उज्जैन, अग्निपथ। शनिवार को गणेश चतुर्थी पर घर-घर में मंगलमूर्ति भगवान श्री गणेश की स्थापना की गई। प्रतिष्ठानों, सार्वजनिक स्थलों पर भी गणेश स्थापना की गई। गणेश चतुर्थी पर शनिवार को घर और प्रतिष्ठानों में शुभ मुहूर्त में मंगलमूर्ति भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना हुई। सुबह से बाजार में भगवान श्री गणेश जी की स्थापना करने के लिए आवश्यक खरीदी के लिए लोगों की भीड़ रही। रात तक बाजार में भगवान गणेश की प्रतिमाएं खरीदकर मुहूर्त अनुसार स्थापना के लिए ले जाई जा रही थी।
शनिवार को शुभ मुहूर्त भगवान गणेश की स्थापना हुई। मुहूर्त अनुसार भगवान गणेश की स्थापना करने से व्यापार, व्यवसाय, मशीनरी, अग्नि संयत्र में लाभ होता है। शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ दर्शन के लिए होने लगी थी। वहीं दोपहर के बाद मंदिरों में पूजन कर आरती की गई
श्री चिंतामण का किया आकर्षक श्रृंगार
शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर स्थित श्री चिंतामण गणेश मंदिर पर सुबह 4 बजे पट खोले गए। भगवान का पूजन-अभिषेक के बाद आकर्षक श्रृंगार किया गया। सुबह से ही दर्शनार्थियों की भीड़ शुरू हो गई थी। मंदिर समिति के प्रशासक अभिषेक शर्मा ने बताया कि दर्शनार्थियों को परिक्रमा पथ से गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन कराए जा रहे है। मंदिर में प्रतिदिन सुबह भगवान के अभिषेक पूजन के पश्चात दर्शन का क्रम प्रारंभ हो जाता है। दर्शनार्थियों को लड्डू-प्रसाद का वितरण प्रतिदिन होगा।
प्रशासक श्री शर्मा ने बताया चिंतामण गणेश मंदिर भगवान श्री गणेश के ऐतिहासिक ,पुराणिक मंदिरों में से एक हैं। भगवान श्री चिंतामण गणेश के मंदिर में भगवान श्री चिंतामण गणेश, श्री इच्छामण गणेश और श्री सिद्धिविनायक गणेश भगवान एक ही प्रतिमा में विराजित होने से यह महूर्त के अधिपति का स्थान हैं। यह एकमात्र मंदिर है जहां वर्षभर विवाह होने की मान्यता है।
श्री गणेश उत्सव के दौरान यहां श्री गणेश अथर्वशीष के पाठ कराने का विशेष महत्व है। श्री गणेश चतुर्थी पर भगवान श्री चिंतामण गणेश का विशेष श्रृंगार कर मंदिर कि साज-सज्जा की गई है। इस शुभावसर पर भगवान श्री चिंतामण गणेश का विशेष पूजन अर्चन श्री चिंतामण गणेश मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष अर्थ जैन, नगर निगम कमिश्नर आशीष पाठक द्वारा किया गया। पूजन पुजारी गणेश गुरु द्वारा संपन्न कराया गया।
विघ्नहर्ता गणेश का हुआ विशेष श्रृंगार
चिंतामण मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मण बावड़ी पर विराजित विघ्नहर्ता गणेश का चतुर्थी के अवसर पर आकर्षक चोला श्रृंगार कर महाभोग लगाया गया। पुजारी पं. ईश्वर शर्मा ने बताया कि भगवान चिंतामण के दर्शन के बाद विघ्नहर्ता गणेशजी के दर्शन करने का विशेष महत्व है। गणेश उत्सव के पूरे 10 दिनों तक प्रतिदिन विघ्नहर्ता गणेश का विशेष चोला श्रृंगार कर महाभोग लगाया जाएगा। पं. शर्मा ने बताया कि लक्ष्मण बावड़ी के समीप भगवान राम, लक्ष्मण और सीताजी ने पूजन के लिए विघ्नहर्ता गणेश की स्थापना कर पूजन किया था।
सिद्धि विनायक पर अर्थवशीर्ष का पाठ
श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित श्री सिद्धि विनायक गणेश मंदिर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश का सुबह अभिषेक पूजन हुआ। इसके बाद भगवान की प्रतिमा का आकर्षक श्रृंगार किया गया। दोपहर में अर्थवशीर्ष का पाठ कर भगवान को मोदक का महाभोग लगाया गया। पुजारी चम्मू गुरू ने बताया कि भगवान का पंचामृत पूजन के बाद सवा लाख मोदक का भोग लगाया गया। दोपहर करीब 1 बजे महाआरती हुई।
इस दौरान महाकाल मंदिर परिसर स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनित गिरी महाराज, श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने भगवान गणेश का पूजन व आरती कर प्रसाद वितरित किया। मंदिर में गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस 10 दिन तक प्रतिदिन भगवान श्री गणेश का अभिषेक पूजन के पश्चात आकर्षक श्रृंगार किया जाएगा। वहीं भक्तों को प्रसाद वितरित होगा।
बड़ा गणेश मंदिर पर बटुकों ने किया पाठ
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पीछे स्थित बड़ा गणेश मंदिर में सुबह से ही पूजन अभिषेक के साथ ब्राह्मण बटुकों द्वारा श्री गणपति अर्थवशीर्ष का पाठ हुआ। दोपहर में भगवान को लड्डू, मोदक का भोग लगाकर आरती हुई। श्रद्धालुओं ने भगवान गणेश के दर्शन लाभ लिए।
श्री मनछामन गणेश मंदिर पर रोज होंगे नये श्रृंगार
प्राचीन श्री मनछामन गणेश मंदिर में सुबह भगवान गणेश का श्रृंगार कर अभिषेक पूजन हुआ। इसके पश्चात आरती हुई। गणेश चतुर्थी के अवसर पर मंदिर की आकर्षक साज सज्जा की गई। सुबह से ही भगवान गणेश के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। यहां पर श्रद्धालु मन की इच्छा पूरी करने के लिए भगवान के दर्शन को आते है। पहले यहां एकांत एरिया था। अब आसपास क्षेत्र में कॉलोनी विकसित होने से मंदिर पर प्रतिदिन श्रद्धालु दर्शन को आते है। गणेश उत्सव के 10 दिन भगवान गणेश की आराधना के साथ रोज नए श्रृंगार होंगे।