शहर को जाम से नहीं मिल रही निजात
उज्जैन, अग्निपथ। शहर के नागरिक इन दिनोंं जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। रोज जाम लगने की कोई एक वजह नहीं है। सिर्फ संकरे मार्ग, बेतरतीब यातायात व्यवस्था ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि क्षमता से अधिक ई-रिक्शा की अनुमति भी है, जिसकी वजह से ई-रिक्शा चालक खुद भी परेशान हैं।
पिन पाइंट पर काम करने पर ही सुधार होगा
शहर की सडक़ों की वाहनों को अपने ऊपर चलाने अर्थात सहने की एक क्षमता होती है। लिमिट से ज्यादा वाहन किसी भी मार्ग पर होंगे तो परेशानियां खड़ी होगी ही। वाहनों के रजिस्ट्रेशन, निर्धारण, सडक़ें सभी पर बात करना होगी। सुधार का जिम्मा किसी एक विभाग का नहीं है। इसमें सभी संबंधित विभाग को साथ खड़े होना पड़ेगा। व्यापारी, आमजन, जनप्रतिनिधि सभी को साथ रख पिन पाइंट पर काम करना होगा। कोई नई व्यवस्था लागू करने या पालन कराने से पहले उसका खूब प्रचार-प्रसार करना होगा। कोलकाता व बेंगलुरु जैसे शहरों की व्यवस्था का उदाहरण भी बताना होगा, तब जाकर व्यवस्था बेहतर बनाई जा सकती है।
- विजय डेविड, सेवानिवृत्त एएसपी ट्रैफिक
सडक़ सुरक्षा समिति में वाकिंग जोन निर्णय हुए पर पालन नहीं – शर्मा
सडक़ सुरक्षा समिति की बैठक में कई बार एकांकी मार्ग को लेकर पालन कराने की बात हुई। छत्रीचौक-गोपाल मंदिर को भी पैदल वाकिंग जोन, जिसमें सिर्फ पैदल व दो पहिया वाहन ही चलेंगे। इस पर भी निर्णय हुए लेकिन पालन इसलिए नहीं हो पाया क्योंकि नगर निगम, पुलिस व अन्य संबंधित ने संयुक्त रूप से लगातार काम नहीं किया। निर्णय लेने के साथ उसका पालन कराने के लिए भी जुटना पड़ेगा, तभी सुधार होगा।
प्रकाश शर्मा, पूर्व सदस्य सडक़ सुरक्षा समिति
संयुक्त टीम बनाएंगे
संबंधित सभी विभाग से बात कर संयुक्त टीम बनाएंगे व आमजन, व्यापारी, जनप्रतिनिधि सभी के सुझाव से व्यवस्था को और बेहतर कैसे बना सकते हैं, इस दिशा में जल्द ही प्रयास किया जाएगा।
– प्रदीप शर्मा, एसपी