शिप्रा का जल डी कैटेगरी का, पीने और नहाने योग्य नहीं : दवे

उज्जैन, इंदौर, देवास रतलाम कलेक्टर को रिपोर्ट पेश करना है एनजीटी में

उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा का जल डी कैटेगरी का है। अर्थात यह जल पीने और नहाने योग्य नहीं है। केवल साफ -सफाई के इस्तेमाल में लिया जा सकता है। उक्त दावा पर्यावरणविद और एनजीटी कार्यकर्ता सचिन दवे ने रविवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए किया। उन्होंने कहा कि उज्जैन के घाटों में शिप्रा का गंदा जल मिलने की जानकारी मिली है। इसे भी याचिका का हिस्सा बनाया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 20 अगस्त को एनजीटी में उज्जैन, देवास, इंदौर और रतलाम के कलेक्टर को शिप्रा के जल को लेकर अलग-अलग रिपोर्ट पेश करना हैं। वहीं एडिश्नल चीफ सेक्रेट्री, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को भी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को हुई पेशी में उज्जैन कलेक्टर कोई जबाव नहीं दे पाए थे। उन्हें एनजीटी की तरफ से फटकार भी लगी थी। दवे ने बताया कि शिप्रा में व्याप्त प्रदूषण का अध्ययन करने के लिए शिप्रा के उद्गम शिप्रा मंदिर इंदौस से लकर संगम शिप्रावड़ा (आलोट रतलाम) तक यात्रा की गई है।

उन्होंने संयोजक होने के नाते तैयार रिपोर्ट एनजीटी में लगाई और 28 फक्षकार बनाए हैं। विक्रम विश्वविद्यालय के छात्रों के एक दल ने शिप्रा के घाटों के सैंपल लिये थे। अधिकांश घाटों के सैंपल के नमूने डी कैटेगरी के पाए गए हैं। अर्थात यह पानी नहाने और पीने योग्य नहीं पाया गया।

याचिका 280 किलो मीटर के अध्ययन दल के आधार पर लगाई गई है। इसमें पाया गया कि केडी गेट पैलेस के पास से निकलने वाले नाले का लाल पानी शिप्रा में मिल रहा है और यह पानी केडी गेट पैलेस से लेकर महिदपुर के अंतिम गांव तक जा रहा है। इस पानी का इस्तेमाल 70 किलोमीटर के क्षेत्र में बसे 250 गांव के लोग खेती और पशु इस्तेमाल में कर रहे हैं। इससे गांव में बीमारियां पनप रही हैं। फसलें जल रही हैं।

यात्रा दल ने 1200 लोगों से चर्चा की

दवे ने बताया कि शिप्रा अध्ययन यात्रा दल के 20 शोध छात्रों ने 4 जिलों के 32 स्थानों पर 1200 ग्रामीणों से चर्चा की। यात्रा मार्च 2022 से लेकर जून, नवंबर व दिसंबर 2022 दोनों मौसम में की गई। यात्रा में पाया गया कि इंदौर और देवास के उद्योगों का पानी शिप्रा में मिल रहा है। गंगा की सहायक नदी की यह दुर्दशा के 13 कारण सामने आए हैं। शिप्रा उद्गम के सात किलोमीटर बाद ही नहीं दिखती है। जहां नर्मदा का पानी डाला जा रहा है वहां सही तरीके से पानी नहीं डाला जा रहा है।

Next Post

सडक़ हादसे में बाइक पर सवार मां-बेटे की मौत, तीन घायल

Sun Jul 30 , 2023
शाजापुर, अग्निपथ। राष्ट्रीय राजमार्ग 52 पर एक अज्ञात वाहन की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार मां बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि 3 अन्य घायल है। सूचना मिलते ही एंबुलेंस 108 मौके पर पहुंची और मृतकों को जिला अस्पताल लाया गया। घायलों को भी अन्य एंबुलेंस से लाया […]