उज्जैन। केंद्र सरकार ने दलहन की स्टॉक सीमा का 500 मीट्रिक टन तक बढ़ा दी है। उक्त जानकारी देते हुए उज्जैन मंडी के व्यापारी निमिष अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनुपम मिश्रा के हस्ताक्षर से संशोधित आदेश 19 जुलाई को जारी किया गया है। इसमें थोक विक्रेता 500 मीट्रिक टन (एक दलहन की स्टॉक सीमा 200 मीट्रिक टन) रहेगी। खुदरा विक्रेता के लिए 5 मीट्रिक टन और मीलर के लिए छह माह का उत्पादन या वार्षिक का 50 प्रतिशत जो भी ज्यादा होगा वह मान्य होगा।
औचक जांच कमेटी ने किया निरीक्षण
मामला सामने आने के बाद औचक जांच निरीक्षण दल ने दोनों ही तौल कांटों का निरीक्षण किया है। इसकी रिपोर्ट भी मंडी समिति को सौंप दी गई है। हालांकि मंडी सचिव अश्विन सिंहा ने फिर से जांच के लिए निर्देश दिए हैं। साथ ही किसान को भी बुलाया गया है। उसके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हम्मालों के कई संगठन को समिति में लेना भूला बोर्ड
मप्र हम्माल तुलावटी संयुक्त संघर्ष समिति के सादिक हुसैन का कहना है कि उनका संगठन पांच साल से हम्माल और तुलावटियों की समस्या के लिए आंदोलन कर रहा है। परन्तु फिर भी मंडी बोर्ड ने 14 जुलाई को एक कमेटी बनाकर हम्माल और तुलावटियों की समस्या के निराकरण के लिए पहल की है। इसमें उनके संगठन को स्थान नहीं दिया गया है। उन संगठनों को बुलाया गया है जो हम्माल और तुलावटियों के लिए कुछ नहीं कर रही है। इसलिए अगर मंडी बोर्ड और सरकार ने एक तरफा फैसला लिया तो आंदोलन चलता रहेगा।
बड़े तौल कांटे और छोटे में मिला 22 किलो का अंतर
उज्जैन कृषि उपज मंडी में बड़े तौल कांटे और छोटे तौल कांटे से किसान की उपज तौलने के दौरान 22 किलो का अंतर पाया गया है। बडऩगर के किसान ने मंडी प्रशासन को आवेदन देकर जांच की मांग की है। मंडी प्रशासन ने मौके पर पंचनामा बनाकर जांच शुरू की दी है। उल्लेखनीय है कि मंडी में बड़े तौल कांटे से किसान की फसल तौलने के निर्देश दिए गए हैं। परन्तु व्यापारी इसके साथ ही छोटे तौल कांटे पर भी किसान की उपज तौल रहे हैं। इस दौरान दोनों ही कांटों में तौल में 22 किलो का अंतर मिलने पर किसान ने मंडी समिति को शिकायत की है।