अतिक्रमण मुक्त कराई 6.5 बीघा जमीन पर जापानी पद्धति से बनेगा जा मेघदूत वन
उज्जैन। हरिफाटक ओवर ब्रिज रोड मन्नत गार्डन से वीर सावरकर ब्रिज के बीच लगी 211 गुमटियों को हटा दिया गया है। शुक्रवार सुबह 6 से दोपहर 12 बजे के बीच महज 6 घंटे में प्रशासन की टीम ने पूरे इलाके को साफ कर दिया। यहां गुमटियां लगाकर कारोबार करने वाले सभी मैकेनिक अब शांति पैलेस बायपास रोड पर टोल नाके के पास निजी जमीन पर शिफ्ट होंगे। शुक्रवार की कार्रवाई में 1.64 हेक्टेयर यानि करीब 6.5 बीघा जमीन मुक्त कराई गई है।
हरिफाटक ब्रिज के पास लगी गुमटियों में ज्यादातर गुमटियां ऑटोमोबाइल मैकेनिकों की ही थी। दो महीने पहले ही नगर निगम का अमला इन्हें यहां से हटने की चेतावनी दे चुका था। तब सभी गुमटी वालों ने संयुक्त रूप से हाईकोर्ट में कार्रवाई के विरूद्ध अपील की थी। हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देशित किया था कि पहले सभी गुमटी वालों को 45 दिन का नोटिस देकर उनसे जवाब ले और जवाब असंतुष्टिपूर्ण होने के बाद ही आगे की कार्रवाई करे।
गुरुवार को ही कोर्ट द्वारा तय 45 दिन की अवधि समाप्त हो चुकी थी। जैसे ही अवधि समाप्त हुई, गुरुवार शाम ही कलेक्टर कार्यालय में कलेक्टर आशीष सिंह ने नगर निगम आयुक्त क्षितिज सिंघल, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला, एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, एएसपी अमरेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारियों की बैठक ली। यह बैठक रात 10 बजे तक चली। इसी बैठक में तय हो गया था कि सुबह होते ही प्रशासनिक अमला फोर्स के साथ अतिक्रमण हटाने पहुंच जाएगा।
देर रात ही नगरनिगम के अमले को पूरी मशीनरी के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए जा चुके थे। सुबह 6 बजे बजते ही हरिफाटक ब्रिज के पास अधिकारियों-कर्मचारियों और मशीनरी का जमावड़ा होने लगा और मुहिम की शुरूआत कर दी गई। कुछ लोग गुमटियों से सामान निकाल पाए, किसी की गुमटी सामान के साथ ही क्रेन से तान दी गई।
हलका विरोध भी हुआ
सुबह जैसे ही गुमटी संचालकों और उनके परिवारों को प्रशासनिक मुहिम की जानकारी लगी, हरिफाटक ब्रिज क्षेत्र में भीड़ लग गई। कुछ गुमटी वालों ने कार्रवाई को रोकने की भी कोशिश की। ये लोग बैक-हो लोडर के अगले हिस्से पर बैठ गए। एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी और एएसपी अमरेंद्रसिंह ने इनसे बात की और साफ शब्दों में चेतावनी दे दी कि गुमटियां तो हटकर रहेंगी, विरोध करोगे तब भी मुहिम जारी रहेगी। इसके बाद ये लोग विरोध छोडक़र अपना सामान समेटने लगे। इस क्षेत्र में कारोबार करने वाले ज्यादातर गुमटी संचालक यहां कारोबार करने के एवज में 1 हजार रूपए प्रति महीना जमीन के कब्जाधारियों को किराया दिया करते थे।
10 महीने पहले ही ले लिया था मन्नत गार्डन पर कब्जा
हरिफाटक ब्रिज क्षेत्र में मन्नत गार्डन की जमीन पर नगर निगम का कब्जा है और यहां नगर निगम के वाहन खड़े रहते हैं। गार्डन की जमीन पर बने कुछ निर्माण को प्रशासनिक टीम 10 महीने पहले ही तोड़ चुकी है। बचा-खुचा निर्माण भी शुक्रवार सुबह हटा दिया गया। मन्नत गार्डन और इसके पास शिप्रा नदी तट तक की जमीन को स्मार्ट सिटी कंपनी को सौंपे जाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
6 घंटे की मुहिम में जुटा अमला
एडीएम नरेंद्र सूर्यवंशी, एएसपी शहर अमरेंद्र सिंह की अगुवाई में 4 सीएसपी, 7 थाना प्रभारी, 300 से ज्यादा आरक्षक, 100 से ज्यादा नगर निगम कर्मचारी, 12 बैक-हो लोडर, क्रेन, एक दर्जन से ज्यादा ट्रेक्टर ट्राली लगाई गई थी।
मंदिर को छोड़ा
सावरकर ब्रिज के पास ही मुख्य रोड पर एक मंदिर भी बना हुआ है। मंदिर से सटा हुआ एक कमरा भी बना हुआ है। प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच की तो पता चला मंदिर शासकीय जमीन पर बना है जबकि कमरा सर्वे नंबर 3668 की शासकीय जमीन पर निकला। फिलहाल इस कमरे और मंदिर को नहीं छेड़ा गया है।
अब यहां बनेगा मेघदूत वन
जिला प्रशासन द्वारा खाली कराई गई जमीन पर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा मेघदूत वन विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 5 करोड़ 30 लाख रूपए की लागत से यहां मियावाकी पद्धति से प्लांटेशन किया जाएगा। शिप्रा नदी के किनारे पर घाट बनेगा। इसके अलावा पार्किंग स्पेस, चौपाटी, बांस गजेंबो, बैंबू पॉथ-वे, स्कल्चर, बच्चों के खेलने के उपकरण आदि लगाए जाएंगे। मेघदूत वन में 30 हजार 500 से ज्यादा पौधे लगेंगे। स्मार्ट सिटी कंपनी के इस प्रोजेक्ट के टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।