उज्जैन में 568 केंद्र, इनमें से 121 मततदान केंद्र संवेदनशील
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम चुनाव को सम्पन्न कराने के लिए मंगलवार रात तक सभी मतदान दल केंद्रो पर पहुंच गए है। 7 साल के अंतराल के बाद बुधवार की सुबह 7 बजे से उज्जैन शहर के 54 वार्डो में निवास करने वाले 4 लाख 61 हजार 103 मतदाता नई नगर सरकार चुनेंगे। प्रत्यक्ष प्रणाली लागू होने के बाद उज्जैन के लोग पांचवे महापौर और 54 पार्षदों का चुनाव करेंगे।
बुधवार सुबह से मतदान के लिए सारी तैयारियां पूरी हो गई है। मंगलवार की सुबह 5.30 बजे इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर के स्ट्रांग रूम का ताला राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में खोला गया। ईवीएम स्ट्रांग रूम से बाहर निकाली गई और सुरक्षित तरीकों से ईवीएम के साथ ही अन्य चुनाव उपयोग की सामग्री के साथ दलों को केंद्रो के लिए रवाना किया गया। उज्जैन शहर में 568 मतदान केंद्र बनाए गए है। इनमें से 121 मतदान केंद्र संवेदनशील घोषित किए गए है। उज्जैन शहर के साथ ही निकाय चुनाव के पहले चरण में बडऩगर में भी बुधवार सुबह 7 बजे से मतदान की शुरूआत हो जाएगी। बडऩगर में 37 मतदान केंद्र बनाए गए है। कानून व्यवस्था की दृष्टि से उज्जैन शहर के 54 वार्डो के सभी मतदान केन्द्रों को 67 सेक्टर में बांटा गया है। उज्जैन में 2 लाख 30 हजार 879 पुरूष और 2 लाख 30 हजार 177 महिला व 47 थर्ड जेण्डर सहित कुल 4 लाख 61 हजार 103 मतदाता चुनाव में भाग लेंगे।
शिकायत के लिए जिला पंचायत में कंट्रोल रूम
स्थानीय निर्वाचन से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायत के लिए जिला पंचायत में कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे चालू रहेगा। कंट्रोल रूम का नंबर 0734-2511956 है। कोई भी व्यक्ति उक्त नंबर पर संपर्क कर अपनी शिकायत निर्वाचन संबंधित दर्ज करवा सकता है।
मतदान केंद्र में नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगरीय निकायों के निर्वाचन में मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदाताओं द्वारा मतदान केंद्र में मोबाइल का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। कलेक्टर आशीष सिंह ने सभी मतदाताओं को उक्त निर्देशों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी परमार को मिला नोटिस
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश के मुताबिक कोई भी व्यक्ति मतदान समाप्ति के लिये नियत किये गये समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटे की कालावधि के दौरान चलचित्र, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया या प्रिंट मीडिया या अन्य किसी साधन से जनता के समक्ष किसी निर्वाचन सम्बन्धी बात का प्रदर्शन नहीं करेगा।
कांग्रेस के महापौर पद के प्रत्याशी महेश परमार का विज्ञापन मंगलवार सुबह एक समाचार-पत्र में प्रकाशित होना पाया गया। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों की अवहेलना के लिये कलेक्टर एवं रिटर्निंग अधिकारी आशीष सिंह द्वारा प्रत्याशी महेश परमार को नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब तलब किया गया है। यह कृत्य लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा-126 एवं मप्र स्थानीय प्राधिकारी (निर्वाचन अपराध) अधिनियम-1964 अद्यतन-2014 के अन्तर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।
मतदान से वंचित रहे गए 2 हजार कर्मचारी
निकाय चुनाव में अकेले उज्जैन शहर में लगभग 2 हजार कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इनमें से अधिकांश कर्मचारी मतदान नहीं कर सके है। निर्वाचन ड्यूटी वाले कर्मचारियों के लिए इंजीनियरिंग कॉलेज में मतदान करने की व्यवस्था की गई थी। यहां 107 कर्मचारियों ने ही मताधिकार का उपयोग किया। 2 जुलाई की सुबह एकाएक व्यवस्था बदली गई और कर्मचारियों का मतदान केंद्र नानाखेड़ा स्थित नगरनिगम जोन कार्यालय पर शिफ्ट कर दिया गया। यहां भी 2 जुलाई की शाम 5 बजे तक ही मतदान की अनुमति प्रदान की गई। यहां भी बहुत कम संख्या में कर्मचारी मतदान करने पहुंचे। इसका सीधा तात्पर्य यह है कि निर्वाचन के काम में लगे अधिकांश कर्मचारी खुद ही मतदान से वंचित रह गए है। मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के जिला सचिव दिलीप चौहान ने जिला निर्वाचन अधिकारी से मांग की है कि मतदान में लगे कर्मचारियों को 13 जुलाई तक मतदान करने का अधिकार बैलेट पेपर के माध्यम से दिया जाए।