महाकाल लोक: सप्त ऋषियों की मूर्तियां टूटने का कारण जानने आज आयेगी लोकायुक्त टीम

लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान में लेकर मामला दर्ज किया, प्रमुख अभियंता के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम करेगी जांच

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकाल महालोक में पिछले दिनों हवा-आंधी में उड़ी सप्त ऋषियों की प्रतिमाओं के मामले में लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रकरण दर्ज किया है। शनिवार को इस मामले की जांच करने एक पांच सदस्यीय टीम भोपाल से उज्जैन आ रही है। लोकायुक्त के प्रमुख अभियंता एनएस जौहरी के नेतृत्व में टीम पांच मुद्दों पर जांच करेगी।

श्री महाकाल महालोक में पिछले रविवार को तेज आंधी में सप्तऋषि की 6 मूर्तियां धराशायी हो चुकी हैं। इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने जांच शुरू कर दी है। जांच नंबर 0036/ई/ 2023-24 है। लोकायुक्त ने जांच दर्ज कर आगे की कार्रवाई के लिए तकनीकी शाखा को नोटशीट भेज दी गई है। सूत्रों के मुताबिक जिम्मेदारों को इसके नोटिस भी जारी हो चुके हैं।

जौहरी के नेतृत्व में टीम करेगी जांच

लोकायुक्त के प्रमुख अभियंता एनबी जौहरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम जांच करने उज्जैन आयेगी। श्री जौहरी पूर्व में विधायक महेश परमार द्वारा की गई शिकायत की जांच भी कर रहे हैं। शेष अन्य चार सदस्य में कार्यपालन और अधीक्षण यंत्री स्तर के अधिकारी शामिल है।

साइड स्टोरी : इन मुद्दों पर भी करना चाहिए जांच

  1. महाकाल लोक की मूर्ति निर्माण कार्य का टेंडर 2018 में हुआ था और वर्क ऑर्डर मार्च 2019 में जारी हुआ। महाकाल लोक का उद्घाटन अक्तूबर 2022 में हुआ। इतने समय में स्टोन की मूर्ति भी बन सकती थी।
  2. अब बात करें स्टोन वर्क की तो इसका टेंडर टेंडर 97.71 करोड़ का था जो कि 224 करोड़ तक रिवाइज़्ड किया गया।
  3. कार्य के आइटम्स दर की गणना भी अनुमानित की गई। अर्थात कांक्रीट की 18 फीट और 25 फीट की मूर्ति दर एक समान 25 लाख रखी है। ऐसे में फ़ाइबर की मूर्ति की दरें इस प्रकार सामने आईं-
    9 फीट 3.5 लाख
    10 फीट 5.5 लाख
    11 फीट 10 लाख
    15 फीट 12 लाख
  4. इसी तरह शिव स्तंभ की लागत 145 लाख रखी गई थी। जिसमें आइटम्स नंबर 14 रखे गये थे। संपूर्ण आइटम्स में किसी भी प्रकार की टेक्निकल डेटेल्स नहीं है सिफऱ् एक-दो शब्द ही लिखे है ऐसे में आइटम्स दर की गणना किस आधार पर की गई है यह मुख्य जाँच का विषय है।
  5. महाकाल लोक में उपयोग हुए सभी इलेक्ट्रिक आइटम्स की जाँच होना भी आवश्यक है। इसमें भी बड़े घपले हैं।
    लोकायुक्त जांच के प्रमुख बिंदु
  6. क्या महाकाल लोक के निर्माताओं ने पत्थर की मूर्ति स्थापित करने के लिए धन सुरक्षित रखा है?
  7. मूर्तियां एफआरपी की होंगी, यह निर्णय किस स्तर पर लिया गया?
    • क्या मूर्तियां संबंधित सप्लायर ने प्रस्तावित मानक के अनुसार ही बनाई?
    • जहां मूर्तियां स्थापित की गई, क्या उसका आधार (बेस) कमजोर था?
    • मूर्तियां की स्थापना में किसी लोकसेवक का भ्रष्टाचार परिलक्षित हो रहा है?

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