विक्रम विवि में 12 करोड़ से बनेगा कृषि भवन

दूसरे दिन भी बजट पर मंथन, कल फिर होगी बैठक

उज्जैन (निप्र)। लगातार दो दिन के मंथन के बाद भी विक्रम विश्वविद्यालय का बजट पारित नहीं हो सका है। कुलसचिव की ओर से पेश किए गए बजट में 4 करोड़ रूपए से ज्यादा का घाटा दर्शाया गया है। कार्यपरिषद के ज्यादातर सदस्यों की मंशा थी कि बजट को लाभ का बजट बनाया जाए, लिहाजा इसमें संशोधन किया जाना जरूरी है। बजट पर मंथन के लिए 19 मार्च को फिर से कार्यपरिषद की बैठक होगी।

कुलसचिव की ओर से वित्तिय वर्ष 2022-23 के पेश किए गए आंकलित बजट में 360 करोड़ 60 लाख रूपए आय और 365 करोड़ 36 लाख रूपए व्यय दर्शाया गया है। यह 4 करोड़ 76 लाख रूपए घाटे का बजट है। कार्यपरिषद की बैठक में 2022-23 के मूल वित्तीय अनुमानों और वास्तविक आय-व्यय पर विचार किया गया। कार्यपरिषद सदस्यों ने बजट में कुछ संशोधन के सुझाव दिए है। परिषद सदस्यों के सुझावों को बजट में शामिल करने को लेकर 19 मार्च की दोपहर 3 बजे से फिर से कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की जाएगी। 19 मार्च को होने वाली बैठक के बाद बजट को अंतिम रूप दिया जाएगा। गुरूवार को हुई कार्यपरिषद बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य राजेश सिंह कुशवाह, सचिन दवे, ममता बैण्डवाल, विनोद यादव, कुसुमलता निंगवाल, संजय नाहर, डॉ. लक्ष्मीनारायण शर्मा, डॉ. दीपिका गुप्ता, डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ. पी.के. वर्मा, डॉ. दिनेश कुमार सोनी, डॉ. गोविन्द गन्धे, अतिरिक्त संचालक डॉ. आर. सी. जाटवा, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा श्रीमती सुषमा ठाकुर एवं कुलसचिव डॉ. प्रशान्त पुराणिक उपस्थित थे। बजट का सारांश वित्त नियंत्रक जे. एस. भदौरिया ने प्रस्तुत किया।

खास बातें बजट की

  • वर्ष 2022-23 में नवीन कोर्स आरंभ करने के लिए 1 करोड़ रूपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
  • 2021-22 में आरंभ किए गए नए कोर्स की 2770 सीट थी, 1915 एड्मिशन हुए। इनसे 2 करोड़ 18 लाख रूपए की आय हुई। नए वित्तिय वर्ष में नए कोर्स से 5 करोड़ 86 लाख रूपए आय की संभावना दर्शाई गई है।
  • अनुसंधान निधि के रूप में 80 लाख, 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के सम्मान के लिए 15 लाख, स्वर्ण पदक, राष्ट्रीय, राज्य, अंर्तर्राष्ट्रीय खिलाडिय़ों के लिए विक्रम सम्मान, ट्रेक सूट, शोध, सेमिनार, वर्कशॉप, दीक्षांत समारोह, ई लायब्रेरी आदी के लिए 2.02 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
  • अध्ययनशालाओं के उन्नयन, नए पाठ्यक्रम कृषि भवन के लिए 12 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। परिसंपत्तियों के रख-रखाव और उन्नयन के लिए 5 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

पिछले साल बचाए 9 करोड़ 97 लाख

वर्ष 2021-22 के अनुमानित बजट में 4 करोड़ 59 लाख 80 हजार रूपए का घाटा दर्शाया गया था। संधोधित बजट में इस वर्ष में विक्रम विवि को 88 करोड़ 37 लाख 71 रूपए आय और 78 करोड़ 39 लाख 87 हजार रूपए व्यय हुआ है। इस तरह विक्रम विवि ने 9 करोड़ 97 लाख 84 हजार रूपए की बचत की। अनुमानित घाटे के बजट को लाभ की स्थिति में लाया गया।

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