उज्जैन, अग्निपथ। टमाटर में वायरस के चलते उत्पादन घट गया है। इससे आवक कम हो गई और दाम में इजाफा हो गया। किसान से ज्यादा बिचोलियो की पौ बारह हो गई है। 90 से 150 के थोक रेट में बिकने वाला टमाटर आम उपभोक्ता को 250 के रेट में मिल रहा है। यानी किसान को भी ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। हरी ंिमर्च और अदरक के दाम भी अचानक बढ़ गए हैं।
उज्जैन सब्जी मंडी में टमाटर 60 -70 कैरेट आ रही है। यह महाराष्ट्र और झाबुआ की तरफ से आ रही है। परन्तु बिचोलियो की वजह से दाम लगातार आसमान पर जा रहे हैं। सब्जी मंडी में करीब 150 से ज्यादा आढ़तिये हैं। जो किसानों से सब्जी खरीदते हैं। फिर खेरची में सब्जी कमीशन लेकर बेच देते हैं या बिचौलिये की भूमिका में रहकर किसान की फसल को सीधे बिकवा देते हैं। इससे टमाटर समेत सभी सब्जियों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। आम उपभोक्ता महंगाई से परेशान था अब सब्जी के दाम अचानक बढ़ जाने से उसके सामने नया संकट खड़ा हो गया है।
केवल कृषि उपज मंडी के अंदर से ही मंडी की होती वसूली
चिमनगंज मंडी स्थित कृषि उपज मंडी की सब्जी मंडी में जो किसान अपनी उपज लेकर आते हैं उनकी सब्जी की बिक्री आढ़तियों के माध्यम से होती है। इसी के जरिए टैक्स की वसूली होती है। एक ठेले या खेरची विक्रेता से मंडी के चार से पांच कर्मचारी अलग-अलग 15-15 रुपए के हिसाब से टैक्स वसूली करते हैं। यह वसूली सुबह पांच बजे से 8.30 बजे के बीच होती है।
गुदरी, गोपाल मंदिर, फ्रीगंज सब्जी मंडी में किसी का नियंत्रण नहीं
उज्जैन में सब्जी विक्रय के लिए फ्रीगंज में मक्सी रोड और टावर, गोपाल मंदिर के पास, गुदरी और हरिफाटक के पास हाट के माध्यम से सब्जी का विक्रय होता है। इन स्थानों पर रेट को लेकर कोई नियंत्रण करने वाला नहीं है। नगर निगम रसीद काटता है। वह भी रेट को लेकर कोई नियंत्रण नहीं करता है।
- इस साल कुछ इश्यू है। उत्पादन कम होने से रेट बढ़े हैं। मंडी समिति ने बताया है कि टमाटर 60 से 100 रुपए किलो दाम पर बिक रहा है। 250 रुपए किलो बिकना तो वास्तव में बहुत ज्यादा है। उद्यान विभाग का काम रेट कंट्रोल करना नहीं है। मंडी ही इस व्यवस्था को देखता है। -पीएस कनेश, डिप्टी डायरेक्टर उद्यान उज्जैन
- किसान को मंडी में इतना दाम नहीं मिल रहा है। जितने महंगे रेट में बाजार में टमाटर बिक रहा है। वायरस की वजह से कुछ इलाकों में टमाटर का उत्पादन घटा है। इससे दाम बढ़े हैं। जब किसान का आळू और प्याज 2 से 4 रुपए किलो बिका था। किसान फेंकने को मजबूर हुआ था तब कोई इस विषय में नहीं बोला था। किसान की समस्या पर भी सभी को ध्यान देना चाहिए। -दशरथ पंडया, भारतीय किसान संघ उज्जैन अध्यक्ष
- मंडी में आढ़तिये का कमीशन जोडक़र सब्जी का विक्रय थोक में किया जाता है। मंडी में जो रेट है वह इतना नहीं होता है। खेरची विक्रेता पर मंडी का कोर्ई नियंत्रण नहीं है। -उमेश शर्मा बसेडिया, कृषि उपज मंडी सचिव उज्जैन
- मंडी में 900 से 2500 रुपए क्विंटल के दाम पर टमाटर बिक रहा है। थोक में कमीशन लेकर टमाटर बेच रहे हैं। उत्पादन कम होने से रेट बढ़े हैं। खेरची में ज्यादा दाम पर बिकने वाले टमाटर में हमारा नियंत्रण नहीं। – लेखराज चंदेरीवाल, सब्जी व्यापारी एसोसिएशन सदस्य