खुद को बताया इतिहासकार, जेल का इतिहास भी लिखा
उज्जैन। केंद्रीय भैरवगढ़ जेल में हैकिंग के आरोपों में फंसे जेलर संतोष लड़िया की खुद की वेबसाइट है। संतोष लड़िया ने जेल के इतिहास पर भी अपनी ही वेबसाइट पर पोस्ट डाली है। भैरवगढ़ जेल में दो साल तक बंद रहे महाराष्ट्र के कैदी अनंत अमर अग्रवाल ने लड़िया पर हैकिंग के जरिये करोड़ो रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया है। इसके मामले में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है।
अग्रवाल का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें उसने कहा है कि उसने जेलर लड़िया के लिए तीन वेबसाइट बनाई। इसमें उसने अपने नाम पर भी एक वेबसाइट तैयार की है। दरअसल ये वेबसाइट एक ब्लॉग साइट है। इस पर लड़िया ने जेल के इतिहास पर भी अपने ही नाम से लेख लिखा है। औरंगजेब, अशोक, बुद्ध, महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरु पर भी लड़िया ने लेख लिखे हैं। इस ब्लॉग साइट पर लड़िया ने अपने ही नाम से सभी लेख डाले हैं।
कुछ लेख में लड़िया ने सागर के डॉ. हरिसिंह गौर विवि से प्राचीन इतिहास में एमए की डिग्री करना भी बताया है। अग्रवाल का आरोप था कि पिछले दिनों लड़िया ने उससे टीपू सुल्तान पर लिखे एक लेख को अंग्रेजी से हिंदी में करने को कहा था। इसके लिए लड़िया ने लैपटॉप और पैन ड्राइव के साथ इंटरनेट के लिए जियो का डोंगल भी उपलब्ध कराया था। अग्रवाल ने यह काम जेल में बने कारखाने में बैठकर किया था।
अग्रवाल के आरोपों की जांच करने आए डीआईजी जेल संजय पांडे ने कहा था कि जेल के अंदर लैपटॉप ले जाना ही अपने आप में अपराध है।
दिसंबर 2020 से अब तक 22 लेख
एचटीएमएल पर बनी ब्लॉग साइट दिसंबर 2020 से एक्टिव है। इस पर सबसे पहला लेख प्रकाश पर्व और फिर महात्मा गांधी के बारे में लिखा है। सबसे आखिरी लेख लड़िया ने 20 दिन पहले 31 अक्टूबर को सरदार पटेल पर पोस्ट किया था।
जांच तक अधिकारी मुख्यालय अटैच
अमर की शिकायत के बाद गत शुक्रवार को जेल मुख्यालय ने उज्जैन केन्द्रीय जेल के उप जेल अधीक्षक संतोष लडिया, सहायक जेल अधीक्षक सुरेश कुमार गोयल, प्रहरी धर्मेन्द्र नामदेव को अटैच कर दिया था। जांच के दौरान इन तीनों से राज्य साइबर सेल पुलिस पूछताछ भी कर सकती है। एसआईटी गठित कर जांच कराई जा रही है। तीनों से मामले की जांच कर रही एसआईटी कई स्तर पर पूछताछ कर चुकी है।
यह है मामला
धोखाधड़ी के मामले में भैरवगढ़ जेल में बंद महाराष्ट्र के अनंत अमर अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि वह आईआईटी पास आउट है। अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होने के कारण अधिकारियों ने उससे आईपीएस, न्यायाधीश सहित अन्य लोगों के फोन हैक करवाकर डिजिटल धोखाधड़ी कराई। इसके लिए उसे जेल की ओर से लैपटॉप व मोबाइल फोन के साथ इंटरनेट की सुविधा भी दी गई थी।
अग्रवाल के ये हैं आरोप
अग्रवाल ने भोपाल जेल प्रशासन को आवेदन दिया कि उज्जैन जेल में उससे पूर्व के अधिकारी व कर्मचारियों ने डिजिटल धोखाधड़ी करवाई। कई बड़े आईपीएस, न्यायाधीश अन्य के फोन तक हैक कराए और उनमें मैलवेयर (“मैलवेयर” कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने वाला प्रोग्राम है) लोड करने के लिए दबाव बनाया। हैकिंग के लिए सभी उपकरण डार्कनेट से खरीदे गए। देश-विदेश में लोगों के मोबाइल और कंप्यूटर हैक करके क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी जुटाई। इसके जरिए ऑनलाइन शॉपिंग, एयर टिकट बुक कराए गए। ऑनलाइन खातों में रुपए भी ट्रांसफर किए गए। इस काम के लिए उसे जेल में लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा दी गई थी।
भैरवगढ़ जेल में दो साल बंद रहा आरोपी
साइबर ठग अग्रवाल करीब दो साल भैरवगढ़ जेल में बंद रहा। साल 2018 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था तब से वह जेल में ही बंद था। महीनेभर पहले ही भोपाल जेल में उसका ट्रांसफर हुआ। इसके बाद बंदी ने उज्जैन जेल के अधिकारी व कर्मचारियों पर साइबर क्राइम के आरोप लगाए। इसमें क्रेडिट कार्ड के जरिए कई लोगों से लाखों की ठगी कराने जैसा गंभीर आरोप है।