निजी अस्पताल ने बाहर की लैब में कराया था टेस्ट, नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग नींद में
उज्जैन, अग्निपथ। कोरोना पूरी तरह से गया नहीं, इसके पहले डेंगू ने शहर में दस्तक दे दी है। एक ही दिन में कई लोग डेंगू पाजीटिव निकल रहे हैं। वहीं एक निजी अस्पताल में भर्ती बालिका का डेंगू से मौत का भी समाचार है। उसको हालत बिगडऩे पर इंदौर रैफर कर दिया था, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी। वहीं मलेरिया विभाग और नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग मलेरिया और डेंगू को लेकर कतई गंभीर दिखाई नहीं दे रहा है। पाजीटिव आने पर वह मरीज के घर के आसपास जाकर फागिंग कर रस्म अदायगी कर रहा है।
जिला अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जनवरी से लेकर अभी तक 96 डेंगू मरीजों की जांच की जा चुकी है। इनमें से 7 पहले ही पाजीटिव पाए जा चुके हैं। वहीं पिछले सोमवार को एक ही दिन में 12 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट डेंगू पाजीटिव आई थी। प्रतिदिन चरक अस्पताल की लैब में 10 से 12 मरीजों की डेंगू की जांच की जा रही है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर की स्थिति डेंगू को लेकर कितनी खराब है।
सबसे अधिक असर बच्चों पर हो रहा है। जिनके प्लेटलेट्स कम होने पर जान जोखिम में पड़ रही है। लेकिन जिला प्रशासन ने इसको रोकने के पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं। केवल सूचना जारी कर लोगों को इससे बचने के उपाय बताए जा रहे हैं। जबकि पूरे शहर भर में मच्छरों की भरमार है। मच्छरों के उन्मूलन के कोई भी उपाय नहीं किए जा रहे हैं। बारिश का मौसम चल रहा है और घरों के आसपास के पोखरों गड्ढों में मादा एनिफ्लीज अपने अंडे दे रही है। इसको रोकने की जगह केवल सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा रहा है।
नगर निगम फागिंग क्यों नहीं करवाता
शहर का नगर निगम सालभर में एक बार भी शहर में फागिंग नहीं करवाता। वह भी हाथ पर हाथ धरकर बैठा हुआ है। यदि पूरे शहरभर में वार्डवार अनुसार फागिंग और मलेरिया रोधी दवाओं का छिडक़ाव कराया जाए तो काफी हद तक मलेरिया और डेंगू के डंक से लोगों को मुक्ति मिल सकती है। वहीं मलेरिया विभाग जब कोई पाजीटिव आता है तो उसके घर के आसपास जाकर लार्वा ढूंढने का काम किया जाता है। 100 मीटर के दायरे में ट्रेसिंग करता है और नाम पता लिखकर अपने कत्र्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है।
12 वर्षीय बालिका की मौत
विगत रविवार को शहर के एक निजी अस्पताल में जांसापुरा निवासी 12 वर्षीय बालिका को तबीयत बिगडऩे पर भर्ती कराया गया था। लेकिन जब उसकी फ्रीगंज स्थित वृद्धि डायग्नोस्टिक सेंटर में डेंगू एनएस-1 एंटीजन जांच कराई गई तो रिपोर्ट डेंगू पाजीटिव आई। मामले को बिगड़ता देखकर अस्पताल ने उसी दिन दोपहर में उस बालिका को इंदौर रैफर किया, लेकिन उसके प्लेटलेट्स कम होने के कारण उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। मामले को लेकर पूरा घर गमजदा है।
इनका कहना है
फागिंग आदि का काम नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के पास है। हम लार्वा ढूंढकर नष्ट करने का काम करते हैं। -डॉ. एसके अखंड, प्रभारी जिला मलेरिया अधिकारी