उज्जैन में सोयाबीन के इंदौर से ज्यादा भाव मिले किसानों को

इंदौर में डालर चने के दाम उज्जैन से 2000 हजार ज्यादा में नीलाम

उज्जैन, अग्निपथ। इन दिनों उज्जैन मंडी में सोयाबीन की आवक कम है। परन्तु किसानों को यहां अच्छे दाम मिल रहे हैं। जबकि आसपास की मंडी में किसानों को सोयाबीन के दाम कम मिले रहे हैं। वहीं डालर चने में इंदौर मंडी में 14925 रुपए क्विंटल में नीलाम हुई तो उज्जैन में 12910 रुपए क्विंटल में नीलाम हुई। यानी इंदौर में किसानों को डालर चने के दो हजार रुपए ज्यादा मिले।

गुरुवार को कृषि उपज मंडी में सोयाबीन की 3991 बोरियों की आवक हुई है। यह 2375 से 5070 रुपए प्रति क्विंटल में नीलाम हुई है। जबकि इंदौर में सोयाबीन 2460 रुपए से 4645 रुपए क्विंटल के दाम पर नीलाम हुई है। यानी उज्जैन में किसानों को सोयाबीन पर 425 रुपए क्विंटल के ज्यादा दाम मिले हैं। हालांकि चने में किसानों को थोड़ा नुकसान हुआ है। डालर चना उज्जैन में 12770 रुपए क्विंटल से 12910 रुपए क्विंटल में बिका। जबकि यही डालर चना इंदौर में 14925 रुपए अधिकतम के दाम पर बिका।

इधर उज्जैन मंडी में लोकवान की 1015 बोरियों की आवक हुई और यह 1101 रुपए से 3060 रुपए क्विंटल के दाम पर बिका है। जबकि पूर्णा 2650 से 3020 रुपए क्विंटल के दाम पर बिका। पोषक की 107 बोरियो की आवक हुई और अधिकतम 2555 के दाम पर बिका। चना शंकर 5141 के अधिकतम और मक्का 2000 रुपए क्विंटल, राई 5900 के अधिकतम दाम और तिल्ली 12300 के अधिकतम दाम और मसूर 4690 से 5000 रुपए क्विंटल के अधिकतम दाम पर बिकी है।

प्याज 2100 से पांच सौ रुपए क्विंटल तक बिका

गुरुवार को सब्जी मंडी में प्याज के 400 कट्टों की आवक हुई। एक्स्ट्रा सुप प्याज 1800 से 2100 रुपए क्विंटल, सुपर 1700 से 2000 रुपए क्विंटल, एवरेज 1200 से 1400 रुपए क्विंटल, गोल्टी 500 से 700 रुपए क्विंटल, गोल्टा 800 से 1200 रुपए और छांटन 200 से 500 रुपए क्विंटल के दाम पर बिका। उधर आलू एलआर सुपर 800 से 1000 रुपए, सफेद ज्योति आलू 1000 से 1200 और छाटन 200 से 300 रुपए क्विंटल के दाम में नीलाम हुआ। लहसुन 17000 से 19000 हजार रुपए क्विंटल के दाम पर बिकी। मीडियम लहसुन 13000 से 16000 रुपए क्विंटल के दाम पर बिकी है।

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए गिरदावरी अनिवार्य

मप्र सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने वाले किसानों के लिए गिरदावरी करवाना अनिवार्य कर दिया है। रबी फसल की गिरदावरी नहीं करवाने वाले किसानों का गेहूं समर्थन मूल्य में नहीं बिक पाएगा। हालांकि सरकार ने किसानों को मोबाइल से भी गिरदावरी कराने का आप्सन दिया है। ताकि उन्हें विभागों के चक्कर भी न काटना पड़े। एमपी किसान एप के माध्यम से किसान घर बैठे ही गिरदावरी करवा सकते हैं। इस एप के माध्यम से किसान खसरा आदि की नकल, फसल बीमा योजना आदि का लाभ भी सीधे ही ले सकेंगे।

जनवरी में बरसात और ठंड पड़ेगी

मौसम विभाग के अनुसार जनवरी महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में अच्छी बरसात देखने को मिलेगी। तो वहीं ठंड की बात की जाए तो जनवरी महीने में वो अच्छी रहने वाली है। इस महीने में दिन जहां अधिक ठंडे रहेंगे तो वहीं रात में कुछ क्षेत्रों को छोडक़र कम ठंड पडऩे वाली है।

वहीं मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में इस महीने शीतलहर पडऩे की संभावना कम ही है। पाले से किसानों की फसल को नुकसान हो सकता है। इसलिए सिंचाई भी फसलों को पाले से बचाने के लिए एक कारगर उपाय है।

कृषि विभाग के मुताबिक जब पाला पडऩे की स भावना हो तब खेत में सिंचाई करनी चाहिए। नमी युक्त जमीन में काफी देर तक गर्मी रहती है तथा भूमि का तापक्रम एकदम कम नहीं होता है। इस प्रकार पर्याप्त नमी होने पर शीत लहर व पाले से नुकसान की संभावना कम रहती है। वैज्ञानिकों के अनुसार सर्दी में फसल की सिंचाई करने से 0.5 डिग्री से 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान बढ़ जाता है।

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