तत्कालीन लेखापाल ने 5 कर्मचारियों के साथ किया था टीएडीए में 1.50लाख से अधिक का घोटाला

जिला चिकित्सालय के 6 कर्मचारियों पर कार्रवाई के दिए कलेक्टर ने निर्देश, एक अन्य मामले में स्वीकृति से अधिक दिया अवकाश

उज्जैन, अग्निपथ। फर्जी यात्रा देयक (टीए-डीए) के माध्यम से गबन (घोटाला) कर शासन को वित्तीय हानि पहुंचाने में दोष सिद्ध एवं पद का दुरुपयोग कर पात्रता से अधिक अवकाश स्वीकृति के लिए दोषी तत्कालीन लेखापाल एवं तत्कालीन स्थापना प्रभारी सुभाष राव अवाड़ सहित उनके सहायता करने वाले पांच अन्य कर्मचारियों के विरुद्ध कलेक्टर कार्यालय से आदेश जारी हुआ है। सिविल सर्जन से मामले में तत्काल कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश प्रदान किए गए हैं।

मामला इस प्रकार है- सन् 2014 में लेखापाल सुभाष राव अवाड़ ने टीए-एमआर शाखा का प्रभारी रहते हुए स्वयं के तथा 50-50 प्रतिशत की राशि बांट लेने की शर्त पर कार्यालय के 5 कर्मचारी के लगभग 1.50 लाख रुपए के फर्जी यात्रा देयक तैयार कर उनका भुगतान प्राप्त किया गया था। शिकायत होने पर संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं मध्यप्रदेश भोपाल स्तर पर हुई जांच उपरांत उक्त यात्रा देयक फर्जी पाए गए और सुभाष राव अवाड़ गबन व फर्जी यात्रा देयक लोभ देकर अन्य पांच कर्मचारियों से प्रस्तुत कराए जाकर भुगतान कराए जाने का दोष सिद्ध हुआ था। सुभाष राव अवाड़ एवं संबंधित 5 कर्मचारियों द्वारा फर्जी तरीके से ली गई यात्रा देयकों की राशि शासन हित में जमा कराई गई।

पात्रता से अधिक किया अवकाश स्वीकृत

इस प्रकार सुभाष राव अवाड़ तत्कालीन स्थापना शाखा के प्रभारी रहते हुए पद का दुरुपयोग कर श्रीमती माधुरी मिश्रा सहायक ग्रेड- 3 को पात्रता से अधिक अवकाश स्वीकृत कर अनुचित लाभ व शासन को हानि पहुंचाने के लिए भी दोषी पाए गए थे।

फर्जी देयकों के माध्यम से गबन करने एवं पद का दुरुपयोग कर अनुचित लाभ पहुंचाने में दोष सिद्ध होने के पश्चात संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन संभाग उज्जैन के माध्यम से मात्र एक वार्षिक वेतन वृद्धि और असंचई प्रभाव से रोकने एवं फर्जी यात्रा देयकों की राशि वसूल करने की मामूली शास्ती से दंडित कर प्रकरण समाप्त कर दिया गया था।

फर्जी देयकों के आधार पर प्राप्त राशि चालान के माध्यम से जमा कर सुभाष राव अवाड़ द्वारा स्पष्ट रूप से गबन और फर्जीवाड़ा करना स्वीकार किया है। वास्तव में स्वयं एवं अन्य 5 कर्मचारियों को उकसा कर फर्जी यात्रा देयकों के माध्यम से भुगतान कर गबन करने और शासन को वित्तीय हानि पहुंचाने के लिए नियमानुसार विभाग द्वारा सुभाष राव अवाड़ पर धारा- 420 सहित अन्य धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कराया जाना था लेकिन आज दिनांक तक नहीं कराया गया है।

कलेक्टर ने दिए कार्रवाई के निर्देश

प्रार्थी रोहित तिवारी द्वारा 25 जुलाई को कलेक्टर कार्यालय की आवक जावक शाखा में कलेक्टर से उक्त दोनों मामलों में धारा 420 के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई थी। लिहाजा कलेक्टर कार्यालय से एक पत्र सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा को प्राप्त हुआ है। लेकिन आश्चर्य की बात है कि कलेक्टर कार्यालय की मिलीभगत से इसकी कापी शिकायतकर्ता को उपलब्ध तक नहीं करवाई गई। नियमानुसार उनको भी कार्रवाई की एक कापी उपलब्ध करवाई जाना थी।

इनका कहना है

मामले की जांच चल रही है। इन मामलों में पहले भी इनको दंडित किया जा चुका है। कलेक्टर के आदेश के बाद फिर से मामले को जांच में लिया गया है। -डॉ. पीएन वर्मा, सिविल सर्जन

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