दर्शनार्थी नाराज, बोले-अब पहले एमपी ऑनलाइन का दरवाजा खटखटाओ फिर महाकाल का दर्शन होगा
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में 22 अप्रैल से प्रारंभ हुई नई दर्शन व्यवस्था ने पहले ही दिन मुश्किल खड़ी कर दी। तकनीकी जानकार ने तो चंद मिनटो में ही ऑनलाइन गर्भगृह दर्शन की अनुमति हासिल कर ली लेकिन भोले भक्त हाथ मलते रह गये। नई व्यवस्था की जानकारी मिलते ही कई लोग तो नाराज भी हुए कि यह कैसी व्यवस्था है कि अब पहले एमपी ऑनलाइन वाले का दरवाजा खटखटाओ फिर महाकाल का दर्शन मिलेगा।
महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार से एक बार फिर व्यवस्थाओं में बदलाव होने से श्रद्धालु परेशान हुए। मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह से सामान्य श्रद्धालुओं को दर्शन की 750 रुपए की ऑफलाइन रसीद को ऑनलाइन किया है। निर्धारित पांच स्लॉट की ऑनलाइन बुकिंग श्रद्धालुओं ने चंद मिनटों में ही कर ली थी। श्रद्धालुओं को ऑनलाइन व्यवस्था बताने के लिए भी कर्मचारी तैनात थे।
स्वयं ही ऑनलाइन बुक कराना होगी टिकट
मंदिर के गर्भगृह में जाने के लिए सुबह 7 से दोपहर 12 बजे तक प्रोटोकॉल कार्यालय में शनिवार से 750 रूपए वाली जलाभिषेक की रसीद को ऑनलाइन व्यवस्था शुरू की है। श्रद्धालु स्वयं ही ऑनलाइन बुकिंग कराएंगे और उसका प्रिंटआउट लेकर मंदिर पहुंचेंगे। सुबह लोगों को जानकारी मिली, तो करीब आधे घंटे में ही पांच स्लॉट की बुकिंग हो गई। इसके कारण ऐसे श्रद्धालु, जिन्हँ इस व्यवस्था की जानकारी नही थी, उन्हें परेशान होना पड़ा।
रविवार की टिकट भी एक दिन पहले ही बुक
मंदिर समिति ने कहा था कि दर्शनार्थियों को 24 घंटे पहले टिकट बुकिंग कराना होगी। ऐसे में श्रद्धालुओं ने शनिवार को ही रविवार तक की बुकिंग भी करा ली।
पांच स्लाट में 550 श्रद्धालुओं को मिलेगी रसीद
मंदिर प्रशासन द्वारा शनिवार से शुरू की गई ऑनलाइन रसीद व्यवस्था में प्रतिदिन सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक पांच स्लॉट में 550 सामान्य श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रसीद प्राप्त होगी। श्रद्धालु 24 घंटे पहले ही जलाभिषेक रसीद बुकिंग कर सकेंगे। बुकिंग के बाद रसीद का प्रिंट निकलवा कर 4 नंबर व 1 नंबर गेट से प्रवेश करेंगे। रसीद की चैकिंग तीन स्थानों पर होगी। बताया जा रहा है कि इस व्यवस्था से श्रद्धालुओं को ऑफलाइन रसीद के लिए घंटों खड़े होने से निजात मिलेगी। सुविधा से बुकिंग कर स्लॉट अनुसार समय पर मंदिर पहुंचेगें।
शीघ्रदर्शन टिकट की मांग बढ़ी, कतार बड़ा गणेश मंदिर तक
गर्भगृह दर्शन की टिकट का स्लॉट फुल होने के साथ ही परेशान लोगों ने शीघ्रदर्शन टिकट का सहारा लेकर बाबा महाकाल के दर्शन किये। इस कारण शीघ्रदर्शन की दर्शनार्थियों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ और चार नंबर गेट से प्रवेश करने वालों की कतार बड़ा गणेश मंदिर तक पहुंच गई थी।
प्रोटोकॉल कार्यालय अब मानसरोवर में
श्री महाकाल मंदिर का प्रोटोकॉल कार्यालय बड़ा गणेश मंदिर के पास संचालित हो रहा था। शनिवार से इसका स्थान बदलकर मंदिर के प्रशासनिक कार्यालय के समीप मानसरोवर भवन में प्रोटोकॉल कार्यालय शिफ्ट किया गया है।
जो ऑनलाइन नहीं वो गर्भगृह से कैसे दर्शन करें..?
-हरिओम राय
शनिवार से शुरू हुई नई दर्शन व्यवस्था के बाद बड़ा सवाल यह खड़ा हुआ है कि जो ऑनलाइन नहीं है तो वो गर्भगृह से दर्शन कैसे करे। भगवान महाकाल के दर्शन की लालसा में आने वाले भक्तों में ऐसे की संख्या भी कम नहीं है तो ऑनलाइन नहीं है। बुजुर्ग, ग्रामीण और कम पढ़े-लिखे दर्शनार्थी जो मोबाइल भी कीपेड का उपयोग करते हैं, वो ऑनलाइन सुविधा का उपयोग कैसे करेंगे।
ऐसे दर्शनार्थी शनिवार को मायूस होकर भगवान महाकाल के द्वार से लौट गये। महाराष्ट्र के अकोला जिले के कारंजा से अपनी पत्नी के साथ आये दामोदार भाई शनिवार सुबह बड़ा गणेश मंदिर के पास उदास भाव से खड़े थे। उनका कहना था भले ही कितने रुपए ले लो लेकिन उनके (पति-पत्नी) के दर्शन करवा दो। शुक्र है, उस वक्त किसी दलाल की नजर उन पर नहीं पड़ी, नहीं तो वो मौके का फायदा उठा सकता था।
उन्हें शीघ्रदर्शन टिकट से अंदर प्रवेश की सलाह दी गई, लेकिन वे संतुष्ट नहीं थे। उनके चेहरे की मायूसी के भाव बता रहे थे कि श्री महाकालेश्वर मंदिर की दर्शन व्यवस्था में कुछ कमी जरूर है। इसे दूर करने के लिए जिम्मेदारों को नए सिरे से सोचना होगा।