भरत नाट्यम नृत्य नाटिका ने मोहा मन, शहीद की माता-पत्नी का किया सम्मान
उज्जैन, अग्निपथ । कालिदास अकादेमी नाट्य गृह में वरदा कला संस्थान के 30 कलाकारों द्वारा निर्मल शक्ति प्रवाह की प्रस्तुति दी गई। कारगिल युद्ध में शहीद उज्जैन शहर के वीर सपूत श्री अरविंद तोमर की माता एवं पत्नी का सम्मान किया गया। साथ ही कन्या पूजन कर मातृ शक्ति के प्रति आदर भाव जागृत रखने का संदेश दिया। राष्ट्रकवि श्री कृष्ण सरल द्वारा रचित माँ कविता का गायन श्रुति राजीव शर्मा एवं समूह द्वारा किया गया।
इसी कड़ी में श्री सरल की हस्ताक्षर रचना “मैं अमर शहीदों का चारण” सुनवाई गयी तथा उनके इंटरव्यू पर आधारित वीडियो क्लिप भी दिखाई गई। गुरु श्रुति राजीव शर्मा के निर्देशन में भरत नाट्यम नृत्य नाटिका के कलाकारों ने समस्त प्रेक्षकों का मन मोह लिया। वरदा कला संस्थान इंदौर की 147वीं प्रस्तुति संगीत नाटक अकादमी तत्वावधान में दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमाताजी निर्मला देवी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर की गई।
कार्यक्रम में मुकेश टटवाल महापौर, डॉ संतोष पंडया निदेशक कालिदास अकादेमी, राजेन्द्र राजगुरू महाकालेश्वर मंदिर समिति एवं विशाल राजोरिया भाजपा महामंत्री ने कलाकारों को आशीर्वचन देकर कार्यक्रम को सराहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में सोनाली पलिया, नवीन राजोरिया, सुजाता प्रगति, प्रीति एवं राजीव शर्मा का विशेष योगदान रहा। सूत्र संचालन शर्वाणि जोशी एवं डॉ अलका तोमर ने किया।
राष्ट्र कवि श्रीकृष्ण सरल को समर्पित ‘‘निर्मल शक्ति प्रवाह’’ में नृत्यमय आराधना में गणेश वंदना, पुष्पांजली, अल्लारिपु, देवी वर्णम-रूपम् देही जयन देही, सरस्वती कौट्टुवम या कुंदेंदु तुषार हार धवला, महालक्ष्मी स्तुति, देशभक्ति गीत -नमो नमो भारतांबे, वंदे मातरम व मातृशक्ति के महत्व को दर्शाती मातृशक्ति के द्वारा श्रीकृष्ण सरल की कविता ‘मां’ की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। इस दौरान श्रीकृष्ण सरल के अवदान का वंदन करते हुए क्रांतिकारियों की सुकीर्ति का यशगान करने वाली वैबसाईट का लोकार्पण भी हुआ।
निदेशक श्रुति राजीव शर्मा ने बताया कि भरतनाट्यम् कला के माध्यम से समसामयिक विषयों के संबंध में जनजागृति के लिए प्रयासरत वरदा कला संस्थान द्वारा संगीत नाटक अकादमी के तत्वावधान में आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में नृत्यनाटिका ‘निर्मल शक्ति प्रवाह’, इस पुण्यधरा की अंतरनिहित शक्ति के महत्व को दर्शाने के लिए 30 कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई। आजादी के अमृत महोत्सव में राष्ट्र आराधना के कुछ क्षणों के नृत्यमय स्मृति चिन्हों का यह वृतान्त सादर समर्पित करने हेतु संस्थान की छात्राओं के साथ, मातृशक्ति का भी योगदान रहा।
इस पुण्य पावन धरा को अभिसिंचित करने वाली शक्ति को समर्पित इस नृत्यनाटिका ने भारत देश के मां जगतजननी, जगदम्बा का विशेष कृपा पात्र होने के साथ ही मां के विभिन्न स्वरूपों से अद्भुत साम्य होना, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, महादेवी के त्रिविध स्वरूपों द्वारा अपनी समस्त कलाओं से विभूषित कर अपनी निर्मल शक्ति का प्रवाह विशेष रूप से करते हुए इसे अपनी सर्वोत्तम प्रतिकृति बना देना व इस पवित्र भूभाग को मां पराशक्ति के निर्मल शक्ति प्रवाह से निरंतर सिंचित होने का मुख्य विषय के रूप में प्रस्तुत किया।