उज्जैन,अग्निपथ। बहुचर्चित पीएचडी कांड में आरोपियों की संख्या जल्दी बढ़ सकती है। मामले में लोकायुक्त ने गुरुवार को विक्रम विश्व विद्यालय के कुलपति को भी तलब कर करीब एक घंटे पूछताछ की है।
विक्रम विश्व विद्यालय में इंजीनियरिंग पीएचडी परीक्षा २०२२ के रिजल्ट में हुई धांधली में लोकायुक्त ने पूर्व कुलसचिव व प्रोफेसर सहित ८ लोगों को आरोपी बना लिया है। मामलें में जांच अधिकारी दीपक शेजवार ने गुरुवार को विक्रम विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे को ज्ञी तलब कर लिया। प्रो. पांडे से आंसर शीट में की गई गड़बडिय़ों के संबंध में करीब एक घंटे तक बयान लिए गए। हालांकि प्रो. पांडे की भूमिका है या नहीं और उन्होंने क्यां बयान दिए यह पता नहीं चल सका,लेकिन मालूम पड़ा है कि प्रकरण में युर्निवसिटी के अन्य अधिकारियों के साथ शेष बचे ८ शोधार्थी भी जल्द ही आरोपी बन सकते है।
अब तक इन पर केस
6 मार्च 2022 को इंजीनियरिंग में पीएचडी प्रवेश परीक्षा हुई थी। इसके रिजल्ट में धांधली होने पर यूथ कांंग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने १८ मई २०२३ को लोकायुक्त में शिकायत की थी। २१ जून को दर्ज मामले में विवि विद्यालय कुलसचिव डॉ.प्रशांत पौराणिक, सहायक कुल सचिव वीरेंद्र ऊचवारे प्रोफेसर डा.पीके वर्मा,डॉ.गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रेाफेसर डॉ. वायएस ठाकुर पर भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज किया था।
मंत्री के ओएसडी की बहन भी आरोपी
याद रहे पीएचडी परीक्षा की आंसर शीट में धांधली कर 11 शोधार्थियों को पास किया था। जांच के बाद बुधवार को अमित मरमट,यूपी स्थित ऐटा के गौरव कुमार शर्मा और देवास की अंशुमा पटेल को भी आरोपी बना दिया। शेष पर भी कार्रवाई तय है। लेकिन इसी बीच पता चला है कि धांधली से पास हुआ उज्जैन का मरमट इंजीनियरिंग कालेज का गेस्ट फैकल्टी में है। वहीं अंशुमा पटेल उच्च शिक्षा मंत्री के ओएसडी रहे सपल पटेल की बहन है।