सेवाधाम आश्रम में रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक ने लगाया तीन लोगों पर धोखाधड़ी का आरोप, कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचे
उज्जैन, अग्निपथ। कलेक्टर की जनसुनवाई में सेवाधाम आश्रम में रहने वाले 93 वर्षीय निराश्रित बुजुर्ग भी पहुंचे। उनका आरोप है कि तीन लोगों ने फर्जीै प्लॉट की रजिस्ट्री कराकर उनसे 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी की है। वहीं दो महिलाओं ने एक व्यक्ति के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की शिकायत की है।
महिलाओं का कहना है कि उक्त व्यक्ति ने अपना मकान गिरवी रखकर उनसे अलग-अलग कुल 8.80 लाख रुपए उधार ले लिए और समयावधि में राशि वापस नहीं लौटाई बल्कि गिरवी रखा मकान वह किसी तीसरे व्यक्ति को बेचकर फरार हो गया।
आश्रम के संचालक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि कोरोना काल में ईश्वरलाल पिता सुंदरलाल शाह उम्र 93 वर्ष उनके आश्रम में आए थे। वे रिटायर्ड शिक्षक थे लेकिन उनकी पत्नी और बेटी की मौत के बाद दुनिया में उनका कोई नहीं रह गया था। इसलिए सेवाधाम में उन्हें स्थान दिया गया। उन्होंने बताया कि उनके साथ तीन लोगों ने धोखाधड़ी की है।
उनसे 14 लाख रुपए नगद लेकर फर्जी प्लॉट की रजिस्ट्री करा दी गई। मामले में एसपी और कलेक्टर के ईश्वरलाल के द्वारा शिकायत की गई है। फर्जी प्लॉट की रजिस्ट्री भी धोखेबाजों ने करवा दी । इस मामले में ईश्वरलाल अपना अधिकार चाहते हैं और उन्होंने जो राशि तीन लोगों को दी है उसे वापस कराई जाना चाहिए।
सेवाधाम आश्रम अपने यहां आश्रित हर व्यक्ति को अपने परिवार का सदस्य मानता है इसलिए सेवाधाम आश्रम अंकित ग्राम उनकी इस लडाई में उनकी मदद कर रहा है। कलेक्टर की जनसुनवाई में शिकायत की गई है। जनसुनवाई में पहुंची सेरो बी पति मोहम्मद जावेद ने बताया कि शकील पिता सलीम निवासी नजरअली मार्ग मिल्की पुरा ने अपने व्यापार के लिए 28 जुलाई 2024 को 2 लाख 70 हजार रुपए उधार लिए थे।
इसका अनुबंध भी कराया गया था। अनुबंध के मुताबिक 26 जून 2025 तक या उसके पूर्व पूरी राशि वापस लौटाना तय किया गया था। समयावधि पूरी होने पर जब उसने शकील से रुपए वापस मांगे तो वो आनाकानी करने लगा और बाद में सेरो बी को पता चला कि उसने अपना मकान किसी को बेच दिया है।
इसी तरह शकील ने एक अन्य महिला शबनम बी से इसी मकान को गिरवी रखकर 6 लाख 30 हजार रुपए उधार लिए और समयावधि समाप्त होने से पहले ही वह विराट नगर स्थित गिरवी रखा मकान बेचकर फरार हो गया। कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची महिलाओं ने कहा कि वे अपनी धनराशि वापस चाहती है और आरोपी ने जो धोखाधड़ी की है उसके लिए उस पर पुलिस द्वारा प्रकरण दर्ज किया जाना चाहिए। महिलाओं ने बताया कि इस जालसाजी में उसका एक भाई भी शामिल है जो देवास पुलिस में आरक्षक के रूप में पदस्थ है।