उज्जैन की महिमा कल्पवृक्ष के समान, इसके नीचे जो बैठेगा उसे वह प्राप्त होगा- मुख्यमंत्री

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ

उज्जैन, अग्निपथ। शासकीय माधव विज्ञान महाविद्यालय एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा कन्वेंशनल डिस्कशन ऑन सिंथेटिक ऑर्गेनिक केमिस्ट्री एंड बियोंड विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ।

कान्फ्रेंस का आयोजन मुख्य रुप से ए एन आर एफ, मध्य प्रदेश विज्ञान एवं तकनीकी परिषद्, जनभागीदारी समिति, एसोसिएशन ऑफ़ केमिस्ट्री टीचर्स के सहयोग से किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ भारतीय परंपरा के अनुसार दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अर्पण भारद्वाज द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ मोहन यादव मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन के कई रूप हैं। कल्पवृक्ष के नीचे जो बैठेगा उसे वह प्राप्त होगा। उज्जैन की महिमा कल्पवृक्ष के समान है। काल की महिमा महाकाल की है। अहम ब्रह्साम और कण कण में भगवान की वैज्ञानिक व्याख्या की। आपने अपने उद्बोधन में बताया कि वैदिक घड़ी क्यों महत्वपूर्ण है? आपने शुभ कामना के स्थान पर मंगल कामना देने की ओर जोर दिया साथ ही गुरु या आचार्य की योग्यताओं को 108 एवं 1008 से संबंधित कर बतलाया।

उद्घाटन समारोह में अध्यक्ष के रुप में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य विजय कुमार सी जी मेनन, कुलगुरू महर्षि पाणिनि संस्कृत एवम वैदिक विश्वविद्यालय एवं विशेष अतिथि के रुप में अनिल फिरोजिया सांसद, अनिल जैन कालूहेड़ा विधायक उज्जैन उत्तर, मुकेश टटवाल महापौर, विवेक जोशी समाजसेवी एवं अरविंद चौधरी वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित रहें।

कार्यक्रम में अरविंद चौधरी द्वारा रसायन एवं अन्य कक्षेत्रों में हो रहे शोध कार्यों एवं शोध प्रविधियों से अवगत कराया। उद्घाटन समारोह का संचालन प्रकृति दुबे ने किया एवं अंत में आभार समन्वयक डॉ कल्पना सिंह ने माना।

त्पश्चात विभिन्न तकनीकी सत्रों में की नोट स्पीकर के रूप में जीवन आनंद, डॉ अखिलेश कुमार वर्मा, आईआईटी दिल्ली, माया शंकर सिंह, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रोफेसर विशाल राय (आयजर भोपाल) डॉ अनंत नारायण भट्ट (डीआरडीओ), डॉ आशुतोष मिश्रा (आईआईटी, हैदराबाद) प्रोफेसर अमेंद्रसिंह (आईआईटी इंदौर) उपस्थित हुए। रवि पी सिंह (आईआईटी, दिल्ली), डॉ. बृजेश राठी (हंसराज राठी महाविधालय, दिल्ली) प्रोफैसर संगीत कुमार (आईआईजर, भोपाल), प्रोफैसर आशीष श्रीवास्तव (आईजर भोपाल), प्रोफैसर अनिल कुमार (बिट्स पिलानी), डॉ. पुनीत गुप्ता (आईआईटी रुडक़ी), प्रोफैसर रजनीश मिश्रा एवं प्रोफेसर रामपाल पांडे सहित कई विषय विशेषज्ञ उपस्थित हुए और व्याख्यान दिया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय कांफ्रेंस के सह समन्वयक डॉक्टर जीवन सिंह ने बताया कि यह राष्ट्रीय कांफ्रेंंस निश्चित तौर पर उज्जैन के रसायन के विद्वानों के लिए लाभकारी होगी। इसमें मुख्य रूप से डॉ अजय चतुर्वेदी, डॉ बृजेश पारे, डॉ शकुंतला पांडे, डॉ. दीपेंद्र रघुवंशी, डॉ रेखा नागवंशी, डॉ शकुंतला पांडे एवं अन्य सभी विभागों के सहयोग के कार्यक्रम सफल हुआ। यह जानकारी डॉ प्रदीप लाखरे ने दी।

Next Post

सहकारिता निरीक्षक को 10 हजार रुपए रिश्वत के मामले में चार साल की सजा एवं जुर्माना

Tue Aug 27 , 2024
साल 2017 में सहकारिता निरीक्षक द्वारा किए भ्रष्टाचार के चर्चित मामले में सात साल बाद सजा उज्जैन, अग्निपथ। भरतपुरी स्थित राजीव लोचन नागरिक सहकारिता के निरीक्षक आरएल नागर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13 (4) के अंतर्गत मंगलवार को चार साल की कैद एवं पांच हजार रुपए […]