भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है। पिछले 24 घंटे में 2332 केस मिले हैं। यही स्थिति पिछले साल सिंतबर माह में थी। 12 शहरों में रविवार को लॉकडाउन और शेष दिनों में नाइट कर्फ्यू लगाने के बाद हर रोज पॉजिटिव केस बढ़ते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को एक बार फिर मैदानी अफसरों के साथ मैराथन बैठक करेंगे। संकेत मिले हैं कि कोरोना को कंट्रोल करने के लिए सरकार देर शाम तक कुछ और सख्त फैसले ले सकती है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन के सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड नहीं बचे हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति भोपाल में हो गई है। यहां सिर्फ 44 बेड बचे हैं। इनमें से ICU में केवल 4 मरीजों के लिए बेड बचे हैं। इसी तरह, जबलपुर में रोजाना केस बढ़ते जा रहे हैं। यहां के अस्पतालों में कोरोना मरीजों को जगह मिलना मुश्किल होगा। 30 मार्च की स्थिति में यहां केवल 52 बेड ही खाली थे। ग्वालियर में भी अब सिर्फ 8 बेड बचे हैं।
प्रदेश में तीन शहर भोपाल, इंदौर और जबलपुर में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। इंदौर में 643, भोपाल में 498 और जबलपुर में 161 नए संक्रमित मिले हैं। अगर प्रदेश से तुलना करें, तो 55% केस सिर्फ इन तीन शहरों में मिले हैं। संक्रमण दर दूसरे दिन भी 10% से अधिक रही है। सरकार की चिंता कोरोना से हो रही मौतों को लेकर है। पिछले 24 घंटे में 9 मरीजों की जान गई। यही वजह है, सरकार ने मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन 20 मार्च को जारी की थी। इसके तहत ज्यादा संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड का इंतजाम करने को कहा गया है।
19 जिलों में 20 से अधिक केस
भोपाल, इंदौर और जबलपुर समेत प्रदेश के 52 में से 19 जिले ऐसे हैं, जहां हर रोज 20 से अधिक केस मिल रहे हैं। इनमें से महाराष्ट्र की सीमा से लगे शहरों में संक्रमण की रफ्तार तेज होती जा रही है। पिछले 24 घंटे में खरगोन (89), उज्जैन (70), बैतूल (68), ग्वालियर (55), रतलाम (54), धार (44), छिंदवाड़ा (42), सीहोर (34), शाजापुर (31), रीवा (28), खंडवा (27), झाबुआ (22) व नरसिंहपुर में (22) केस मिले हैं।