विशेष न्यायालय का आदेश-उज्जैन जिला कलेक्टर को सौंपे संपत्ति का मालिकाना हक
इंदौर/उज्जैन, (संजयसिंह सेंगर /ललित जैन) अग्निपथ। उज्जैन जिले के नागदा के डॉ. विनोद लाहिरी, पत्नी डॉ. विद्या लाहिरी व परिजन कु. बिन्नी लाहिरी तथा अभिषेक लाहिरी की आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में 4 करोड़ 11 लाख 13 हजार 554 रूपये की चल-अचल संपत्ति के अधिहरण के आदेश न्यायालय ने दिया है।
मध्यप्रदेश विशेष न्यायालय अधिनियम-2011 के अन्तर्गत गठित विशेष न्यायालय इंदौर के विशेष न्यायाधीश श्री गंगाचरण दुबे ने शनिवार को एक आदेश पारित कर कहा है कि उक्त चल-अचल संपत्ति का आधिपत्य कलेक्टर जिला उज्जैन को सौंपा जाये। विशेष न्यायाधीश श्री दुबे ने यह आदेश मध्यप्रदेश शासन के विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन बनाम उज्जैन जिले के नागदा के डॉ. विनोद लहरी, डॉ. विद्या लाहिरी, कु. बिन्नी लाहिरी तथा अभिषेक लाहिरी के मामले में दिया है। डॉ. विनोद लहरी शल्य क्रिया विशेषज्ञ तथा डॉ. विद्या लाहिरी चिकित्सक के रूप में सिविल हॉस्पिटल नागदा में पदस्थ थे। डॉ. विनोद लाहिरी की मृत्यु हो चुकी है। उक्त मामला उपरोक्त चिकित्सक दम्पत्तियों द्वारा अधिकारों का दुरूपयोग कर असमानुपातिक तथा आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने का था।
2012 में मिली थी 35 करोड़ की संपत्ति,
उज्जैन की लोकायुक्त टीम ने 11 वर्ष पहले फरवरी २०१2 में तत्कालीन लोकायुक्त एसपी अरुण मिश्रा ने नागदा स्थित घर डॉ. विनोद लाहिरी के घर पर छापा मारा था। इनके के पास लाखों की नकदी के साथ करीब 35 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का रिकॉर्ड मिला है। डॉ. लाहिरी व उनकी पत्नी डॉ. विद्या लाहिरी वर्ष 2012 में 22 सालों से शासकीय सेवा पूरी कर चुके थे। उन्हें तब तक की नौकरी में करीब 80 लाख रुपए वेतन मिला है। डॉक्टर दंपति के पास बेहिसाब संपति की शिकायत मिली थी। जांच के बाद तत्कालीन लोकायुक्त डीएसपी ओपी सागोरिया व वाईपी सिंह के नेतृत्व में दो टीम बनाकर उनके उज्जैन के इंदिरानगर व नागदा के हॉस्पिटल रोड स्थित मकान पर छापा मारा। दंपति पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया था।
घर में मिली थी नोट गिनने की मशीन
लाहिरी दंपति को इतनी आय होती है कि वे हाथों से नोट नहीं गिन पाते थे। उनके घर में नोट गिनने की मशीन भी मिली। लोकायुक्त ने कोर्ट को बताया कि डॉ. लहरी दंपत्ति को 1 अक्टूबर 2000 से 10 फरवरी 2012 के दौरान एक करोड़,छहत्तर लाख बासठ हजार एक सौ अठठासी रुपए की आय हुई। जबकि उनके पास पांच करोड़ सत्तासी लाख सत्तर हजार एक सौ अठठासी रुपए की संपत्ति होने के रिकार्ड मिले है। मतलब दंपत्ति ने 10 साल में चार करोड़ ग्यारह लाख14 हजार तीन सौ बहत्तर रुपए (232.77) प्रतिशत अवैध तरीके से कमाए। यहीं वजह है कि कोर्ट ने उक्त संपत्ति जब्ती के आदेश दे दिए। रिकार्डनुसार डॉ. लहरी के पिता एजीएमपी कार्यालय में क्लर्क थे। साधारण से परिवार के लहरी की तीन बहने थी। लहरी ने एमबीबीएस की पढ़ाई आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज से की थी।
घर में था स्वीमिंग पूल
नागदा में डॉ. लहरी के हॉस्पिटल रोड स्थित घर मकान नहीं, महल बना हुआ है। काफी समय से बंद पड़े इस महल के अंदर आधुनिक नर्सिग होम और एक स्वीमिंग पूल भी था।