महाकाल में श्रद्धालु मॉस्क तो लगा रहे, लेकिन मुंह से नीचे

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में श्रद्धालु बिना किसी मॉस्क के आसानी से प्रवेश कर रहे हैं। एक द्वार पर सख्ती की जा रही है तो दूसरे द्वार पर इसको अनदेखा किया जा रहा है। अधिकांश श्रद्धालु मुंह पर मॉस्क तो लगाए हैं, लेकिन मुंह को नहीं ढंका गया है, जिसके चलते कोरोना के मामले बढऩे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।

कोरोना के नए स्ट्रेन के चलते भोपाल, इंदौर में संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसको देखते हुए मॉस्क अनिवार्य कर दिया है। शहर में भी कलेक्टर ने आदेश निकाल कर लोगों को अनिवार्यत: 25 फरवरी से मॉस्क पहनना जरूरी कर दिया है। इसमें 10 घंटे की जेल का भी प्रावधान जोड़ दिया है। इस तरह से शहर में कोरोना को लेकर मॉस्क पहनने का नियम बना दिया गया है।

महाकालेश्वर मंदिर में लेकिन यह नियम लागू नहीं हो पा रहा है। मंदिर में प्रवेश करने वाले मॉस्क तो लगा रहे हैं लेकिन प्रवेश करने के बाद इसको गले में टांग कर दर्शन कर रहे हैं। ऐसे में बाहर से आए हुए श्रद्धालुओं से कोरोना फैलने की संभावना बलवति हो गई है। ज्ञातव्य रहे कि मंदिर में अभी भी राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र से श्रद्धालु महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आ रहे हैं। यहां पर कोरोना संक्रमण का बड़ा दौर शुरू हो चुका है।

शंख द्वार पर सख्ती, वीआईपी पर छूट

मंदिर के दो द्वारों से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल रहा है। एक शंख द्वार तो दूसरा वीआईपी गेट। शंख द्वार से ऑनलाइन बुकिंग करवाने वालों को प्रवेश कराया जा रहा है। जिनमें से अधिकांश बाहर के श्रद्धालु शामिल रहते हैं। वहीं वीआईपी गेट से बाहर और शहर के प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाता है। वीआईपी गेट पर बिना मॉस्क वाले श्रद्धालुओं को बिना टोके प्रवेश दिया जा रहा है। जबकि शंख द्वार पर बड़ी संख्या में बुकिंग करवाने वाले प्रवेश तो कर रहे हैं। जिनको मंदिर कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों द्वारा रोका-टोका जा रहा है।

30 फीसदी बिना मॉस्क के

मंदिर में जितने भी श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन को आ रहे हैं। उनमें से 30 प्रतिशत श्रद्धालु बिना मॉस्क के प्रवेश कर रहे हैं। हालांकि टोकने बाद या तो वह अपनी जेब में रखा मॉस्क निकाल कर लगा लेते हैं अथवा भूल जाने का बहाना करने लगते हैं। लेकिन मंदिर में प्रवेश करने के बाद अधिकांश अपने मुंह पर लगा मॉस्क गले में टंगा कर भगवान महाकाल के दर्शन करते हैं। यही स्थिति मंदिर प्रांगण और अन्य जगहों की भी रहती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण की पूर्ण संभावना रहती है। आगामी समय में शिवरात्रि पर्व का 3 मार्च से आगाज होने वाला है। जिला प्रशासन कैसे इस नियम का पालन करवा पाएगा।

विधानसभा स्पीकर ने किए महाकाल दर्शन

गुरुवार की अलसुबह प्रदेश के विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम सपरिवार भगवान महाकाल के दर्शन को आए। उन्होंने गर्भगृह की दहलीज से भगवान महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया। उनके साथ उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे।

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