प्रसिद्ध शायर बशीर भद्र का यह शेर इन दिनों मेरे शहर उज्जैन पर बिल्कुल प्रासंगिक साबित हो रहा है-“कडक़ड़ाती सर्दी भरा दिसंबर गरीबों पर कहर बनकर टूटा है।” वर्षों से विनोद मिल की चाल में रहने वाले के बेघर होने का दर्द लोग भूल भी नहीं थे कि सरकार का […]
प्रसिद्ध शायर बशीर भद्र का यह शेर इन दिनों मेरे शहर उज्जैन पर बिल्कुल प्रासंगिक साबित हो रहा है-“कडक़ड़ाती सर्दी भरा दिसंबर गरीबों पर कहर बनकर टूटा है।” वर्षों से विनोद मिल की चाल में रहने वाले के बेघर होने का दर्द लोग भूल भी नहीं थे कि सरकार का […]