सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट होंगे शामिल, एलईडी लगी गाड़ी तैयार
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन ही 22 जुलाई को सोमवार है। इस दिन भगवान महाकाल की सवारी परम्परागत मार्ग से निकलेगी। शासन की ओर से केंद्रीय मंत्री तुलसीराम सिलावट सवारी में शामिल होंगे। इस बार भक्तों को सवारी के दर्शन सुलभ हो इसके लिए मंदिर समिति चलित एलईडी के माध्यम दर्शन करवाएगी इसके लिए गाड़ी तैयार हो चुकी है जिसके माध्यम से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक मृणाल मीना ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परम्परागत मार्ग से निकलेगी। श्री मनमहेश स्वरूप का पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में होने के पश्चात भगवान श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर शाम 4 बजे महाकाल मंदिर से नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजमान भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दिया जाएगा। मंत्री सिलावट दोपहर 2.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे और श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन तथा पालकी का पूजन करेंगे। इसके बाद वे रामघाट पर भी पालकी पूजन करेंगे।
2 चलित रथ के माध्यम से बाबा महाकाल की सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस चलित रथ की विशेषता यह है कि, इसमें लाइव बॉक्स रहेगा, जिससे लाइव प्रसारण निर्बाध रूप से होगा।
धार का दल भगोरिया नृत्य करेगा
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता करेगा। 22 जुलाई को धार के भील जनजातीय भगोरिया नृत्य के सदस्यों का दल सवारी में प्रस्तुति के लिए सम्मिलित होगा। वहीं चलित रथ के माध्यम से बाबा महाकाल की सवारी का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस चलित रथ की विशेषता यह है कि, इसमें लाइव बॉक्स रहेगा, जिससे लाइव प्रसारण निर्बाध रूप से होगा।
यह रहेगा सवारी मार्ग
भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी।
आज मनमहेश निकलेेंगे, अगली सवारी से चंद्रमौलेश्वर भी शामिल होंगे
- पहली सवारी में भगवान महाकाल श्री मनमहेश के रूप में पालकी में सवार होकर निकलेंगे।
- दूसरी सवारी 29 जुलाई 2024 को निकलेगी। इसमें पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में और हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में विराजित होंगे।
- तीसरी सवारी 5 जुलाई 2024 को निकाली जायेगी। इस दौरान पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में रहेंगे, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में और गरूड़ रथ पर शिवतांडव के स्वरूप में विराजित होंगे।
- इसी प्रकार चौथी सवारी 12 जुलाई 2024 को निकाली जायेगी, जिसमें पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा-महेश के स्वरूप में विराजित होंगे।
- पांचवी सवारी 19 अगस्त 2024 को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।
- छठी सवारी 26 अगस्त 2024 को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद के साथ श्री घटाटोप मुखोटा सम्मिलित रहेगा।
- सातवीं व शाही सवारी 2 सितम्बर 2024 को निकलेगी। इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद ,श्री घटाटोप मुखोटा व श्री सप्तधान मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।
दूसरे शहरों से आने वाले बड़े वाहन डायवर्ट रहेंगे
1. बडऩगर, रतलाम, नागदा, मंदसौर एवं नीमच जाने वाले बड़े वाहन एवं बसें शांति पैलेस चौराहे से डायवर्ट रहेंगे।
2. देवास गेट बस स्टैंड से भारी वाहन एवं बसें हरिफाटक टी एवं हरिफाटक चौराहे तरफ नहीं जा सकेंगे।
3. इंदौर, देवास एवं भोपाल की ओर से आने वाले दर्शनार्थी लालगेट से होते हुए हरिफाटक चौराहा पर पार्किंग में वाहन पार्क कर सकेंगे। उसके बाद दर्शन के लिए हरिफाटक ब्रिज से होते हुए इंटरपिटीशन चौराहा, महाकाल लोक गेट तक पैदल जा सकेंगे।