जहरीला कचरा जलाने के विरोध में पीथमपुर बंद के दौरान प्रदर्शन कारियों पर पुलिस ने चलाई लाठियां
धार, अग्निपथ। अपने जीवन की सांस लेने के लिए हवा को दूषित नहीं होने के लिए पीथमपुर की जनता शुक्रवार को एकमत होकर सडक़ पर उतरी। भोपाल की यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का जहरीला कचरा पीथमपुर की रामकी कंपनी में जलाए जाने के विरोध में वहां के लोगों ने शुक्रवार को बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन किया। विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां चलाई। जिसमें कई लोग चोटिल हो गए। वहीं आंदोलन में शामिल दो युवाओं ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की।
वही यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के विरोध में पीथमपुर-सागौर पूरा बंद, बाजारों में पसरा सन्नाटा पसरा रहा। सीएम और मंत्री की अपील का भी नहीं दिखा असर। बंद के समर्थन में पीथमपुर के उद्योगों ने भी अपने उद्योग बंद कर दिए हैं।
वही लोगो ने सीएम का पुतला भी जलाया। लोगों ने दिनभर कई जगह चक्काजाम भी किया। पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाए जाने के विरोध में आंदोलन कर रहे राजू पटेल और राजकुमार रघुवंशी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक इलाज के बाद दोनों को इंदौर के निजी अस्पताल भेजा गया है।
इससे भडक़े आंदोलनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज जाने की कोशिश की। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके उन्हें रोक लिया है। उधर, बस स्टैंड पर चल रहे धरना प्रदर्शन के मद्देनजर वाहनों को महेंद्रा ब्रिज होते हुए पावर हाउस चौराहे से डायवर्ट किया गया है। यहां मौजूद महिलाओं ने चूडिय़ां इक_ा कर जनप्रतिनिधियों को भेजने की बात कही है। पीथमपुर बचाओ समिति के सदस्य भी दिल्ली से लौटकर प्रदर्शन स्थल पहुंच गए हैं। वहीं, गुरुवार से अनशन पर बैठे किसान संदीप रघुवंशी ने कहा है कि जहरीला कचरा यहां से वापस जाने तक अनशन जारी रहेगा।
बच्चे भी हुए शामिल
पीथमपुर विरोध के रूप में बच्चों ने भी मैदान पकड़ लिया है। वहां युवा, महिलाएं, बच्चे सब प्रदर्शन में शामिल होकर विरोध कर रहे है वही रहवासियों घरों से बाहर निकल कर समर्थन कर रहे है। बंद को रहवासियों का पूरा साथ मिला है। हर जगह बंद का असर नजर आ रहा है। कोई भी सडक़ों पर कारोबार करता नजर नहीं आ रहा। लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि कचरा जलाना शुरू किया तो आंदोलन और भी भडक़ जाएगा।
पांच पीढ़ी तक रहेगा कैंसर का खतरा
इंदौर के वरिष्ठ कैंसर रोग विशेषज्ञ एस एस नैयर ने दावा करते हुए कहा कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीवमपुर में जलाने के लिए जो केमिकल मिलेंगे। उससे कई तरह की घातक गैस भी निकलेगी। जो एटमॉस्फेवर में आकर फूड चेन में शामिल हो जाएगी। उन्होंने कहा इस कचरे में 67 तरह के केमिकल हैं। जिनके जलने पर 150 मीट्रिक टन धुआं निकलेगा।
जिसका कई पीढियों तक दुष्प्रभाव खत्म नहीं होगा। गर्भस्य बच्चों को तरह-तरह की बीमारी होगी। फेफड़े, ब्लैडर और किडनी के अलावा ब्लड कैंसर का दुष्प्रभाव पीथमपुर इंदौर समेत 200 किलोमीटर की परिधि में अगले 100 साल तक खत्म नहीं होगा।