उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय के रसायन एवं जैवरसायन विभाग में 18 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में ख्याति प्राप्त महिला वैज्ञानिकों द्वारा संवाद की श्रेणी का पहला चरण आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महिला वैज्ञानिक डॉ. सविता दीक्षित,मैनिट, भोपाल एवं डॉ. प्रतिभा शर्मा, रसायन विभाग, डीएवीवी रहीं। छात्रों से संवाद किया एवं अपने अनुभवों को साझा किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं कुलगान के साथ हुआ तथा कार्यक्रम की भूमिका विभागाध्यक्ष डॉ उमा शर्मा ने रखी। डॉ सविता दीक्षित ने बताया कि मिलेट्स (मोटा अनाज) किस तरह बारीक अनाज का बेहतर विकल्प बन सकता है जो आज के समय की आवश्यकता है। जिसमें अनेक गुण होते हैं जैसे एंटीकैंसर एंटीऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटीक, सुपाच्य, कम ऊर्जा एवं मोटापे को कम करने वाले जैसे गुणों को बताया। मेलेट्स को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2023 की थीम के तौर पर मनाया जा रहा है। जिसमें मोटे अनाज के उपयोग पर विशेष तौर पर ध्यान दिया गया हैl
उन्होंने बताया कि किस तरह मोदी जी ने एक घटनाक्रम, जिसमें दशकों पहले उनके एक प्रवास के दौरान एक गरीब किसान के यहां पर किस तरह अन्न और दूध की कमी के कारण पूरा पोषण नहीं कर पाते थे, को साझा किया। उन्होंने भोजन बचाने के बारे में यह संकल्प लिया था तथा मोटे अनाज मेलेट्स को बढ़ावा देंगे और आज देश ही नहीं बल्कि दुनिया भी इसके महत्व को समझ रही है।
उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया कि किस तरह आज तक का सफर तय किया है, जो इसी अध्ययन शाला से शुरू हुआ और आज उनके पास 6 से अधिक पेटेंट हैं और कई अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाएं मैं उनका शोध प्रकाशित हुआ है और इसको उन्होंने समाज की भलाई के लिए संस्थाओं के साथ साझा किया है।
डॉ. दीक्षित ने विद्यार्थियों को आव्हान किया कि वे विषय के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें तथा स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से स्वयं भी जागरूक हो एवं और देश एवं समाज जागरूक करें।
रसायन के क्षेत्र में प्रसिद्ध डॉ प्रतिभा शर्मा में बताया कि इंडस्ट्री की मांग के अनुसार कोर्स होना चाहिए एवं बच्चों को रोजगार ढूंढने से पहले खुद को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर साबित करना चाहिए।
उन्होंने प्रेजेंटेशन के माध्यम से क्रोमैटोग्राफी एवं स्पेक्ट्रोस्कोपी को बहुत ही सरल भाषा में समझाया l
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीनल छजलानी ने किया। अतिथियों का स्वागत डॉ दर्शना मेहता एवम डॉ प्रज्ञा मित्तल ने किया। आभार डॉ. अंशुमाला वाणी और मोमपिया सान्याल ने माना।