अनाज तिलहन संघ निर्वाचन: सरकार से साथ बेहतर तालमेल के लिए व्यापारियों ने सर्व स मति से लिया फैसला
उज्जैन, अग्निपथ। प्रदेश में भाजपा सरकार के फिर से सत्ता में आते ही उज्जैन में अनाज तिलहन संघ में भी बदलाव हो गया है। इस बार अनाज तिलहन संघ का निर्वाचन गोपनीय तरीके से किया गया था, ताकि विवाद की स्थिति न बने। कांग्रेस समर्थित गोविंद खंडेलवाल ने पद को छोड़ दिया और मंत्री मोहन यादव समर्थित जितेंद्र अग्रवाल अध्यक्ष और सांसद चिंतामण मालवीय के भाई और भाजपा नेता हजारी लाल मालवीय सचिव चुने गए।
प्रेस को जारी बयान में पूर्व अध्यक्ष निमेष अग्रवाल ने बताया कि दो साल के लिए अनाज तिलहन संघ के लिए जितेंद्र अग्रवाल को चुना गया है। सचिव पद पर हजारीलाल मालवीय, अशोक तल्लेरा को कोषाध्यक्ष, अनिल शेखावत को उपाध्यक्ष, अनिल गर्ग को उपाध्यक्ष, अभिषेक जैन निक्की को सहसचिव नियुक्त किया गया है।
व्यापारियों के हित में नए काम करेंगे
अनाज तिलहन संघ के नव निर्वाचित सचिव हजारीलाल मालवीय ने बताया कि वे मंगलवार को सचिव चुने गए हैं। अब व्यापारियों के हित में नए काम और नए फैसले लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा मंत्री मंडल के गठन के बाद नव निर्वाचित पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम कराया जाएगा। ताकि शपथ ग्रहण में मंत्री और अन्य विधायकों को आमंत्रित किया जा सके।
भाजपा विधायकों का रहेगा मंडी में दखल
उज्जैन मंडी घट्टिया विधानसभा के क्षेत्र में आती है इस वजह से घट्टिया से भाजपा विधायक सतीश मालवीय, मु यमंत्री मोहन यादव, उज्जैन उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा का दखल रहेगा। अभी तक पारस जैन और कांग्रेस विधायक रामलाल मालवीय का दखल रहता था। हालांकि सांसद अनिल फिरोजिया और दक्षिण विधायक मोहन यादव का दखल भी मंडी में बढ़ा था।
विधानसभा चुनाव में खंडेलवाल का भाषण हुआ था वायरल
बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव के लिए होटल अबिका में व्यापारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में अनाज तिलहन संघ के अध्यक्ष के नाते गोविंद खंडेलवाल भी मौजूद थे। उन्होंने बैठक में भाजपा से उज्जैन उत्तर और दक्षिण विधानसभा के प्रत्याशी को लेकर टिप्पणी की थी। उनके भाषण का यह वीडियो वायरल हो गया था।
इस भाषण के बाद भाजपा के दोनों प्रत्याशी नाराज हो गए थे और उन्होंने मंडी से किनारा कर लिया था। मंडी में आने से परहेज करने लगे थे। प्रदेश में भाजपा सरकार के आने के साथ ही खंडेलवाल के पद छोडऩे की बातें शुरू हो गई थी। यह मंगलवार को पदाधिकारियों के नाम सामने आने के बाद साफ हो गई।