पांच साल से तलाक के लिए लड़ रहे दंपत्ति को लोक अदालत ने मिलाया

महाकाल मंदिर समिति और विस्थापित दुकानदारों में हुए समझौता

उज्जैन, अग्निपथ। जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत में शनिवार को हजारों केस का निराकरण हुआ। सैकड़ों को लाभ हुआ और सवा करोड़ रुपए से अधिक के अवार्ड भी पारित हुए। खास बात यह है कि यहां महाकाल मंदिर व विस्थापित दुकानदारों के बीच भी समझौता हो गया और दर्जनों टूट रहे परिवार भी एक हो गए। ऐसा ही एक मामला नानाखेड़ा के युवक का है, जो पांच साल से पत्नी से तलाक के लिए लड़ रहा था।

लोक आदालत में विभिन्न प्रकरणों के साथ घरेलू हिंसा, हिंदू विवाह व भरण पोषण भत्ते के प्रकरणों में से 162 का निराकरण हुआ है। इनमें विशेष मामला नानखेड़ा निवासी सुनील पंवार का है। सुनील की शादी 24 अप्रैल 2013 को देवास स्थित टोंकखुर्द निवासी गुंजा से हुई थी। दो संतान होने के बाद दोनों 5 वर्षों पहले अलग हो गए। सुनील ने तलाक का केस लगा रखा था, लेकिन लोक अदालत में समझाईश के बाद दोनों फिर साथ हो गए।

वहीं उज्जैन की टीना ने तो संतान होने के बाद पति राकेश पर दहेज प्रताडऩा भरण पोषण का केस लगा दिया था। लेकिन समझाइश के बाद दोनों केस खत्म कर साथ रहने को तैयार हो गए।

अशोक नगर की पूजा ने इंदौर की बंगाली कॉलोनी निवासी पति सुनील पर दो संतान होने के बाद केस लगा रखा था। दोनों भी वापस घर बसाने को राजी हो गए। खास बात यह है कि तीनों मामलों में हरदयाल सिंह ठाकुर पक्षकार के वकील थे और उनके व न्यायाधीश के प्रयास से घर वापस बसे है।

नई दुकानों में विस्थापितों को प्राथमिकता

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव पदमेश शाह ने बताया कि नेशनल लोक अदालत के लिए 43 खंडपीठ बनाई थी। इनमें विभिन्न न्यायालयों में लंबित 58 हजार 726 प्रकरणों में से करीब 7 हजार 136 केस रखे थे। 868 व प्रिलिटेगेशन के 1 हजार 649 केसों का निराकरण हो गया। दुर्घटना सहित क्लेम केसों में एक करोड़ 33 लाख 64 हजार 218 रुपए अवार्ड भी घोषित हुआ है। लोक अदालत सें करीब 2500 लोगों लाभान्वित हुए हैं। सबसे महत्वपूर्ण मामला महाकाल मंदिर व 32 विस्थापित दुकानदारों का है। दोनों पक्षों का जेएमएफसी हेमंत मेहरा के यहां समझौता हो गया। तय हुआ कि 500 मीटर की दूरी पर बनने वाली दुकानों के आवंटन में प्राथमिकता विस्थापितों को दी जाएगी।

यह थे मौजूद: लोक अदालत के दौरान जिला सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष एनपी सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अध्यक्ष अनिता वाजपेयी, एडीजे जितेंदसिंह कुशवाह, अरविंद रघुवंशी, अंजनीनंदन जोशी, नोडल अधिकारी अरविंद कुमार जैन, अभिभाषक संघ अध्यक्ष अशोक यादव सहित बड़ी संख्या में अभिभाषक मौजूद थे।

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