नगर निगम की बजट बुक तैयार नहीं 10 करोड़ के भुगतान कर दिये

एमआईसी सदस्यों ने वित्तीय अनियमितताओं को लेकर अपर आयुक्त वित्त को घेरा

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में बिना बजट तैयार किये करोड़ों का भुगतान किया जा रहा है। इसी को लेकर बुधवार को एमआईसी सदस्यों ने अपर आयुक्त वित्त का घेराव कर उनसे सवाल जवाब कर डाले, जिसका जवाब वह नहीं दे पाये। निगम के सीए के औचित्य पर भी सवाल उठाये गये।

बुधवार को एमआईसी सदस्य प्रकाश शर्मा, सत्यनारायण चौहान, शिवेंद्र तिवारी, रजत मेहता, जितेंद्र कुवाल, कैलाश प्रजापत, योगेश्वरी राठौर और लीला वर्मा अपर आयुक्त वित्त दिनेश चौरसिया से मिले। सदस्यों का कहना था कि निगम का बजट 6 मार्च 2024 को पास हुआ था। इसको पास हुए लगभग 6 माह होने आए हैं, लेकिन अभी तक बजट तैयार नहीं हुआ है जोकि वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।

निगम ने अभी तक बजट बुक तैयार कर वितरित नहीं की है, जिसके चलते उनको पता नहीं चल पा रहा है कि नगरनिगम क्या काम करवा रहा है। साथ ही प्रकाश, पेयजल, सीवरेज के लिये फंड जारी नहीं करने का भी मुद्दा उठाया।

सदस्यों का कहना था कि उनको जनता को जवाब देना पड़ता है, लेकिन निगम के अधिकारी अपनी मनमर्जी के अनुसार कार्य कर रहे हैं। करीब डेढ़ घंटे तक अपर आयुक्त का सदस्यों द्वारा घेराव किया गया। इस दौरान सदस्यों ने अपर आयुक्त को फूल देकर उनसे बजट बुक शीघ्र तैयार करने को भी कहा।

10 करोड़ के भुगतान में किसकी अनुशंसा

नगरनिगम द्वारा इस छह माह में 10 करोड़ का भुगतान विभिन्न मदों में ठेकेदारों को किया गया है। सदस्यों ने भुगतान की प्रक्रिया के बारे में अपर आयुक्त वित्त से पूछा तो वह इसका जवाब नहीं दे पाये। सदस्यों ने कहा कि बाले बाले निगम मद में से अपने ठेकेदारों को भुगतान किया जा रहा है। जबकि इसके पहले के ठेकेदारों को भुगतान से वंचित रखा जा रहा है। 10 करोड़ का भुगतान किसके कहने पर किया गया है, इस बात का जवाब देने के लिये कोई भी तैयार नहीं दिखा।

सीए के औचित्य पर भी सवाल उठाये

एमआईसी सदस्यों ने बजट बुक नहीं बनाने पर निगम के सीए पर भी सवाल उठाये। उनका कहना था कि सालों से वह नगरनिगम में आ रहे हैं, लेकिन उनका चेहरा आज तक दिखाई नहीं दिया। इस दौरान सीए के दो कर्मचारियों से उनके शैक्षणिक योग्यता के बारे में भी जानकारी ली गई। इनमें से एक सीए की इन्टर्नशिप कर रहा है तो दूसरा एमकॉम पास है। इन दोनों के द्वारा पूरे बजट का लेखाजोखा रखा जाता है। बताया जाता है कि इंदौर निवासी सीए को 5 लाख 30 हजार में अनुबंधित किया गया है।

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