MP में डेल्टा + वैरियंट पर खुलासा:भोपाल में 3, उज्जैन में 2 केस मिले, 1 की मौत जिसे वैक्सीन नहीं लगी थी; चिकित्सा शिक्षा मंत्री बोले- पहली मौत उज्जैन में हुई, टीका लगा चुके चारों लोग ठीक हैं

भोपाल/उज्जैन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर होने के बाद कोरोना के डेल्टा प्लस वैरियंट का खतरा बढ़ता जा रहा है। मध्य प्रदेश में कोरोना के डेल्टा प्लस के पांच मामले सामने आए है। इसमें भोपाल में 3 और उज्जैन में 2 मामले है। इसमें से उज्जैन के एक मरीज की मौत हो चुकी है। बाकी मरीज अब कोरोना से स्वस्थ हो चुके है और घर पर है। डेल्टा प्लस के मामले सामने आने के बाद मंगलवार को केन्द्र सरकार ने राज्य सरकार को संक्रमण रोकने के उपाए करने के लिए अलर्ट जारी किया है। केन्द्र की तरफ से राज्य सरकार को कोरोना संक्रमण को रोकने को लेकर ट्रेक, ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की रणनीति पर काम करने के लिए कहा गया है। इस मामले में पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरियंट के पांच मामले सामने आए है। इसको लेकर राज्य स्तर पर समीक्षा की जाएगी। मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस से एक मौत हुई है। इसमें यह बात सामने आई है कि जिनको कोरोना वैक्सीन लग चकी थी, वो डेल्टा प्लस को हराने में कामयाब हुए। सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरियंट से उज्जैन में एक मरीज की मौत हुई, उनको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। बाकी चार मरीजों को पहले टीके लग चुके थे और अब वह स्वस्थ है।

राज्य सरकार को केन्द्र से अलर्ट करने के एक दिन बाद ग्राउंड में काम कर रहे डॉक्टरों को कोई दिशा निर्देश ही नहीं मिले है। इस मामले में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर लोकेन्द्र दवे से बात कि तो वह बोले कि हमारे अस्पताल में इलाज को लेकर पूरी तैयारी है। अभी डेल्टा प्ल्स को लेकर सरकार की तरफ से अलग से कोई निर्देश नहीं मिले है। वहीं, भोपाल जय प्रकाश जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ने भी सिर्फ तैयारी पूरी होने का ही जवाब दिया है। इससे साफ है कि सरकार की तरफ से डेल्टा प्लस वैरियंट को लेकर ग्राउंम में काम करने वाले डॉक्टरों को अलग से कोई दिशा निर्देश ही नहीं दिए गए है।


इस मामले में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में तीन मामले सामने आए थे। इनमें से तीनों मरीज स्वस्थ है। उनके संपर्क में आने वालों की भी कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग कराई गई, वह भी सभी ठीक है। अभी कोई ज्यादा मामले मिले नहीं है। इसलिए अगल से कोई निर्देश वाली बात नहीं लगती। हम काेरोना टेस्टिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर फोकस कर रहे है। जिससे लोगों को संक्रमण होने पर भी खतरा कम रहे।

वहीं, उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि मई माह में जब कोरोना अपने चरम पर था तब उज्जैन में दो मरीजों में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरियंट मिलने की जानकारी मिली थी। इसमें वैक्सीन लगाने वाला संक्रमित बच गया और जिसने वेक्सीन नहीं लगवाया था उसकी मौत एक हफ्ते के अंदर ही हो गयी थी। दूसरा मरीज स्वस्थ है। दोनों मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई गई। जिसमें से कोई भी संक्रमित नहीं मिला।

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