धार, धीरेंद्र सिंह तोमर। कोरोना मरीजों के लिये एक राहतभरी खबर है। जल्द ही चार पहिया वाहनों में लगने वाले सीएनजी कास्टकेड को ऑक्सीजन कंटेनर के रूप में उपयोग किया जाएगा। उक्त कार्य की जिला प्रशासन और संबंधित कम्पनी की रूपरेखा लगभग तय हो चुकी है।
कास्टकेड को उपयोग करने का मुख्य कारण कम पड़ रहे ऑक्सीजन के कंटेनर और अधिक मात्रा में ऑक्सीजन का संचय है। ये दोनों ही काम में कास्टकेड महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वर्तमान में दो प्रकार की कैपेसिटी वाले 88 कास्टकेड को उपयोग में लिया जाएगा। जिनकी क्षमता 45 वाटर लीटर और 21 वाटर लीटर की कैपेसिटी रहेगी। यह प्रदेश में एक नया प्रयोग रहेगा। वाहनों के कास्टकेड उच्चतम स्तर पर दाब को सहन कर सकते हैं। साथ ही इनमें दुर्घटना होने की संभावना न के बराबर होती है।
जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय में ऑक्सीजन का प्लांट बनने जा रहा है जिसके लिये आवश्यक तकनीकी पूर्ण की जा रही है। शहर में घरेलू गैस की पाइप लाइन के रूप में नवेरिया गैस प्राइवेट लिमिटेड कार्यरत है। जिला प्रशासन से कलेक्टर आलोक कुमार सिंह और नावरिया गैस के डायरेक्टर संदीप ने उक्त बॉटलिंग प्लांट को स्थायी रूप से उन्ही के जैतपुरा स्थित सीएनजी पम्प पर स्थापित करने का मानस बनाया है। प्लांट बनने में एक माह का समय लगेगा।
इसी के साथ आने वाले दिनों में यहां सवा सौ सिलेंडर का ऑक्सीजन प्लांट लगने वाला है। कलेक्टर आलोक कुमार सिंह से चर्चा उपरांत सीएनजी गैस के संदीप नवेरिया ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 125 सिलेंडर बनाने की एक फेक्ट्री धार नाके पर सीएनजी फिलिंग स्टेशन पर होगी। जिला प्रशासन सीएसआर और अन्य मद से मदद देगा। वे दो साल तक आक्सीजन सप्लाई शासकीय अस्पताल को मुफ्त और लोकल हॉस्पिटल्स को निर्धारित दर पर उपलब्ध कराएंगे।
लगभग एक महीने के अंतराल में यह प्लांट शुरू हो जाएगा। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि आज ही हमने अपने सभी उद्योगपति साथियों से मदद का अनुरोध किया था। मुझे खुशी है कि एक घंटे के अंदर सद्गुरु सीमेंट के मालिक राजेश बंसल ने उपस्थित होकर 7 लाख 50 हजार का चेक प्रदान किया है। मुझे उम्मीद है कि अगले दो दिन में ही हम लोग इसके लिए जितनी भी राशि चाहिए वो हम प्राप्त कर लेंगे। वर्क आर्डर हमने ऑलरेडी दे दिए है। ताइवान से कन्साइनमेंट की भी बुकिंग हो चुकी है और एक महीने के अंदर टेस्ट उपरांत यह फेक्ट्री स्टेबलिश हो जाएगी।
इससे प्रतिदिन 125 सिलेंडर्स मिलने से मुख्यालय की ऑक्सीजन की समस्या दूर हो जाएगी। उन्होने बताया कि इस तरह की प्रणाली लंबे समय तक यह सुनिश्चित करेगी कि जिला अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति में अचानक व्यवधान का सामना न करना पड़े और कोरोना या अन्य मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति का उपयोग हो।
सुविधा जुटाना हमारा उत्तरदायित्व
शासन एवं निजी स्तर पर भी मैं हरसंभव ऑक्सीजन और दवाई के लिये लगा हूँ। ईलाज में समस्त सुविधाओं को जुटाना हमारा उत्तरदायित्व है और इसे बखूबी निभाया जा रहा है। ऑक्सीजन प्लांट एवं बॉटलिंग प्लांट से जिला ऑक्सीजन उपलब्धता में पूर्णरूप से आत्मनिर्भर बन जाएगा।
– आलोक कुमार सिंह, कलेक्टर धार