नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण विरोध के बीच आखिरकार केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) ने अपनी 10वीं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। अब 1 जून को स्थिति की समीक्षा करते हुए आगे का निर्णय लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के बाद शिक्षा मंत्रालय ने इसका ऐलान किया है।
सीबीएसई की 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं 4 मई से शुरू होनी थी। इस बीच देशभऱ में कोरोना संक्रमण की गति वापस बढ़ जाने के कारण परीक्षाएं निरस्त करने की मांग उठने लगी। इन मांगों को दरकिनार करते हुए बीते सप्ताह बोर्ड ने तय समय पर ही परीक्षा कराने की बात कही थी। इसको लेकर विद्यार्थियों ने ट्वीटर पर विरोध प्रदर्शन भी किया और कोर्ट में जाने का भी फैसला लिया था। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी छात्रों का समर्थन करते हुए परीक्षा न कराए जाने की मांग की थी।
तेज होते विरोध व विपरित परिस्थितयों को देखते हुए बुधवार यानि 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय शिक्षा मंंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सहित सीबीएसई के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इसमें परीक्षाओं को लेकर विभिन्न विकल्पों पर चर्चा हुई। हालांकि अंत में यह तय किया गया कि बोर्ड परीक्षाएं फिलहाल स्थगित की जाती हैं। 1 जून को स्थितियों का दोबारा आंकलन करने के बाद जैसे हालात होंगे वैसा निर्णय लिया जाएगा।
22 मार्च को कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए परीक्षा केंद्र बदलने का दिया विकल्प
मार्च माह में देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या में एक बार फिर इजाफा होने लगा। सीबीएसई ने दसवीं व बारहवीं के परीक्षार्थियों को राहत देते हुए प्रैक्टिकल व थ्यौरी परीक्षा के लिए अपना परीक्षा केंद्र बदलने का विकल्प दिया है।
6 अप्रैल को उठी थी बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग
देश में एक दिन में कोरोना संक्रमण के 93,249 से अधिक नए मामले मिलने की वजह से 6 अप्रैल को देशभर में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को रद्द करने की मांग उठने लगी थी। ट्विटर पर ‘हैशटैग कैंसिल बोर्ड एग्जाम 2021’ से एक अभियान छेड़ा गया। भारत सरकार तक बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग पहुंचाने के लिए 10 अप्रैल को इंडिया गेट के पास एकत्र होने की अपील भी की गई थी।
9 अप्रैल को छात्रों ने याचिका पर हस्ताक्षर कर सरकार से परीक्षा रद्द करने का किया था अनुरोध
देशभर में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों की वजह से 9 अप्रैल को तकरीबन एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने चेंज डॉट ओआरजी की याचिका पर हस्ताक्षर कर सरकार से मई में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं को रद्द या ऑनलाइन आयोजित करने का अनुरोध किया था। बता दें 4 अप्रैल से 9 अप्रैल तक ट्विटर पर ‘हैशटैक कैंसिल बोर्ड एग्जाम 2021’ ट्रेंड कर रहा था।
10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का किया था फैसला
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा शुक्रवार को इस बात का एलान किया गया था कि दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित शेड्यूल के अनुसार ही आयोजित की जाएंगी। सीबीएसई के इस फैसले के विरोध में विद्यार्थी ने 10 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया था।