प्रदेश के 10 मेडिकल कॉलेजों में छात्र कर रहे रिसर्च
इंदौर, अग्निपथ। स्वच्छता में देशभर में छह बार अव्वल, वाटर प्लस, वैक्सीनेशन, ऑर्गन्स डोनेशन सहित कई मामलों में अग्रणी इंदौर अब देह दान में भी नंबर वन बनता जा रहा है। हाल ही में जैन समाज की एक 80 वर्षीय वृद्धा के निधन के बाद उनकी देह दान की गई। 2022 में 50 से ज्यादा देह दान किए गए। खास बात यह कि एक साल पहले तक सिर्फ एमजीएम मेडिकल कॉलेज में ही शोध के लिए बॉडी भेजी जाती थी। लेकिन अब 10 से ज्यादा शहरों से जुड़े मेडिकल कॉलेजों को बॉडी सौंपी जा चुकी हैं, जिससे हजारों छात्र शोध कर रहे हैं।
18 जनवरी को न्यू पलासिया निवासी सरोज जैन (80) के निधन के बाद परिवार ने उनकी देह दान की है। उन्होंने काफी समय पहले संकल्प पत्र भरा था। उनकी बॉडी रामाकृष्ण आयुर्वेदिक कॉलेज (भोपाल) को भेजी गई है। अब उक्त मेडिकल कॉलेज के छात्र उस पर शोध करेंगे। 2022 में देह दान को जिस प्रकार गति मिली उससे अन्य मेडिकल कॉलेजों के छात्रों के शोध की राह भी आसान हुई है।
इन कॉलेजों के मेडिकल छात्र कर रहे शोध
इसी कड़ी में 2022 में एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर को 6, अष्टांग आयुर्वेदिक कॉलेज (इंदौर) को 5, भोपाल मेडिकल कॉलेज को 4, अरविंदो मेडिकल कॉलेज को 10, जबलपुर मेडिकल कॉलेज को 5, खंडवा मेडिकल कॉलेज को 4, उज्जैन मेडिकल कॉलेज को 4, रतलाम मेडिकल कॉलेज को 2 सहित अन्य कॉलेजों में भी बॉडी भेजी गई। इनमें से इंदौर-भोपाल को छोडक़र मेडिकल व आयुर्वेदिक कॉलेज में बॉडी नहीं होने से छात्रों को रिसर्च में काफी परेशानी आ रही थी, जो अब लगभग खत्म हो गई है।
त्वचा व नेत्र दान में भी इजाफा
ऑर्गन्स और बॉडी के अलावा त्वचा व नेत्र दान को भी काफी गति मिली है। बीते सालों में अब तक 640 लोगों की मरणोपरांत त्वचा दान की गई। जबकि नेत्र दान का आंकड़ा भी जबरदस्त बढ़ा है। त्वचा चोइथराम हॉस्पिटल स्किन बैंक व आंखें शंकरा व एमके इंटरनेशल बैंक को सौंपी गई। इससे हजारों लोगों की अंधेरी दुनिया में उजियारा हुआ है।
अब इन्होंने किए नेत्र व त्वचा दान
बुधवार को दौलतराम मूलचंदानी (54) निवासी लाडकाना नगर की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद परिवार ने उनके नेत्र व त्वचा दान की है। पंकज सुराणा (45) निवासी गुमाश्ता नगर की भी हार्ट अटैक से मौत के बाद परिवार ने उनकी आंखें व त्वचा दान की है। नीरज जोशी (45) की हृदयाघात से मौत के बाद उनके परिजन ने उनके नेत्र दान किए हैं। शुक्रवार को ऋषि नेहलानी (23) निवासी सांई कृपा कॉलोनी के निधन के निधन के बाद परिवार ने उनके नेत्र व त्वचा दान की है। उमेश रहेजा (32) निवासी ट्रेजर फैंटेसी की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद परिवार ने उनके नेत्र व त्वचा दान की है। दर्शना जैन (55) निवासी की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद परिजन ने उनके नेत्र दान किए हैं।
नेक काम के हैं यह सेवादार
कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा के नेतृत्व में अब ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट, देह दान की कमांड हैं। उनके नेतृत्व में मुस्कान ग्रुप द्वारा समन्वय किया जा रहा है। स्व. सरोज जैन की देह दान तथा अन्य के नेत्र दान व त्वचा दान के मामले में मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी, संदीपन आर्य, रोहित राजपाल, गोपाल सरोके, अनिल गोरे, जयवंत निकम, अशोक राठौर, प्रभु आज्ञा फाउंडेशन के प्रकाश रोचवानी, समाजसेवी दीपक शर्मा (एमवायएच), राजेश जैन, लकी खत्री व सन्नी मूलचंदानी की उल्लेखनीय भूमिका रही।
नेत्र शंकरा आई बैंक व एमके इंटरनेशनल आई बैंक एवं त्वचा चोइथराम स्किन बैंक को रेफर की गई। मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी ने बताया कि 2022 में 50 से ज्यादा देह दान हुए हैं जो इंदौर के अलावा अन्य शहरों के मेडिकल कॉलेजों को भेजे गए। अब देह दान, नेत्र दान व त्वचा दान को लेकर लोगों में तेजी से जागरूकता आने लगी हैं। इंदौर के बाहर के लोग भी अब इस नेक काम में आगे आने लगे हैं।