महाकाल मंदिर के गर्भगृह निरीक्षक और एक कर्मचारी की सेवा समाप्त

यजमान को कराए दर्शन, सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद कार्रवाई

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में आम श्रद्धालुओं का दर्शन बंद है। लेकिन चोरी छुपे कुछ पुजारी अपने यजमानों को दर्शन करवा रहे हैं। शिकायत मिलने के बाद मंदिर के कार्यकारी प्रशासक जितेन्द्रसिंह चौहान ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की तो उन्होंने गर्भगृह से एक व्यक्ति को दर्शन करता हुआ पाया। लिहाजा मौजूद गर्भगृह निरीक्षक और एक कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई है। लेकिन उस व्यक्ति को दर्शन मंदिर के एक पुजारी के कहने पर कराए गए थे, ऐसी जानकारी मिली है।

सूत्रों के अनुसार 27 मई को सुबह 11.30 बजे के आसपास नैवेद्य गेट से एक व्यक्ति ने प्रवेश किया और गर्भगृह की चौखट से उसने दर्शन किए। इस दौरान गर्भगृह के निरीक्षक बतौर वहां पर अशोक ठोमरे और कर्मचारी अशोक कोरेकर मौजूद थे। दर्शन के बाद वह व्यक्ति तो बाहर निकल गया, लेकिन किसी ने इस बात की शिकायत मंदिर के कार्यकारी प्रशासक और अपर कलेक्टर जितेन्द्रसिंह चौहान को कर दी। तीन दिन सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद आखिरकार सोमवार को दोनों की सेवा समाप्ति के आदेश निकाल दिए गए।

इनका कहना है

गर्भगृह निरीक्षक और कर्मचारी द्वारा जानबूझकर व्यक्ति को दर्शन करवाए गए हैं। सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद दोनों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
– जितेन्द्रसिंह चौहान, कार्यकारी प्रशासक और अपर कलेक्टर

पूरे डेढ़ माह की सीसीटीवी फुटेज देखी जाए

पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान भी इंदौर के तीन लोगों भगवान महाकाल के दर्शन किए थे और इसका फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। वहीं एक भांग घोटा संचालक भी आबकारी कर्मियों के साथ धर्मशाला गेट से आया था और उसने भगवान महाकाल के दर्शन किए थे। हालांकि मंदिर प्रबंध समिति ने इन लोगों को नोटिस जारी किया था लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। इस बार के जनता कफ्र्यू में भी कई लोगों द्वारा दर्शन किए जाने की जानकारी प्राप्त हुई है। इसमें से अधिकतर पुजारियों के यजमान शामिल हैं। जलाधारी पर डेढ़ क्विंटल फल रखने वाले यजमानों ने भी दर्शन किए होंगे। इसके सीसीटीवी फुटेज निकाल कर जांच की जाने की जरूरत है।

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