उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकाल की इस बार सात सवारियां निकाली जाना है। इनके लिए सात मुखौटे भी तैयार किये जा रहे हैं। इसके साथ ही पालकी को साफ करने और सजाने का काम भी अंतिम चरण पर है। भगवान मनमहेश पालकी में विराजित होकर निकलेंगे। इसके अलावा प्रत्येक सवारी में भगवान महाकाल का एक-एक स्वरूप बढ़ता जायेगा। अंतिम सवारी तक कुल सात अलग-अलग स्वरूप में भगवान महाकाल नगर भ्रमण में नजर आयेंगे।
बाबा महाकाल चांदी की पालकी में विराजित होकर निकलेंगे। उस स्वरूप को सजाने, संवारने का काम गुरूवार से प्रारंभ हुआ है। इस दौरान भगवान के चांदी के मुखौटे मनमहेश और चंद्रमोलेश्वर की प्रतिमा पर पालिश करने के बाद आंख, मुंह, तिलक आदि को पेंट के माध्यम से उकेरा गया।
भगवान महाकाल की चांदी की प्रतिमाओं का रंगों के माध्यम से श्रृंगार कलाकार राजेंद्र पाठक करते आ रहे हैं। भगवान का श्रृंगार करने का कार्य उनकी तीन पीढिय़ों से किया जा रहा है। पिता स्व. चंद्रकात पाठक के निधन के बाद उन्होंने यह जिम्मा संभाला है। सवारी के पहले चांदी के मुखौटे को खजाने से निकालकर कोटितीर्थ कुंड में स्नान कराने के बाद उन्हेें सजाने का क्रम शुरू होता है। पहले प्रतिमाओं की पॉलिश होती है उसके बाद रंगरोगन कर साज-सज्जा की जाती है।
भगवान जिस चांदी की पालकी में विराजित होकर निकलेंगे, उस पालकी को भी पॉलिश कर साज-सज्जा की गई है। प्रतिमाओं के अलावा सवारी में शामिल होने वाले रथ और नंदी, गरुड़ की प्रतिमाओं को भी रंग रोगन कर सजाया जाता है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की सवारी के लिए तैयारी जोर-शोर से प्रारंभ हो गई है।
प्रतिमा पर रंग-रोगन होने के बाद पुजारी व पुरोहितों द्वारा भगवान को साफा, वस्त्र, आभूषण से श्रृंगार करने का क्रम भी शुरू हो गया है। श्री महाकालेश्वर मंदिर के खजाने में से चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश, उमा-महेश, शिवतांडव, सप्तधान्य, जटाशंकर मुखौटे के सवारी और अन्य पर्व व त्यौहार के अवसरों पर दर्शन होते हैं।
कल निकलेगी पहली सवारी, शाही सवारी 2 सितंबर को
भगवान श्री महाकालेश्वर की इस साल सात सवारियां निकलेंगी। श्रावण मास की पहली सवारी 22 जुलाई को निकाली जायेगी। भादौ मास में भगवान महाकाल की अन्तिम एवं शाही सवारी 2 सितम्बर को निकाली जायेगी। श्रावण मास में पांच सवारी एवं भादौ मास में दो सवारी निकलेगी। श्रावण-भादौ मास में निकलने वाली सवारियों के क्रम में प्रथम सवारी सोमवार 22 जुलाई, द्वितीय सवारी सोमवार 29 जुलाई, तृतीय सवारी सोमवार 5 अगस्त, चतुर्थ सवारी सोमवार 12 अगस्त, पंचम सवारी सोमवार 19 अगस्त को श्रावण मास में निकाली जायेगी। इसी तरह भादौ मास में षष्ट सवारी सोमवार 26 अगस्त तथा शाही सवारी सोमवार 2 सितम्बर को निकाली जायेगी।
यह रहेगा सवारी मार्ग
श्री महाकालेश्वर मन्दिर परिसर से निर्धारित समय सायंकाल 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी। सवारी श्री महाकालेश्वर मन्दिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंचेगी। यहां सवारी का पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मन्दिर में वापस आयेगी। शाही सवारी 2 सितम्बर को उपरोक्त मार्ग के अलावा टंकी चौराहा से मिर्जा नईमबेग, तेलीवाड़ा चौराहा, कण्ठाल, सतीगेट, सराफा, छत्री चौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी।
कल से शुरू होगा सावन, बदल जायेगी महाकाल दर्शन व्यवस्था
सावन का महीना सोमवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान भगवान महाकाल के मंदिर का रूटीन भी बदल जायेगा। और श्री महाकालेश्वर की दिनचर्या भी बदल जायेगी। मंदिर के पट खुलने के साथ ही आरती का समय भी बदलेगा और दर्शन व्यवस्था भी बदलेगी। श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्म आरती 22 जुलाई से 2 सितम्बर तक प्रात:कालीन पट खुलने का समय प्रात: 3 बजे होगा। प्रत्येक सोमवार को भस्म आरती का समय प्रात: 2.30 बजे होगा।
भस्म आरती प्रतिदिन प्रात: 3 से 5 बजे तक और प्रत्येक सोमवार को 2.30 से 4.30 बजे तक होगी। इसी तरह 3 सितम्बर से पट खुलने का समय पूर्ववत होगा। श्रावण-भादौ मास में भस्म आरती में श्रद्धालुओं की संख्या कम की जाकर कार्तिकेय मण्डपम की अन्तिम तीन पंक्तियों से श्रद्धालुओं के लिये चलित भस्म आरती दर्शन की व्यवस्था रहेगी।