निर्देश 24 घंटे दवा वितरण केन्द्र खोलने के, केवल 12 घंटे खोल रहे

रात 9 बजे बाद नहीं मिल रही सुविधा

उज्जैन, अग्निपथ। संभाग का बड़ा और प्रदेश का तीसरा सबसे बड़े जिला अस्पताल में मरीजों को वह सभी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जिनके वह हकदार हैं। अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण दवाई वितरण केन्द्र को जहां 24 घंटे खोले जाने के आदेश स्वास्थ्य विभाग ने दे रखे हैं, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मरीज रात्रि में निजी अस्पतालों में स्थित मेडिकल स्टोर्स से महंगी दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं।

मध्यप्रदेश में मरीजों के लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना की औपचारिक शुरूआत 2012 से हुई थी। नि:शुल्क दवा वितरण योजना के प्रारंभ के लिए जिला अस्पताल में भी इस केन्द्र का शुभारंभ किया गया था। नि:शुल्क दवा वितरण योजना के तहत अस्पतालों में मरीजों को जेनरिक दवाएं मु त दी जाना चाहिये थीं। इस योजना में अस्पतालों में करीब 147 तरह की दवाईयां उपलब्ध होना थीं।

जिला अस्पताल में भी औषधि वितरण के लिए औषधि वितरण केंद्र स्थापित किया गया था। इसके अलावा पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जिला अस्पतालों में दवाओं का स्टॉक ऑनलाइन किये जाने की व्यवस्था भी शुरु की गई थी। जिला अस्पताल में भी दवाई वितरण के लिये 5 नंबर कमरे से व्यवस्था शुरू की गई थी, जोकि आज भी चालू है।

रात 9 से सुबह 9 तक बंद रहता केन्द्र

सरदार वल्लभ भाई नि:शुल्क औषधि वितरण केन्द्र जोकि 5 नंबर कमरे में स्थित है। इसको 24 घंटे खोले जाना था। लेकिन जिला अस्पताल का यह औषधि वितरण केन्द्र सुबह 9 से रात्रि 9 बजे तक ही खुलता है। रात्रि 9 से सुबह 9 बजे तक यह औषधि वितरण केन्द्र बंद रहता है। बीमारी रात्रि के समय ही दस्तक देती है। लिहाजा दवाई वितरण केन्द्र रात्रि में नहीं खुलने से कई गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में स्थित रात्रि में खुले रहने वाले मेडिकल स्टोर्स से दवाइयां खरीदना पड़ती हैं। ऐसे में उनका पैसा तो बर्बाद होती ही है, साथ ही समय पर उपचार शुरू नहीं हो पाता है।

फार्मासिस्टों को अन्य कार्यों में लगाया

जिला अस्पताल के इस नि:शुल्क औषधि वितरण केन्द्र को संभालने वाले फार्मासिस्टों को अन्य कार्यों में लगाये जाने के कारण इसका संचालन रात्रि में नहीं हो पाता है। वहीं सर्पोटिंग स्टाफ को भी अन्य कार्यों में लगाया हुआ है। लिहाजा स्टाफ की कमी के कारण इसका संचालन रात्रि में बंद कर दिया गया है। वहीं माधव नगर अस्पताल के औषधि वितरण केन्द्र का संचालन रात्रि में भी किया जा रहा है। ऐसे में संभाग के सबसे बड़े अस्पताल की ऐसी व्यवस्था के कारण गरीब मरीजों को रात्रि में दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।

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