामग्री में लगी आग में भी पानी बेअसर रहता है। उसे रोकने के लिए अग्निशमन यंत्र की मदद लेना जरूरी है। इस तरह के कई टिप्स व सावधानी के बारे में पूर्व फायर अधिकारी श्री सिंह ने कर्मचारियों को अवगत कराया।
श्री महाकालेश्वर मन्दिर प्रबन्ध समिति द्वारा मंदिर में फायर सेफ्टी व विद्युत सुरक्षा हेतु मंदिर में कार्यरत विद्युत कर्मियों, सुरक्षा गार्डों को मंदिर में अग्निसुरक्षा यंत्रो का उपयोग करने तथा किसी घटना के दौरान सावधानियां रखने के संबंध में तीन दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षण के लिए एसडीईआरएफ से भी विशेषज्ञों को बुलाया गया था। किस्टल कम्पनी के सीनियर ट्रैनिंग ऑफिसर संजय सुरालकर व मंदिर के सुरक्षा अधिकारी एवं प्लाटून कमांडो दिलीप बामनिया द्वारा ट्रैनिंग दी गई।
दुर्घटना होने पर फायर ब्रिगेड के आने से पूर्व रखने वाली सावधानियो के सम्बन्ध में बताया गया। सबसे पहले कंट्रोल रूम को सूचना देने, वायरलेस का उपयोग नही करने, घटना वाले स्थान से ज्वलनशील पदार्थ हटाने, व भीड़ को नियंत्रित कर घटना वाले स्थान से दूर ले जाने , मंदिर के अन्य स्थानों की लाइन रूकवाने, व विद्युत सुरक्षा के लिए सभी स्थानो के मेन स्विच ऑफ करने (पावर कट करने) आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही अग्निशमन यंत्रो के उपयोग के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। इस दौरान सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरके तिवारी, विद्युत प्रभारी निरंजन जोनवाल, इंजीनियर प्रदीप भाटी, क्रिस्टल कम्पनी के सुरक्षा अधिकारी विष्णु चौहान, आदि मौजूद थे।