हॉस्पिटल से लाकर पूछताछ शुरू की, मंत्री डॉ. यादव कर्मचारियों के पक्ष में केस लडऩे को तैयार
उज्जैन (ललित जैन), अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में हुए डीपीएफ घोटाले का पटाक्षेप अब जल्द होता दिखाई दे रहा है। मामले में फरार मुख्य आरोपी रिपुदमन को पुलिस ने शुक्रवार को मिर्जापुर से पकड़ लिया। वहीं इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को भी लाकर पूछताछ शुरू कर दी। खास बात यह है कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव कर्मचारियों के पक्ष में केस लडऩे को तैयार नजर आ रहे है।
भैरवगढ़ जेल में ६८ कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से १५ करोड़ रुपए का गबन कर जेल में लेखा जोखा संभालने वाला रिपुदमन फरार हो गया था। सुराग नहीं आने पर एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने उस पर ५ हजार रुपए ईनाम घोषित कर दिया था। उसे तलाशने के लिए एसआई बल्लू मंडलोई, रविंद्र कटारे सहित चार पुलिसकर्मी सांवेर थाने में पदस्थ उसके भाई आरक्षक आदर्श प्रताप को लेकर बनारस स्थित उसके गांव गए थे। वहां तीन दिन के प्रयास के बाद शुक्रवार दोपहर टीम ने रिपुदमन को मिर्जापूर से दबोच लिया।
टीम संभवत: देर तक उसे लेकर आ जाएगी। घोटाले में उषाराज की भूमिका स्पष्ट होने के बाद शाम को पुलिस उन्हें इंदौर के हॉस्पिटल से ले आई और पूछताछ शुरू कर दी,जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार करने की संभावना बताई जा रही है। याद रहे तीन नोटिस के बाद भी जवाब नहीं देने पर पुलिस ने १८ मार्च को उषाराज को हिरासत में लिया था। थाने से छोडऩे के बाद पूछताछ से बचने के लिए अटैक आना बताकर इंदौर में भर्ती हो गई थी और अग्रीम जमानत के प्रयास कर रही थी। एसएसपी शुक्ल ने रिपूदमन के पकड़ाने की बात से इंकार नहीं किया है।
मामले में किसकी क्या भूमिका
पुलिस का मानना है कि रिपूदमन से पूछताछ के बाद पता चलेगा कि घोटाला कब से कैसे और किसकी मिली भगत से किया जा रहा था। गबन की राशि में से कितने से प्रापर्टी,जेवरात खरीदे किसके यहा सट्टा लगाया और किसको कितने के गिफ्ट दिए। उसका उषाराज और पांच दिन के रिमांड पर चल रहे सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरिश गेहलोद से भी सामना कराया जाएगा। मामले मे पुलिस को अब पांच हजारी के ईनामी प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार व धर्मेद्र लोधी सटोरिये, सुशील परमार, पिंटू तोमर, अमित मीणा सहित की तलाश है।
मंत्री बोले-जरुरत पड़ी तो मैं लड़ूंगा केस
प्रदेश सरकार की तीन साल की उपलब्धियों को लेकर भाजपा ने शुक्रवार को लोकशक्ति भवन में मीडिया से चर्चा की। इस दौरान जेल में हुए गबन के संबंध में मंत्री डॉ. यादव ने कहा आरोपी ने कर्मचारियों के डीपीएफ खाते में जमा राशि को कई गुना अधिक दर्शाकर लाखों रुपए निकाल लिए। इससे कई कर्मचारी पर ओवर ड्यू हो गया। वह सरकार स्तर पर प्रयास कर रहे है,लेकिन जरुरत पड़ी तो कर्मचारियों को न्याय दिलवाने के लिए खुद वकील की हैसियत से कैस लड़ेंगे। इस अवसर पर भाजपा नेता प्रभात झा,विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल,अनिल जैन कालूहेड़ा, बहादूरसिंह बोरमुंडला, विवेक जोशी, दिनेश जाटवा आदि मौजूद थे।
गबन कांड : एक नजर में
१० मार्च को गबन कांड सामने आया था। ११ मार्च को केस दर्ज होते ही रिपुदमन फरार हो गया। जेल विभाग की जांच में १५ करोड़ का घोटाला होने का पता चलते ही १४ मार्च को प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार व धर्मेद्र लोधी भी भाग गए। १५ मार्च को जेल अधीक्षक को हटाने के लिए कर्मचारी परिवार सहित धरने पर बैठ गए थे। विधायक महेश परमार ने विधानसभा में प्रश्र लगाकर गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा। १६ मार्च को जांच रिपोर्ट मिलने के अगले दिन जेल डीजी अरविंदकुमार ने अधीक्षक उषाराज को हटाकर हिमानी मनवारे का प्रभार सौंपने के आदेश दिए।१८ मार्च जेलकर्मियों के परिजनों ने खुशियां मनाई, मनवारे ने चार्ज लिया था और उषाराज को पुलिस ने हिरासत में लिया। बाद में वह इंदौर भर्ती हो गई। २१ मार्च को एसएसपी शुक्ल ने रिपूदमन व शेलेंद्रसिंह पर ५-५ हजार का ईनाम घोषित कर दिया। वहीं सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरिश गेहलोद रिमांड पर है।
पूर्व जेल अधीक्षक को इंदौर हॉस्पिटल से लाकर थाने में पूछताछ की जा रही है।
– सत्येंद्र कुमार शुक्ल,एसएसपी