कालोनाइजर और नगरनिगम के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग पर अड़े
उज्जैन, अग्निपथ। देवासरोड पर नागझिरी में इस्को पाईप फैक्ट्री की जमीन पर बनी पार्श्वनाथ सिटी के रहवासियों ने सोमवार शाम नागझिरी थाने का घेराव कर दिया। रहवासी कॉलोनाइजर और नगर निगम के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे थे। करीब 200 से ज्यादा रहवासी थाने के बाहर ही डंट गए और मांग करने लगे कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी, थाने से वापस नहीं लौटेंगे। करीब 3 घंटे तक ये लोग थाने पर ही जमा रहे और आखिरकार एफआईआर दर्ज कराने के बाद ही हटे।
पार्श्वनाथ सिटी के निर्माण और कॉलोनी को नगर निगम से जारी हुए पूर्णता प्रमाण पत्र शुरूआत से ही विवादास्पद रहे है। इस कॉलोनी में कॉलोनाइजर ने ट्रांसफार्मर की व्यवस्था नहीं की थी, इसके अलावा पानी की पाईप लाईन भी पूरी तरह से नहीं बिछाई गई। अधूरा विकास कार्य होने के बावजूद नगर निगम के इंजीनियर्स ने 2010 और 2014 में दो अलग-अलग हिस्सों में कॉलोनाइजर को पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। कॉलोनाइजर और नगर निगम के अधिकारियों के बीच हुई सांठ-गांठ को यहां के रहवासी पिछले कई सालों से भोग रहे है। महंगे दामों पर इस कॉलोनी में प्लॉट खरीद कर मकान बनाने वाले रहवासी बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस गए है। पिछले 3 साल में 6 से ज्यादा बार रहवासी विरोध प्रदर्शन, चक्काजाम तक कर चुके है। नगर निगम के पिछले बोर्ड में भी इस कॉलोनी का मुद्दा उठाया गया था। तब नगर निगम परिषद की बैठक में कॉलोनी को गलत तरीके से पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने और कॉलोनाइजर की संपत्ति को कुर्क कर उससे बचे हुए विकास कार्य पूरे करवाने का निर्णय भी पारित हुआ था। यह निर्णय कागजों तक ही सीमित रहा।
तीन साल की कवायद, 3 घंटे का आंदोलन
पार्श्वनाथ कॉलोनी के रहवासियों की मांग पर कॉलोनाजइर और नगर निगम के पूर्व इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की कवायद नगर निगम परिषद के सम्मेलन से 3 साल पहले शुरू हुई थी। तीन साल तक प्रक्रिया धीमी गति से चलती रही। सोमवार को कॉलोनी के रहवासी शाम 5 बजे थाने का घेराव करने पहुंचे और यहीं अड़ गए। पहले थाना प्रभारी विक्रम इवने ने इनसे बात की, फिर सीएसपी वंदना चौहान भी पहुंची। सीएसपी ने एसपी और नगर निगम आयुक्त से बात की। आखिरकार रात 8 बजे रहवासियों की तरफ से एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई।
पार्श्वनाथ के रहवासियों का दर्द
>पार्श्वनाथ सिटी में करीब 200 परिवार निवास करते है, इस कॉलोनी में 600 से ज्यादा प्लॉट है। अधिकांश रिक्त पड़े है।
>इस कॉलोनी में कॉलोनाइजर ने विद्युत सब स्टेशन का निर्माण ही नहीं किया और नगर निगम के पूर्व इंजीनियरों ने कॉलोनाइजर को 29 मई 2010 और 1 मार्च 2014 को पूर्णता प्रमाण पत्र दे डाला।
> पूर्णता प्रमाण पत्र देने के वक्त कॉलोनाइजर की 14 हजार 784 वर्गफिट जमीन नगर निगम के पास बंधक थी। किसी भी कॉलोनी में डेवलपमेंट के नगर निगम अपने पास बंधक जमीन रखती ही इसलिए ताकि तय शर्तो पर निर्माण नहीं होने की स्थिति में जमीन बेचकर निर्माण को पूरा किया जा सके।
>कॉलोनी में विद्युत सब स्टेशन की स्थापना करीब सवा करोड़ रूपए खर्च होंगे। नगर निगम परिषद ने जनवरी 2020 में प्रस्ताव पारित किया कि नगर निगम इस कॉलोनी में अपने पास से एक रूपया भी नहीं लगाएगी। कॉलोनी की बंधक जमीन बेचकर बचे हुए विकास कार्य करवाए जाएंगे।
>परिषद की बैठक में ही कॉलोनी को नियम विरूद्ध पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों और कालोनाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का प्रस्ताव पारित किया गया।
>कॉलोनी में स्कूल और शापिंग कांप्लेक्स की 14 हजार 784 वर्गफिट जमीन को बेचने के लिए नगर निगम ने तीन बार टेंडर निकाले लेकिन कोई खरीदार ही नहीं मिला।
>16 मार्च 2020 को तत्कालीन नगर निगम आयुक्त ऋषि गर्ग ने निगम के जिम्मेदार अधिकारियों और कॉलोनाइजर के खिलाफ एफआईआर के लिए नागझिरी थाने पर पत्र भेजा, यह पत्र थाने में धूल खाता रहा। नगर निगम ने पुलिस को अधूरी जानकारियां भेजी थी लिहाजा एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी।
> कॉलोनी में बिजली-पानी की समस्या को देखते हुए कलेक्टर ने 14 जुलाई 2021 से इस कॉलोनी में किसी तरह की भवन अनुज्ञा जारी करने पर रोक लगा रखी है।