चरक अस्पताल के ठेकेदार द्वारा आगर मालवा जिला चिकित्सालय के फर्जी डाक्यूमेंट लगाकर टेंडर प्राप्त की कोशिश पर सिविल सर्जन हुए सक्रिय
उज्जैन, अग्निपथ। चरक अस्पताल में भी टेंडर रैकेट सक्रिय है। यहीं के एक ठेकेदार द्वारा फर्जी डॉक्यूमेंट लगाकर टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने का मामला सामने आया है। चरक अस्पताल में कार्यरत एक एसी मेंटेनेंस के ठेकेदार द्वारा आगर मालवा के जिला चिकित्सालय के वर्क आर्डर और अनुभव प्रमाण पत्र पेश करते हुए उसकी फर्म ने निविदा में भाग लेने के लिए फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं।
हालांकि उस फर्म को ठेका तो नहीं मिला था। लेकिन इस मामले में अब आगर मालवा जिले में अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद सिविल सर्जन उज्जैन भी अब टेंडर प्रक्रिया की जांच की बात कह रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग उज्जैन में चरक भवन के फायर फाइटिंग सिस्टम मैनेजमेंट और ऑपरेटिंग के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। बताया जाता है कि इसमें चार फर्म ने हिस्सा लिया था। इसमें एक फर्म शर्मा कूल कॉर्नर का टेंडर भी था। इसके संचालक नरेंद्र शर्मा है। टेंडर के साथ शर्मा ने सब-फायर एक्सटिंग्विशर रिफिलिंग, सभी प्रकार के सिलेंडर और फायर पंप सेट सिस्टम रिपेयर के लिए आगर मालवा जिला चिकित्सालय के वर्क आर्डर और वहां काम करने का अनुभव प्रमाण पत्र संलग्न किया था।
प्रारंभिक सत्यापन जांच में दस्तावेज अवैध और फर्जी पाए गए थे। ज्ञात रहे कि उज्जैन के पूर्व जिला चिकित्सालय और चरक भवन में विभिन्न कामों का ठेका नरेंद्र कुमार शर्मा द्वारा अलग-अलग फर्मो के नाम से लिया जाता रहा हैं। वर्तमान में शर्मा कूल कार्नर के पास एसी मेंटेनेंस का ठेका हैं। बता दें की ठेकेदार शर्मा की कार्य प्रणाली विवादों में भी रही है और उनके कई कामों में अनियमितता भी मिली है। बताया जाता है कि नरेंद्र शर्मा ने ठेके की निविदा में भाग लेने के लिए फर्जी तरीके से तैयार किए गए अनुभव प्रमाण पत्र सहित वर्क आर्डर की कॉपी भी लगाई है।
इसमें आगर मालवा के जिला चिकित्सालय के नाम का उपयोग किया गया है। मामला सामने आने पर जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह. मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला आगर मालवा ने पुलिस को प्रकरण दर्ज करने के लिए पत्र लिखा है। नरेंद्र शर्मा ने सब-फायर एक्सटिंग्विशर रिफिलिंग, सभी प्रकार के सिलेंडर और फायर पंप सेट सिस्टम रिपेयर के लिए अपनी फर्म मेसर्स शर्मा कुल कार्नर के नाम से कथित तौर पर आगर मालवा जिला चिकित्सालय के वर्क आर्डर और अनुभव प्रमाण पत्र प्राप्त किए हैं जो अवैध और फर्जी है।
टेंडर में लगाए जाली डॉक्यूमेंट
उज्जैन के जिला चिकित्सालय और चरक भवन में शर्मा कूल कार्नर नामक फर्म ने एसी, डब्ल्यूटीपी, सहित अन्य कामों का ठेका लेने के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए हैं। आगर मालवा में यह मामला सामने आने के बाद आगर मालवा जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह. मुख्य अस्पताल अधीक्षक ने थाना प्रभारी पुलिस कोतवाली, आगर मालवा को प्रकरण दर्ज करने के लिए पत्र लिख दिया है।
सीएस आगर ने दिया थाने में आवेदन
इस मामले में सिविल सर्जन सह. मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला आगर मालवा डॉ. मनीष कुरील ने प्रकरण दर्ज करने के संबंध में पुलिस को लिखे पत्र में बताया कि ओमप्रकाश दुबे निवासी कल्पनालोक इंदौर के द्वारा कार्यालय में संदर्भित सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 का आवेदन प्रस्तुत कर कार्यालय सिविल सर्जन के नाम से जारी वर्क आर्डर कमांक/3917 टेण्डर 2022-23 दिनांक 20.04.2023 एवं अनुभव प्रमाण पत्र कमांक/रोकस/2024-25/13567 दिनांक 02.07.2024 मेसर्स शर्मा कुल कार्नर एलआईजी 2-164 सांदीपनी नगर उज्जैन के संबंध में जारी किये गए दस्तावेजों से संबंधित जानकारी चाही गई।
इस संबंध में कार्यालय द्वारा कार्यालयीन आवक-जावक पंजी रिकार्ड एवं रोगी कल्याण समिति से जानकारी प्राप्त की गई। इसमें पाया गया कि संबंधित (शर्मा कुल कार्नर) के द्वारा जो वर्क आर्डर एवं अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गया है वह इस कार्यालय की किसी भी शाखा के द्वारा जारी नहीं किया गया है।
उक्त दस्तावेजों पर अंकित पदमुद्रा में सिविल सर्जन डिस्ट्रक हॉस्पिटल अंकित है, जबकि कार्यालय द्वारा इस प्रकार की किसी भी पद मुद्रा का उपयोग नहीं किया जाता है। कार्यालयीन समस्त पदमुद्रा में पूर्ण विवरण सिविल सर्जन सह. मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय आगर मालवा) अंकित है।
उक्त संबंध में कार्यालय को प्राप्त आरटीआई आवेदन पत्र एवं कार्यालय द्वारा की गई कार्यालयीन कार्यवाही तथा आरटीआई आवेदन के साथ कार्यालय को प्राप्त हुए वर्क आर्डर एवं अनुभव प्रमाण पत्र की छाया कोतवाली थाना आगर मालवा को भेज कर पूर्णत: अवैध (फर्जी) दस्तावेज प्रस्तुतकर्ता के खिलाफ वैधानिक पुलिस कार्यवाही, एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है।
पांच सदस्यीय कमेटी करेगी पूर्व टेंडरों की जांच
संवाददाता द्वारा चरक अस्पताल में भी टेंडर रैकेट सक्रिय होने और दूसरे नाम से टेंडर यहां के ठेकेदार और कर्मचारी द्वारा लिये जाने की जानकारी जब सिविल सर्जन डॉ. अजय दिवाकर को दी गई तो उन्होंने कहा कि अगस्त -2024 से लेकर आज तक के दिये हुए टेंडर और लेने वाली फर्म के दस्तावेजों की जांच के लिये पांच सदस्यीय कमेटी गठित की जायेगी। वे तात्कालिन सिविल सर्जन के कार्यकाल में हुए टेंडरों की भी जांच करवाने का मन बना रहे हैं।
ये बोले जिम्मेदार
मामले से आपने अवगत कराया है। यह मामला आगर मालवा का है। हमारे पास शिकायत आती है तो उचित कार्रवाई की जायेगी।
– डॉ. अजय दिवाकर, सिविल सर्जन, उज्जैन