डिजिटल क्रांति लेकर आई है 21वीं शताब्दी, सुविधाओं के साथ-साथ चुनौतियां भी लाया है नया युग- प्रो. शैलेंद्र शर्मा

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अग्निपथ संपादक अर्जुनसिंह चंदेल जन्मदिवस समारोह में पत्रकारिता के समक्ष नई चुनौतियां विषय पर प्रकाश डाला वक्ताओं ने

उज्जैन, अग्निपथ। 21 वीं शताब्दी डिजिटल क्रांति की शताब्दी है। डिजिटल क्रांति ने हमारी जीवन शैली पर व्यापक प्रभाव डाला है। डिजिटल युग सुविधाएं तो लाया ही है साथ ही नई तरह की चुनौतियां भी हमारे सामने आ गई है। पत्रकारिता की दुनिया को भी इन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दैनिक अग्निपथ नई चुनौतियों का सामना कर जागरूकता धर्मी पत्रकारिता के अपने ध्येय की ओर सतत अग्रसर है।

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक और हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शेलेंद्र शर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही है। प्रो. शर्मा ने दैनिक अग्निपथ के संपादक अर्जुनसिंह चंदेल के 60वें जन्मदिवस समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारिता के सामने नई चुनौतियां विषय पर उद्बोधन दिया।

प्रो. शर्मा ने कहा कि मालवा में नए युग की पत्रकारिता की शुरूआत तब हुई जब दैनिक अग्निपथ की शुरूआत हुई। मालवा की हिंदी पत्रकारिता के शिखर घराने की संस्कृति के संवाहक अर्जुन सिंह चंदेल ने अपने पिता की भांति ही पत्रकारिता को किसी पूर्वागृह का माध्यम नहीं बनाया। श्री चंदेल ने अपने पिता की विरासत को नई सदी के मान से आगे बढ़ाने का काम किया है। प्रो. शर्मा ने कहा कि नए दौर की पत्रकारिता में डिजिटल युग के दौरान वेब मीडिया ने इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया के सामने नई चुनौतियां पेश की है।

प्रिंट मीडिया ने नए दौर के मान से खुद में बदलाव किए, वेब पत्रकारिता आरंभ की। आज का दौर सोशल मीडिया का दौर है। पिछले दो साल में हमने देखा कि कोरोना काल के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से तमाम तरह का प्रचार हो रहा था। इसी काल में लोगों को यह भी आभास हुआ कि मीडिया हमारे समाज का कितना अहम और अभिन्न अंग है।

अपने उद्बोधन के दौरान प्रो. शेलेंद्र शर्मा ने कोरोना काल में कर्तव्य निभाते हुए शहीद हुए पत्रकारों को श्रद्धासुमन भी अर्पित करते हुए कहा कि समाज के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले लोगों ने संकट काल में हमें सिखाया, हमें दिखाया कि हम कैसे महामारी से बचे रह सकते है। प्रो. शर्मा ने कहा कि अंचल चिंता करना दैनिक अग्निपथ और संपादक श्री अर्जुन सिंह चंदेल की खासियत है। छोटे शहरों-कस्बों और गांवो की समस्याओं की चिंता करना, उन्हें जिम्मेदारों के सामने रखना यहीं दैनिक अग्निपथ की जागरूकताधर्मी पत्रकारिता है।

उज्जैन से हुई है नई शिक्षा नीति की शुरुआत

श्री चंदेल के जन्मदिवस पर आयोजित समारोह को बतौर विशेष अतिथि विक्रम विवि हिंदी विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष श्रीमती गीता नायक ने नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं की उपयोगिता विषय पर प्रकाश डाला। श्रीमती नायक ने कहा कि नई शिक्षा नीति को तैयार करने की शुरूआत उज्जैन से ही हुई है, यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा। नई शिक्षा नीति में पहले से समृद्ध भारतीय भाषाओं को समाहित करने से विद्यार्थी हमारी संस्कृति से तो परिचित होंगे ही साथ ही विद्यार्थियों के ज्ञान कोष में भी वृद्धि दर्ज होगी।

कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि विक्रम विवि के व्याख्याता प्रो. जगदीश शर्मा ने श्री अर्जुन सिंह चंदेल के सदैव स्वस्थ्य रहने की कामना की। इस अवसर पर प्रो. श्रीमती प्रेमलता चुटैल जी, अतिथि विद्वान श्री सर्वेश्वर शर्मा, श्रीमती हिना तिवारी, श्रीमती रश्मि शर्मा ने भी नए दौर की पत्रकारिता सहित अन्य विषयों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता दैनिक अग्निपथ परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्री अनिल सिंह चंदेल ने की। इस अवसर पर दैनिक अग्निपथ परिवार के अंचल के सभी संवाददाता, विक्रम विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग, ज्योर्तिविज्ञान विभाग, हिंदी विभाग, संस्था समाधान के सदस्य सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

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