यूडीए की कॉलोनियों में रहने वाले सात हजार से ज्यादा लोगों को नए नियम से लगेगी चपत

बकाया नहीं चुकाने पर लगेगा जुर्माना, 9 अप्रैल से नए नियम लागू

उज्जैन। उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के नए नियम लागू हो चुके हैं। इनका राजपत्र में प्रकाशन 9 अप्रैल से किया गया है। जबकि इनका अनुमोदन यूडीए संचालक मंडल की बैठक में 15 जून को हुआ। परन्तु नियम प्रभावशील 9 अप्रैल से हो गए हैं। कई नियमों की जानकारी यूडीए के अफसरों और कर्मचारियों को ही नहीं है। इससे वे सहीं जानकारी आम लोगों को नहीं दे पा रहे हैं।

हालात यह है कि एक-एक नियम को लेकर इतना कंफ्यूजन है कि कर्मचारी और अधिकारी एक दूसरे से उलझे रहते हैं। उपभोक्ता को यहां सही जानकारी नहीं मिल पाने से उसे जुर्माना भरना पड़ेगा। यूडीए की करीब 28 कॉलोनियों में 17 हजार के करीब उपभोक्ता हैं। इनमें से करीब 7 हजार को नए नियम की वजह से 30 साल का लीज रेंट और उसका ब्याज भी वे वजह से यूडीए को चुकाना पड़ेगा। कई को जुर्माना भी वे वजह ही भरना पड़ेगा। यह फ्री होल्ड कराने पर भरना होगा। यदि कोई फ्री होल्ड नहीं कराता है तो उसे लीज भरनी होगी।

अब फ्री होल्ड ऑन लाइन होगा

नए नियमों के मुताबिक यूडीए में सभी संपत्तियां लीज रेंट के आधार के स्थान पर फ्री होल्ड के आधार पर बेची जाएगी। इसमें यूडीए फ्री होल्ड की फीस को भी जोडक़र कीमत बताएगा। यानी इससे यूडीए की संपत्ति अब पहले के मुकाबले और ज्यादा महंगी हो जाएगी। क्योंकि इसमें 30 साल की लीज रेंट की राशि भी जुड़ी रहेगी।

व्यावसायिक किया तो 5 फीसदी राशि देनी होगी

यूडीए अभी तक आवासीय को व्यवसायिक करने पर 0.5 फीसदी की दर से फीस या चार्ज लेकर आवासीय को व्यवसायिक श्रेणी में बदल देता था। अब इस फीस में साढ़े चार फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। यानी आपने प्राधिकरण की किसी कॉलोनी में प्लाट खरीदा और उस पर दुकान बना ली है और उसे अब व्यवसायिक श्रेणी में बदलना चाहते हैं तो आपको पांच फीसदी चार्ज चुकाना होगा।

फ्री होल्ड का नाम बदला

अभी तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के प्लाट पर अपना पूर्ण स्वामित्व कराने के लिए जिस प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था, उसे फ्री होल्ड कराना कहते थे। अब राज्य सरकार ने फ्री होल्ड का हिंदी नाम पूर्ण भू-स्वामी अधिकार कर दिया है। क्योंकि ज्यादातर यूडीए की संपत्ति लीज रेंट पर दी जाती थी।

इसमें 50 प्रतिशत का मालिक संपत्ति खरीदार होता था और 50 प्रतिशत का मालिक यूडीए होता था। वह लीज रेंट हर साल लेता था। ज्यादातर मामलों में 10 साल की लीज रेंट लेकर प्लाट को फ्री होल्ड कर दिया जाता था। परन्तु अब 30 साल की लीज रेंट देने पर ही प्लाट फ्री होल्ड होगा। इसमें भी एक प्रतिशत बढ़ाकर दो प्रतिशत लीज रेंट कर दी गई है।

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