शहनाई वादक संजीव-अश्विनी शंकर ने प्रस्तुति में विद्यार्थियों को बताया
उज्जैन, अग्निपथ। स्पीक मैके की एसआरएफ विरासत 2022 श्रृंखला के तहत बनारस घराने के सुविख्यात शहनाई वादक संजीव एवं अश्विनी शंकर ने मंगलवार को प्रात: 9.30 बजे उज्जैन के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सराफा में अपनी प्रथम प्रस्तुति दी। उन्होंने प्रात: कालीन राग मियां की तोड़ी एवं तीन ताल में निबद्ध बंदिश फिर नरसिंह मेहता द्वारा रचित राग खमाज एवं ताल भजनी में निबद्ध भजन वैष्णव जन तो तेने कहिए की मनोहारी प्रस्तुति देकर छात्राओं को मंत्रमुग्ध किया। यहां अतिथि का स्वागत प्राचार्य मुकेश त्रिवेदी ने किया।
स्पीक मैके की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पंकज अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि द्वितीय प्रस्तुति दोपहर 12.30 बजे संस्कृति ग्लोबल स्कूल बडऩगर रोड पर हुई। यहां उन्होंने ने शहनाई का इतिहास बताते हुए कहा कि शहनाई का उल्लेख तो हमारे प्राचीन सामवेद में भी मिलता है। इसे उत्तर भारत में शहनाई, पूर्व एवं पश्चिम में माहुरी एवं दक्षिण में नाद स्वरम जिसका आकार थोड़ा बड़ा होता है के नाम से जाना जाता है।
साथ ही विद्यार्थी को संगीत के महत्व को बताते हुए कहा कि प्रतिदिन अपनी दिनचर्या में कुछ समय शास्त्रीय संगीत के लिए देना चाहिए। इससे एकाग्रता बढ़ती है, विषय को दोहराना नहीं पड़ता और मन केंद्रित रहता है। कार्यक्रम की अगली कड़ी में दादा गुरु महादेव प्रसाद द्वारा रचित राग भैरवी एवं ताल दादरा में निबद्ध बंदिश आया करो जरा कह दो सांवरिया से सुनाई।
तत्पश्चात पहले मध्य लय एवं एवं बाद में दूत्र लय, तीन ताल में दोपहर के राग वृंदावनी सारंग में एक बंदीश सुनाते हुए अपने कार्यक्रम का सुंदर समाहार किया। अश्विनी एवं संजीव शंकर के साथ तबले पर संगत जूएब अहमद ने की। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का आभार निर्देशक वीरेंद्र सिंह सिसौदिया ने माना।