एक शहर-2 कानून, पॉलीथिन के जुर्माने पर नगर निगम का मजाक

नगर निगम की जमीन पर पॉलीथिन पकड़ी तो होगा 5 हजार का जुर्माना

उज्जैन, अग्निपथ। यदि आप उज्जैन शहर में किसी तरह की दुकान संचालित करते है या फेरी लगाते है या चबूतरे पर बैठकर सब्जी-भाजी बेचते है, आपने यदि अमानक स्तर की पॉलीथिन का उपयोग किया तो आप पर जुर्माना लगेगा। अब आपसे जुर्माने के रूप में 5 हजार रूपए वसूले जाते है या महज 200 रूपए की रसीद काटी जाती है यह जगह के हिसाब से तय होगा। यदि नगर निगम के स्वामित्व की जगह है तो जुर्माना 5 हजार रूपए देना होगा, यदि आपकी खुद की जगह है तो हो सकता है आपसे केवल 200 रूपए ही जुर्माना वसूला जाए। एक शहर में एक जैसी प्रतिबंधात्मक कार्यवाही पर 2 तरह के दंड प्रावधान का यह नगर निगम का मजाक है।

शुक्रवार को हुए नगर निगम के विशेष सम्मेलन में इस मुद्दे पर काफी बहस भी हुई। आखिरकार प्रस्ताव को बहुमत के आधार पर पारित भी कर दिया गया। पारित प्रस्ताव के मुताबिक नगर निगम के स्वामित्व वाली और लीज या किराए पर दी हुई दुकानों, चबूतरों (सब्जी मंडी सहित), कमरो में यदि अमानक स्तर की पॉलिथीन व अन्य प्रतिबंधित सामग्री मिली तो दुकानदार से पहली बार में 5 हजार रूपए का जुर्माना वसूला जाएगा। एक बार जुर्माना वसूले जाने के बाद यदि दोबारा वहीं प्रतिबंधित सामग्री उसी दुकानदार से मिली तो दूसरी बार में 10 हजार रूपए जुर्माना वसूल किया जाएगा। तीसरी बार भी यदि प्रतिबंधित पॉलिथीन जब्त हुई तो दुकानदार की लीज या किरायानामा निरस्त कर दिया जाएगा। यह प्रस्ताव सिर्फ नगर निगम के स्वामित्व वाली दुकानों, चबूतरों, कमरों पर लागू होगा।

नगर निगम का ये कैसा नियम

मान लिजिए, भार्गव मार्ग सब्जी मंडी में नगर निगम की टीम ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सब्जी मंडी के भीतर वाले चबूतरे पर यदि प्रतिबंधित पॉलिथीन मिली तो सब्जी व्यापारी पर 5 हजार रूपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इससे महज 50 फिट दूर सब्जी मंडी से बाहर उसी तरह के किसी सब्जी व्यापारी के पास से प्रतिबंधित पॉलिथीन जब्त हुई तो उसे महज 200 रूपए देना पड़ेंगे। ये हालात तब है जब केंद्रीय पर्यावरण एजेंसी ने पूरे देश के लिए एक समान मानक, नियम और जुर्माने के प्रावधान तय कर रखे है।

17 मकानों को बांटेंगे 2 करोड़ रूपए मुआवजा

बेगमबाग रोड से महाराजवाड़ा स्कूल होकर यादव धर्मशाला तक की सडक़ को भी 15 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इस रोड़ के चौड़ीकरण में 17 मकान बाधा बन रहे है, इन्हें हटाने के एवज में नगर निगम द्वारा 2 करोड़ 26 लाख 18 हजार 192 रूपए मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की यह रकम महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा नगर निगम को सौंपी जाएगी।

शुक्रवार को हुए नगर निगम के विशेष सम्मेलन में सडक़ चौड़ीकरण के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। सम्मेलन में विपक्ष के नेता रवि राय और वरिष्ठ पार्षद माया राजेश त्रिवेदी ने सडक़ चौड़ीकरण के मामले में दोहरी नीति अपनाने पर विरोध जताया। इनका कहना था कि नगर निगम ने 2015 में कार्तिक चौक क्षेत्र में भी सडक़ चौडीकरण किया था, वहां किसी को मुआवजा नहीं दिया गया।

जिन लोगों के मकान तोड़े गए है, उन्हें एफएआर का लाभ भी नहीं दिया जा रहा है। नगर निगम शहर में जहां भी चौडीकरण करे, एक जैसी नीति अपनाए। जिनके भी निर्माण टूटते है, उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

सम्मेलन के 15 प्रस्ताव, 13 पास

  • हरिफाटक मार्ग से महाराजवाड़ा स्कूल होते हुए यादव धर्मशाला तक का मार्ग 15 मीटर चौड़ा होगा।
  • शिप्रा नदी के किनारे पर सीवरेज के लिए भूमिगत पाईप लाईन डालने के लिए मुआवजे के रूप में किसानों को 20 लाख 45 हजार 353 रूपए एसडीएम के माध्यम से दिए जाएंगे।
  • दीपावली पर लगने वाले धानी, पताशे विक्रय, लक्ष्मी प्रतिमा विक्रय, गरम वस्त्र विक्रेताओं की दुकानों के लिए स्थल का चयन।
  • नगर निगम के स्वामित्व वाली दुकानों, चबूतरों पर पॉलिथीन उपयोग रोकने के लिए जुर्माने का प्रावधान।
  • रूफ वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए दरों को चार स्लैब में 5 से बढ़ाकर 10 हजार, 10 से बढ़ाकर 19 हजार, 19 से बढ़ाकर 32 और 39 हजार रूपए तक करने का प्रावधान किया गया है।
  • लालपुल से हरिसिद्धी मंदिर तक के मार्ग का नाम पद्मभूषण स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरी जी के नाम पर करने का प्रस्ताव स्वीकृत।
  • शहर की गंदी बस्तियों का नामकरण सेवा बस्ती किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • निजी स्कूलों द्वारा नगर निगम के उद्यानों को खेल उपयोग के लिए देने पर शुल्क निर्धारण को मंजूरी।
  • देवासगेट, नानाखेड़ा बस स्टेंड को निजी फर्म को 10 साल के लिए ठेके पर देने के प्रस्ताव को मंजूरी।
  • कार्तिक मेला मैदान में दुकाने व झूले आदी के लिए ब्लॉक आवंटन की शर्तो में बदलाव को स्वीकृति।
  • आतिशबाजी विक्रेताओं को अस्थाई दुकान आवंटित करने के लिए एमआईसी के ठहराव को मंजूरी।
  • कार्तिक मेले में प्रदर्शनी आयोजन के प्रस्ताव को मंजूरी।

2 प्रस्ताव वापस भेजे

  1. शहर में लगी स्ट्रीट लाईट के संधारण, संचालन भारत सरकार की कंपनी ब्रिज एंड रूफ से कराए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया था। नगर निगम को इससे क्या लाभ होगा, यह स्पष्ट नहीं है लिहाजा प्रस्ताव को वापस भेज दिया गया है।
  2. सेंटपॉल स्कूल के पास के उद्यान में शहीदों की स्मृति व मूर्तियां लगाए जाने का प्रस्ताव भी अधूरी जानकारी के साथ आया था, इसे भी वापस भेज दिया गया है।

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