जीवंत डिजिटल अरेस्ट बूट कैंप जागरुकता जरूरी- कुलगुरु प्रो. भारद्वाज

साइबर ठगी के मामलों में 1930 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करायें

उज्जैन, अग्निपथ। पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान प्रबंध संकाय-आईआईसी प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में वित्तीय साक्षरता, साइबर क्राइम सुरक्षा, बैंकिंग करियर्स विषय पर बूट कैंप का आयोजन किया गया।

प्रो.डा.अर्पण भारद्वाज कुलगुरु विक्रम विवि उज्जैन बूट कैंप आयोजन हेतु अपने प्रेषित शुभकामना संदेश में विद्यार्थियों को से आव्हान करते हुए वित्तीय जागरूकता के प्रति सचेत रहने से भविष्य में आर्थिक निर्णयों को सही ढंग से ले सकने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने साइबर सिक्योरिटी के विषय पर बुटकैम्प का संचालन करने हेतु संस्थान को बधाई देते हुए जिसमें उन्होंने साइबर सिक्योरिटी, साइबर फ्रॉड , डिजिटल अरेस्ट, वित्तीय समावेशन और वित्तीय साक्षरता जैसे विषयों पर सबको जागरूक करते रहने के ऐसे अभिनव आयोजन उद्देश्य को प्रासंगिक बताया।

इस कैम्प की शुरुआत में प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता के द्वारा अतिथि वक्ता एवं विक्रम विवि की एल्युमिनी का विस्तृत परिचय, संयुक्त राष्ट्र संपोषणीय विकास लक्ष्यों 1, 2, 3, 5, 7, 8, 9 को जोड़ते हुए वित्तीय साक्षरता को प्रस्तुत करते हुए श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव का विक्रम विवि उज्जैन की ओर से आत्मीय अभिनंदन भी किया गया।

रोचक बूट कैंप में अतिथि वक्ता के रूप में पधारी विक्रम विवि उज्जैन की पूर्व प्रतिभाशाली छात्रा, एनसीएफई, आरबीआई-एसबीआई से संबद्ध की वित्तीय समावेशन प्रशिक्षक श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव ने वित्तीय समावेशीय अध्ययन वित्तीय साक्षरता एवं साइबर अपराधों, डिजिटल अरेस्ट मॉक प्रदर्शन के रोचक जीवंत प्रदर्शन माध्यम से बचाव के उपाय भी बताए। उन्होंने बताया कि साइबर ठगी के मामलों में 1930 हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

उन्होंने आरबीआई की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। प्रचलित वित्तीय ऐप्स के महत्व, प्रकार और संचालन सतर्कता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को वित्तीय प्रबंधन मे वित्तीय साक्षरता की की भूमिका भी समझाई। उन्होंने कहा कि वर्तमान में साइबर सुरक्षा एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है और आमजन को अज्ञात नंबरों, संदिग्ध लिंक्स व अनजान संदेशों से सतर्क रहने की गहन आवश्यकता है।

उन्होंने विद्यार्थियों से वित्तीय साक्षरता को अपनी शिक्षा के साथ जोडऩे का आह्वान किया। बूट कैंप में रोचक संक्षिप्त नाटक के माध्यम से विद्यार्थियों को डिजिटल फ्रॉड के प्रकार एवं उनसे बचने के उपायों के बारे में बताया। निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने बताया कि छात्रों के लिए वर्षभर जागरूकता एवं व्यक्तित्व विकास से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप संस्कारवान युवा तैयार करना रहता है।

रोचक जीवंत डिजिटल अरेस्ट प्रत्यक्ष प्रदर्शन में विद्यार्थियों ने सहभागिता करते हुए प्रश्न उत्तर सत्र के पश्चात सभी विद्यार्थियों को जागरूक रहें, सतर्क रहें , सुरक्षित रहें और खुश रहें का सूत्र प्रदान किया।

संकाय अध्यक्ष प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान विक्रम विवि कार्य परिषद सदस्य, प्रो डॉ. दीपक गुप्ता डॉ. सचिन राय, राकेश खोती, गोविन्द तोमर, दिनेश सिंगार, ओम प्रकाश यादव, सत्यनारायण जी सहित विभिन्न संकायों के विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में एमबीए चतुर्थ द्वितीय सेमिस्टर के पृथ्वीराज युवराजसिंह, आदित्य कनिष्का, ख्याति, कलि, चांदनी पंकज मेहा, श्रेया, शिवानी का विशेष सहयोग रहा। संचालन एवं आभार संकाय सदस्य डॉ. नयनतारा डामोर ने व्यक्त किया।

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