मानदेय 10 हजार है, भगवान की सेवा के लिए 3 हजार मिले, राजस्थान में बढऩे के बाद उठी मांग
उज्जैन, अग्निपथ। राजस्थान सरकार द्वारा पुजारियों का मानदेय 5000 हजार से बढ़ाकर 7500 प्रतिमाह और भगवान की सेवा-पूजा, भोग-प्रसाद, उत्सव, पोशाक एवं पूजापाठ के लिए 1500 से बढ़ाकर 3 हजार प्रतिमाह किए जाने के निर्णय का अखिल भारतीय पुजारी महासंघ, उज्जैन ने स्वागत किया।
साथ ही, महासंघ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से अनुरोध किया कि, जिस प्रकार राजस्थान सरकार ने पुजारियों के हित में निर्णय लिए हैं, उसी प्रकार मध्य प्रदेश में भी पुजारियों का मानदेय 10,000 प्रतिमाह और भगवान की सेवा-पूजा, भोग-प्रसाद एवं उत्सव के लिए 3000 प्रतिमाह प्रदान किया जाए। इससे भगवान की सेवा-पूजा और धार्मिक अनुष्ठान बेहतर ढंग से संपन्न हो सकेंगे। पुजारियों का भरण-पोषण सम्मानजनक तरीके से हो सकेगा।
पुजारी महासंघ के राष्ट्रीय सचिव रूपेश मेहता ने बताया कि, अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के राजस्थान पुजारी सेवक संघ द्वारा सरकार से पुजारियों की समस्याओं को लेकर लगातार संघर्ष किया जा रहा है। इसी क्रम में संघ की एक महत्वपूर्ण मांग थी कि पुजारियों का मानदेय बढ़ाया जाए और भगवान की सेवा-पूजा के लिए उचित राशि प्रदान की जाए। राजस्थान सरकार ने इस महत्वपूर्ण मांग को स्वीकार कर लिया है।
अखिल भारतीय पुजारी महासंघ देश में पुजारियों के हितों की रक्षा और सहयोग करने वाली अग्रणी संस्था है। राजस्थान में भी महासंघ पुजारियों के हितों और मांगों को लेकर सक्रिय रहा है। महासंघ सरकार से अपेक्षा करता है कि वह भविष्य में भी पुजारियों के हित में इसी प्रकार कार्य करती रहे।