उज्जैन, अग्निपथ (ललित जैन)। दताना-मताना हवाई पट्टी की मरम्मत व वसूली में हुई करोड़ों की गड़बड़ी केस में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह सहित चार पूर्व कलेक्टर और फंस गए। लोकायुक्त ने सभी को आरोपी बना दिया हैं। प्रकरण में अब पूर्व लोकायुक्त व 9 पूर्व कलेक्टर सहित 20 आरोपी हो गए है। मामले में एविएशन विभाग के अधिकारी भी आरोपी बन सकते हैं।
दताना-मताना स्थित हवाई पट्टी की मरम्मत व हवाई जहाजों की पार्किंग की वसूली नहीं कर शासन को साढ़े तीन करोड़ की चपत लगाने पर लोकायुक्त ने वर्ष 2019 केस दर्ज किया था। मामले में कंपनी कर्ताधर्ता यशराज टोंग्या, भरत टोंग्या, पूर्व लोकायुक्त अरुण गुटूर, पूर्व कलेक्टर शिवशेखर शुक्ला, अजातशत्रु श्रीवास्तव, एम. गीता, बीएम शर्मा व कविंद्र कियावत, तात्कालीन पीडब्ल्यूडी अधिकारी सहित 16 की भूमिका मिलने पर सभी को आरोपी बनाया था। लोकायुक्त भोपाल के सूत्रों के अनुसार विवेचना में अब पूर्व कलेक्टर नीरज मंडलोई, संकेत भोंडवे, मनीष सिंह व शशांक मिश्रा की भी भूमिका सामने आई। लोकायुक्त ने चारों को भी आरोपी बना दिया।
हाईकोर्ट के आदेश पर विवेचना
पूर्व कलेक्टर कियावत ने इंदौर हाईकोर्ट में एफआईआर के्रश करने और विवेचना रोकने के लिए याचिका लगाई थी। स्टे होने से मामला जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच गया था। वहां न्यायाधीश जीएस आहलूवालिया 21 सितंबर 2020 को याचिका खारिज कर लोकायुक्त को 9 महीने में विवेचना पूर्ण करने और अन्य की लिप्तता पाए जाने पर उन्हें भी आरोपी बनाने के निर्देश दिए थे।
मामला एक नजर में
प्रदेश सरकार ने यश एयरवेज कंपनी को हवाई पट्टी लीज पर दी थी। शर्तानुसार प्रशासन को कंपनी से छोटे हवाई जहाज का प्रति रात पार्किंग शुल्क 100 रुपए व बड़े हवाई जहाज के 200 रुपए लेना था। हवाई पट्टी की मरम्मत भी कंपनी से करवाना थी। लेकिन तात्कालीन कलेक्टर्स ने पीडब्ल्यूडी से 2.92 करोड़ हवाई पट्टी की मरम्मत करवाई और 10 साल तक पार्किंग शुल्क नहीं वसूला, जिससे शासन को साढ़े तीन करोड़ की हानि हुई।
अब आगे यह
मामले में लोकायुक्त अधिकारी विवेचना को आगे बढ़ाते हुए कलेक्टर कार्यालय और पीडब्ल्यूडी से आरोपी बने अधिकारियों के संबंध में जानकारी मांगेगी। एविएशन विभाग से भी दस्तावेज तलब करेगी और वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी देख उन्हें भी आरोपी बना सकती है। विवेचना पूर्ण होने पर अभियोजन स्वीकृति लेने के बाद विशेष न्यायालय में चालान पेश करेगी। कोर्ट सुनवाई के बाद फैसला सुनाएगी।
ऐसे चली कार्रवाई
- 24 नवंबर 2019: लोकायुक्त में केस दर्ज
- 8 सितंबर 2020: कियावत की याचिका पर इंदौर हाईकोर्ट में डबल बैंच का अलग-अलग फैसला।
- 21 सिंतबर 2020: जबलपूर हाईकोर्ट में न्यायाधीश आहलूवालिया ने स्टे खारिज कर विवेचना के निर्देश दिए।
- 9 नवंबर 2020 : लोकायुक्त टीम ने चारों पूर्व कलेक्टर को आरोपी बनाया।